हरियाणा के भिवानी जिले के जमालपुर गांव में आई विनाशकारी बाढ़ ने किसानों की कमर तोड़ दी है। लगभग 1500 एकड़ कृषि भूमि जलमग्न होने के कारण खरीफ की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई और रबी की आगामी फसल की बुवाई भी असंभव लग रही थी। प्रशासन और अन्य स्रोतों से निराशा हाथ लगने के बाद ग्राम पंचायत ने अपनी अंतिम उम्मीद के साथ जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के समक्ष गुहार लगाई। यह घटना केवल बाढ़ राहत की नहीं है, बल्कि एक सच्चे संत द्वारा दिखाई गई अभूतपूर्व संवेदनशीलता और निस्वार्थ सेवा की मिसाल है।
पंचायत की प्रार्थना के कुछ ही दिनों के भीतर, संत रामपाल जी महाराज ने तत्काल प्रभाव से 8800 फुट 8 इंची पाइपलाइन और दो 20 हॉर्स पावर (HP) मोटरें भेजकर किसानों को एक नया जीवनदान दिया है, जिससे उन्हें अपने खेतों से पानी निकालकर अगली फसल की तैयारी करने का मौका मिला है।
बाढ़ की विभीषिका: भिवानी के जमालपुर में किसान संकट
जमालपुर गाँव, जो बवानी खेरा ब्लॉक के तहत आता है, हरियाणा में इस वर्ष आई अभूतपूर्व बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक था। मानसून के दौरान लगातार और भारी जल-जमाव के कारण गांव के चारों ओर एक विशाल झील जैसी स्थिति बन गई थी।
जमीन और आजीविका का नुकसान
- विशाल जलभराव: गाँव की कुल 1500 एकड़ कृषि भूमि पानी में डूबी हुई थी।
- रोजी-रोटी पर संकट: नरमा, बाजरा और धान जैसी प्रमुख फसलें पूरी तरह से सड़ गईं। किसानों की मेहनत और लागत का पूर्ण नुकसान हुआ।
- भविष्य की चिंता: पानी की निकासी न होने के कारण, किसानों के पास अगली फसल, यानी रबी की बुवाई के लिए समय नहीं बचा था। यह स्थिति केवल एक मौसमी नुकसान नहीं थी, बल्कि कई परिवारों के लिए भुखमरी का कारण बन सकती थी।
- पशुओं का चारा संकट: जलमग्न खेतों के कारण पशुओं के चारे की भी भारी कमी हो गई थी, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर दोहरी मार पड़ रही थी।
संत रामपाल जी महाराज से जगी आशा की किरण
जब स्थानीय प्रशासन और राजनीतिक नेतृत्व से किसानों को कोई ठोस और त्वरित समाधान नहीं मिला, तब सरपंच भूप सिंह ने पूरे गाँव की पंचायत के साथ मिलकर संत रामपाल जी महाराज से मदद लेने का फैसला किया।

बरवाला स्थित सतलोक आश्रम के कार्यालय में प्रार्थना
ग्राम पंचायत ने एकजुट होकर बरवाला स्थित कार्यालय में जाकर संत रामपाल जी महाराज के चरणों में एक प्रार्थना पत्र सौंपा। इस प्रार्थना पत्र में गाँव के संकट का वर्णन किया गया और विशेष रूप से निम्नलिखित उपकरणों की मांग की गई:
- मोटरें: पानी को तेज़ी से निकालने के लिए दो (2) 20 हॉर्स पावर (HP) की शक्तिशाली मोटरें।
- पाइपलाइन: जल निकासी के लिए एक लंबी दूरी तय करने हेतु 8800 फुट 8 इंची पाइपलाइन।
पंचायत ने पूर्ण विश्वास व्यक्त किया कि संत रामपाल जी महाराज ही इस संकट में उनका उद्धार कर सकते हैं।
तुरंत और विशाल राहत कार्य
यह घटना इस बात का प्रमाण बन गई कि संत रामपाल जी महाराज का सेवा कार्य किसी लोक-दिखावे के लिए नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर जरूरतमंदों तक राहत पहुँचाने के लिए है।
- त्वरित कार्रवाई: प्रार्थना पत्र सौंपे जाने के कुछ ही दिनों के भीतर, राहत सामग्री का एक विशाल काफिला जमालपुर गाँव पहुँच गया।
- पूरी सामग्री का वितरण: पंचायत द्वारा मांगी गई पूरी सामग्री – 8800 फुट पाइप और दो 20 HP मोटरें – गाँव में उपलब्ध करा दी गईं।
- व्यापक किट: मोटरों और पाइप के साथ स्टार्टर, केबल, और यहाँ तक कि पाइपलाइन को जोड़ने के लिए छोटे से छोटा सामान (जैसे फेविकोल, बैंड्स, और क्लैम्प्स) भी दिया गया, ताकि ग्रामीणों को कोई भी परेशानी न हो।
ग्रामीणों के अनुसार यह सामग्री किसी चमत्कार से कम नहीं थी क्योंकि इतनी तेज़ी से और इतनी बड़ी मात्रा में राहत मिलना अभूतपूर्व था।
परोपकार की भावना: संत रामपाल जी महाराज का संवेदनशील दृष्टिकोण
संत रामपाल जी महाराज के इस बाढ़ राहत अभियान की सबसे अनूठी विशेषता यह है कि यह केवल धन या सामग्री का दान नहीं है, बल्कि एक सच्चे संत का परोपकारी दृष्टिकोण है।
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किसान परिवार से संवेदनशीलता
संत रामपाल जी महाराज स्वयं एक किसान परिवार से आते हैं, इसलिए वह किसानों का दर्द गहराई से समझते हैं। उनका यह सेवा कार्य किसी राज्य या क्षेत्र तक सीमित नहीं रहा है; हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश सहित पूरे भारत में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को सहायता प्रदान की गई है।

निवेदन, निर्देश और स्थायी समाधान
राहत सामग्री देते समय, सेवादारों ने पंचायत को संत रामपाल जी महाराज का एक विशेष संदेश सौंपा। यह संदेश उनकी संवेदनशीलता और दूरदर्शिता को दर्शाता है:
- समयबद्ध निकासी: गुरुजी ने सख़्त निर्देश दिया कि सामान चाहे जितना भी लगे, पानी निर्धारित समय पर निकलना अनिवार्य है ताकि अगली फसल की बिजाई हो सके। यदि पानी नहीं निकला तो गलती ग्रामीणों की मानी जाएगी।
- स्थायी भेंट: दी गई पाइपलाइन और मोटरें जमालपुर गाँव को स्थायी उपहार के रूप में दी गईं। ग्रामीणों को सलाह दी गई कि वे इन्हें अपनी जमीन में दबा लें ताकि भविष्य में जब भी बाढ़ आए, वे तुरंत पानी निकाल सकें और गाँव की बाढ़ की समस्या का सदा के लिए समाधान हो जाए।
- जनता का विश्वास: गुरुजी ने कहा कि राहत कार्य के पहले (पानी भरा हुआ), बाद में (पानी निकलने पर), और फसल लहराने पर तीन अलग-अलग वीडियो बनाए जाएंगे। इन वीडियो को समागमों में दिखाया जाएगा ताकि संगत को विश्वास हो कि उनके दान का कोई दुरुपयोग नहीं होता है, और उन्हें समाज सेवा के लिए प्रेरित किया जा सके।
जमालपुर की आवाज़: “महाराज हमारे भगवान हैं”
राहत सामग्री मिलने के बाद जमालपुर के ग्रामीणों और सरपंच ने भावुक होकर संत रामपाल जी महाराज का आभार व्यक्त किया।
- सरपंच भूप सिंह: उन्होंने कहा कि इस दुखद घड़ी में संत रामपाल जी महाराज उनके साथ खड़े नज़र आए और उन्होंने ग्राम पंचायत जमालपुर की तरफ से उनका कोटि-कोटि धन्यवाद किया।
- ग्रामीणों का कथन: किसानों ने एक स्वर में कहा, “जब हमारी दोनों फसलें मरने वाली थीं, तब संत रामपाल जी महाराज ने भगवान बनकर हमें जीवन दान दिया है।” उन्होंने यह भी कहा कि जहाँ बड़े-बड़े कथावाचक लाखों कमाते हैं, वहीं सच्चा संत अपना सारा धन परमार्थ में लगाता है।
- स्मृति चिन्ह: गाँव की तरफ से संत रामपाल जी महाराज को एक स्मृति चिन्ह (मोमेंटो) भेंट किया गया, जिसमें गाँव जमालपुर (सेकंड) ने बाढ़ राहत कार्य में सहयोग हेतु 8800 फुट पाइप और दो 20 HP पंप सेट देने के लिए उनका हार्दिक धन्यवाद किया।
सेवा का सर्वोच्च उदाहरण
संत रामपाल जी महाराज ने अपने निस्वार्थ कर्मों से यह साबित कर दिया है कि वह केवल आध्यात्मिक उद्धारकर्ता ही नहीं, बल्कि मानव समाज के सबसे बड़े शुभचिंतक भी हैं, जिन्होंने किसानों और जरूरतमंदों की रोजी-रोटी बचाकर एक महान पुण्य का काम किया है।



