October 15, 2025

ईरान–इजरायल शांति सन्देश: कभी थे दोस्त आज बन गये हैं दुश्मन

Published on

spot_img

Iran Israel Conflict: ईरान और इजरायल लंबे समय से एक-दूसरे से प्रॉक्सी वॉर लड़ रहे हैं। अब जंग लड़ने की तैयारी कर रहे ये दोनों देश कभी आपस में एक दूसरे के दोस्त हुआ करते थे। कहा जाता है कि ईरान ने कभी खुलकर इजरायल से दोस्ती का इजहार नहीं किया था। दोनों में नजदीकियां तब और बढ़ गईं जब एक अमेरिकी खुफिया ऑपरेशन ने ईरान में अपनी कठपुतली सरकार बनवा दी थी। अलजजीरा के मुताबिक दोनों के बीच संबंध इतने अच्छे थे कि ईरान की खुफिया एजेंसी सावाक को इजरायली की खुफिया एजेंसी मोसाद से ट्रेनिंग मिलती थी। अब ईरान-इजरायल के बीच ये हालात आखिर कैसे बने? क्या दोनों देशों के बीच दोबारा शांति और अमन को कायम किया जा सकता है? जानते हैं इस लेख में।

जब सन् 1948 में, मिडिल ईस्ट में फिलिस्तीन की जगह पर इजरायल नाम से एक नया यहूदी देश बना। उस वक्त मिडिल ईस्ट के ज्यादातर अन्य मुस्लिम देशों ने इजरायल को पृथक राष्ट्र के रूप में मान्यता देने से इनकार कर दिया था। इस वक्त तुर्किये के बाद ईरान दूसरा मुस्लिम राष्ट्र था, जिसने 1948 में ही उसे देश के तौर पर स्वीकार कर लिया था। काफी लंबे समय तक दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध रहे।

1 अप्रैल को, इजरायल ने दमिश्क में ईरानी वाणिज्य दूतावास पर बमबारी की, जिसमें कई वरिष्ठ ईरानी अधिकारी मारे गए, 13 अप्रैल 2024 को सीरिया में ईरानी एंबेसी के पास इजरायली सेना की एयरस्ट्राइक इसी प्रॉक्सी वॉर का हिस्सा था। इसमें ईरान के दो टॉप आर्मी कमांडर्स समेत 13 लोग मारे गए थे। इस हमले के जवाब में ईरान और उसके प्रतिनिधियों ने इजरायल से बदला लेने की धमकी दी और चंद ही क्षणों में दोनों देशों की दोस्ती दुश्मनी में बदल गई।

इजरायल का ईरान पर आरोप है कि वह अक्सर हमास और हिजबुल्लाह जैसे संगठनों के जरिए इजरायल या उसके दूतावास पर हमले करवाता है, इसलिए इजरायल भी इन हमलों के जवाब में हमास, हिजबुल्लाह तथा ईरानी ठिकानों पर हमला कर देता है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने तेल अवीव में युद्ध कैबिनेट की एक बैठक बुलाई और कहा कि इस वक्त हमारा देश ईरान से सीधे हमले की तैयारी में है और हम रक्षात्मक और आक्रामक किसी भी हालातों से निपटने के लिए तैयार हैं। 

■ Also Read: Israel Iran War: Is This The Beginning of World War III?

वहीं दूसरी तरफ फ्रांस, जर्मनी और यूरोपीय संघ ने भी ईरान के द्वारा किए गए हमले की निंदा की है। यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख जोसेप बोरेल ने कहा, “यूरोपीय संघ इजरायल के खिलाफ अस्वीकार्य ईरानी हमले की कड़ी निंदा करता है। यह क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है।”

संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन पूरी तरह इजरायल के समर्थन में आ गए हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका ने ईरान के हमले से बचाव में इज़राइल को मदद करने का वचन दिया है। व्हाइट हाउस की प्रवक्ता एड्रिएन वॉटसन ने एक बयान में कहा है कि, “राष्ट्रपति बाइडेन स्पष्ट रहे हैं। इज़राइल की सुरक्षा के लिए हमारा समर्थन दृढ़ है। संयुक्त राज्य अमेरिका इज़राइल के लोगों के साथ हमेशा खड़ा रहेगा और ईरान से इन खतरों के खिलाफ उनकी रक्षा करेगा।”

इस पर ईरान के रक्षा मंत्री का कड़ा रुख सामने आया और कहा कि जो भी देश इज़राइल द्वारा ईरान पर हमलों के लिए अपना हवाई क्षेत्र खोलेगा उसे तेहरान की कड़ी प्रतिक्रिया मिलेगी। वहीं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने भी ईरान की कड़े शब्दों में निंदा की है, “मैं इजरायल के खिलाफ ईरानी शासन के लापरवाही भरे हमले की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। ब्रिटेन इज़राइल की सुरक्षा के लिए हमेशा खड़ा रहेगा।” 

वर्तमान समय में पूरी पृथ्वी पर सभी व्यक्ति किसी न किसी समस्या से ग्रसित है, चाहे वह मानसिक हो शारीरिक हो या फिर आर्थिक। इन्हीं कारणों के चलते लोगों में आपसी मनमुटाव और द्वेष की भावना उत्पन्न हो जाती है, जो कि एक विद्रोह का रूप धारण कर लेती है। इजरायल और ईरान के बीच हिंसात्मक विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ ब्रिटेन, संयुक्त राष्ट्र संघ और अन्य खाड़ी देश भी युद्ध को टालने के लिए उसमें हस्तक्षेप कर रहे हैं, लेकिन अभी समस्या का समाधान होता हुआ नजर नहीं आ रहा है। 

ऐसा भी नहीं है कि इस विवाद का युद्ध के अतिरिक्त कोई समाधान ही ना हो। लेकिन जरूरत है कि लोग विभिन्न भविष्यवक्ताओं द्वारा की गई भविष्यवाणियों पर गौर करे और उस आधार पर अपनी परिस्थितियों को संभाले क्योंकि विभिन्न भविष्यवक्ताओं ने वर्तमान में हो रही घटनाओं का उल्लेख पहले ही अपनी भविष्यवाणियों में अंकित किया हुआ है। जिसमें सभी ने इसका समाधान कैसे होगा, इसका भी जिक्र किया है। उन भविष्यवाणियों को जानने के लिए देखें यह पूरी वीडियो।

इन भविष्यवाणियों से स्पष्ट होता है कि आतंकवाद या सामाजिक विद्रोह और विश्व युद्ध से निबटने का एकमात्र साधन सत्य आध्यात्मिक ज्ञान है। जो कि आज जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के पास उपलब्ध है। संत रामपाल जी महाराज ऐसे दिव्य महापुरुष हैं जो पूरे विश्व की काया पलट करने में समर्थ हैं। अधिक जानकारी के लिए विजिट करें www.jagatgururampalji.org

1. ईरान और इजरायल में अधिक शक्तिशाली कौन कौन है? 

ईरान अपनी अत्यधिक सैन्य बल के लिए जाना जाता है, वहीं इजरायल भी अपनी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के क्षेत्र कई कदम आगे है। 

2. ईरान भारत से अलग कब हुआ? 

कुछ तथ्यों के अनुसार ईरान कभी भारत का हिस्सा रहा ही नहीं है। किंतु कुछ ऐतिहासिक घटनाएँ यह भी दर्शाती है कि ईरान अखंड भारत का कभी हिस्सा था। किन्तु अलग होने की वजह और समय अज्ञात है। 

3. इजरायल देश कब बना? 

14 मई 1948 में इजरायल राष्ट्र की स्थापना हुई।  

4.इजरायल का दूसरा नाम क्या है? 

प्राचीन समय में इजरायल का अन्य नाम इसाइयत थी।

निम्न सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर हमारे साथ जुड़िए

WhatsApp ChannelFollow
Telegram Follow
YoutubeSubscribe
Google NewsFollow

Latest articles

सिंघवा राघो गांव में संत रामपाल जी महाराज बने किसानों के मसीहा: जब सरकारें नाकाम रहीं, तब दिखाई राह

हरियाणा के हिसार जिले के सिंघवा राघो गांव में बाढ़ ने तबाही मचा दी...

संत रामपाल जी महाराज के करिश्मे से हरियाणा के  हिसार जिले के राजली गांव में बाढ़ पीड़ितों को मिला जीवनदान

हरियाणा के हिसार जिले की बरवाला तहसील का राजली गांव इस वर्ष आई भीषण...

World Food Day 2025: Right to Food for a Brighter Future

World Food Day was first established in November 1979. The idea was suggested by former Hungarian Minister of Agriculture and Food Dr Pal Romany. Since then, the day has been celebrated by more than 150 countries around the world. It is an initiative by the Food and Agricultural Organisation (FAO) of the United Nations. 

International Day of Rural Women 2025: Understand the Role of Rural Women to Attain Gender Equality

International Day of Rural Women recognizes the significant role and involvement of rural women. Know its theme and history.
spot_img

More like this

सिंघवा राघो गांव में संत रामपाल जी महाराज बने किसानों के मसीहा: जब सरकारें नाकाम रहीं, तब दिखाई राह

हरियाणा के हिसार जिले के सिंघवा राघो गांव में बाढ़ ने तबाही मचा दी...

संत रामपाल जी महाराज के करिश्मे से हरियाणा के  हिसार जिले के राजली गांव में बाढ़ पीड़ितों को मिला जीवनदान

हरियाणा के हिसार जिले की बरवाला तहसील का राजली गांव इस वर्ष आई भीषण...

World Food Day 2025: Right to Food for a Brighter Future

World Food Day was first established in November 1979. The idea was suggested by former Hungarian Minister of Agriculture and Food Dr Pal Romany. Since then, the day has been celebrated by more than 150 countries around the world. It is an initiative by the Food and Agricultural Organisation (FAO) of the United Nations.