हिसार जिले के गुराना गाँव में हाल ही में एक अनोखा दृश्य देखने को मिला, जिसने पूरे क्षेत्र को चकित कर दिया। संत रामपाल जी महाराज की ‘अन्नपूर्णा मुहिम’ के तहत जहाँ देशभर में असहाय और जरूरतमंद परिवारों के लिए घर बनवाए जा रहे हैं, वहीं इसी क्रम में गुराना गाँव की एक अत्यंत गरीब बहन, सुशीला जी, का नया मकान मात्र 10 दिनों में बनकर तैयार कर दिया गया था । जब इस घर की चाबी सौंपी जाने का कार्यक्रम आयोजित हुआ, तो गाँव के सरपंच जी भी उसमें आमंत्रित थे।
गाँव की पीड़ा और सरपंच की प्रार्थना
चाबी सौंपने के इस कार्यक्रम में ही सरपंच जी ने गाँव की एक और गहरी समस्या को सामने रखा। उन्होंने बताया कि इस समय पूरा गुराना गाँव बाढ़ की चपेट में है। चारों तरफ पानी भर चुका है और लगभग 300 से 400 घर पानी में डूबने की कगार पर हैं। गाँव की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं, पशुओं के लिए चारा तक नहीं बचा है और लोगों को पीने के पानी की भी भारी समस्या हो रही है।

गाँव की इस दयनीय स्थिति को देखकर सरपंच प्रतिनिधि जी ने गाँव की ओर से संत रामपाल जी महाराज के चरणों में लिखित प्रार्थना कमेटी सेवादारों को सौंपी। सेवादारों ने उस पत्र को तुरंत महाराज जी तक पहुँचाया और फिर जो हुआ, वह गाँव वालों के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं था।
संत रामपाल जी महाराज का त्वरित आदेश
प्रार्थना पहुँचने के कुछ ही घंटों में संत रामपाल जी महाराज का आदेश आया कि गुराना गाँव को इस आपदा से बाहर निकालने के लिए जो भी आवश्यक सामान हो, उसे तत्काल उपलब्ध कराया जाए। यह सुनते ही सेवादारों की टीम हरकत में आ गई।

अगले ही दिन महाराज जी की एक टीम मोटर खरीदने बाजार पहुँची और दूसरी टीम सीधे उकलाना स्थित ‘वर्धमान पाइप फैक्ट्री’ पहुँची। वहाँ रात भर मशीनें चलाकर विशेष पाइपों का निर्माण किया गया। फैक्ट्री मालिक ने बताया कि संत रामपाल जी महाराज ने साफ निर्देश दिए थे कि गुणवत्ता से कोई समझौता न हो और गाँव के लिए केवल सबसे मजबूत और टिकाऊ पाइप ही बनाए जाएँ। इस तरह, उच्च गुणवत्ता वाले 8 इंची, डबल-लेयर पाइप तैयार किए गए।
उम्मीद से अधिक सहायता
गाँव वालों ने 15,000 फीट पाइप की माँग की थी, लेकिन संत रामपाल जी महाराज ने 16,500 फीट पाइप उपलब्ध कराए। इसी तरह गाँव की ज़रूरत 5 मोटरों की थी, जबकि महाराज जी ने 6 शक्तिशाली मोटरें भिजवाईं। इनमें पाँच 15 हॉर्स पावर की और एक 10 हॉर्स पावर की मोटर शामिल थीं। इसके अलावा 4 बड़े हैंडपंप भी गाँव में पीने के पानी की आपूर्ति के लिए लगाए गए।

इतनी बड़ी मदद इतनी कम अवधि में पहुँचाना गाँव वालों के लिए अविश्वसनीय था। सरपंच जी और पंचायत के अन्य सदस्यों ने कहा कि यह केवल किसी महान संत या भगवान का ही कार्य हो सकता है।
सेवा बिना भेदभाव
इस पूरी घटना का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि जिसे मकान बनाकर दिया गया, वह परिवार उस समय संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी नहीं थे। सुशीला जी का परिवार एक मुस्लिम परिवार है, जिसे केवल उसकी गरीबी और मजबूरी को देखते हुए ‘अन्नपूर्णा मुहिम’ के अंतर्गत सहायता प्रदान की गई। धर्म, पंथ या जाति का कोई भेदभाव नहीं किया गया।

बाद में इस निस्वार्थ सेवा और मदद से प्रभावित होकर, सुशीला जी का परिवार 7 सितंबर 2025 को सतलोक आश्रम पहुँचा और संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा ग्रहण की। यह इस बात का स्पष्ट उदाहरण है कि सच्ची सेवा दिलों को जोड़ती है और समाज में भाईचारे की भावना जगाती है।
गाँव ने जताया बहुत बहुत आभार
जब पाइप, मोटर और हैंडपंप गाँव में पहुँचे और राहत कार्य शुरू हुआ तो पूरा गुराना गाँव खुशी से झूम उठा। गाँव के बुजुर्ग, महिलाएँ और युवा सभी इस त्वरित सहायता को देखकर हैरान थे। सरपंच जी ने सार्वजनिक रूप से कहा –
“यह किसी भगवान का ही चमत्कार हो सकता है। हमारे पास संत रामपाल जी महाराज का धन्यवाद करने के लिए शब्द नहीं हैं। ऐसा लग रहा है जैसे गुराना गाँव का भगवान बनकर कोई आया हो।”
अब गाँव वालों को विश्वास है कि एक सप्ताह के भीतर ही बाढ़ का पानी बाहर निकाल लिया जाएगा। इससे न केवल उनके घर सुरक्षित होंगे बल्कि वे अगली फसल की तैयारी भी कर पाएँगे।
संत रूप में आए है ख़ुद भगवान
यह पूरी घटना इस बात का प्रमाण है कि जब सेवा सही मार्गदर्शन में होती है, तो असंभव भी संभव हो जाता है। संत रामपाल जी महाराज की प्रेरणा और आदेश पर मात्र 24 घंटे में राहत सामग्री गाँव तक पहुँचना यह दर्शाता है कि सच्चा संत समाज का वास्तविक हितैषी होता है।
‘अन्नपूर्णा मुहिम’ के माध्यम से संत रामपाल जी महाराज लगातार जरूरतमंद परिवारों को मकान, भोजन और जीवन की आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध करवा रहे हैं। गुराना गाँव की यह सहायता न केवल बाढ़ पीड़ितों के लिए जीवनदान साबित होगी, बल्कि समाज के लिए एक संदेश भी है कि मानव सेवा ही परम धर्म है।