August 4, 2025

अन्नपूर्णा मुहिम: गरीबी और भूख के विरुद्ध संत रामपाल जी महाराज की राष्ट्रव्यापी प्रेरणा

Published on

spot_img

क्या आप जानते हैं कि भारत में आज भी करोड़ों लोग ऐसे हैं जिन्हें रोज़ दो वक्त की रोटी नसीब नहीं होती? भूख केवल एक शारीरिक पीड़ा नहीं है, यह आत्म-सम्मान और जीवन की गरिमा को भी चोट पहुंचाती है। ऐसे समय में संत रामपाल जी महाराज द्वारा प्रेरित ‘अन्नपूर्णा मुहिम’ एक नई आशा बनकर उभरी है।

सरवर तरवर संत जन, और चौथा बरसे मेह।

परमारथ के कारने, चारों धारी देह॥

अर्थात् सरोवर (तालाब), वृक्ष, साधु संत और चौथा बरसता हुआ मेह-ये चारों परोपकार के लिए उत्पन्न होते हैं। जैसे सरोवर के जल से दूसरों की प्यास बुझती है, वृक्ष से छाया, फल-फूल, लकड़ी की प्राप्ति होती है, वैसे ही संतों के ज्ञानोपदेश से जीवन कल्याण होता है और मेह बरसने से खेती-बाड़ी हरियाली तथा अन्न आदि की प्राप्ति होती है। आज वर्तमान में ये वाणी किसी संत पर सिद्ध हो रही है तो वे संत रामपाल जी महाराज है।

उनके द्वारा शुरू किए गए समाज सुधार के कार्यक्रमों का कोई सानी नहीं है। भले ही बात दहेजमुक्त विवाह, रक्तदान शिविर, वृक्षारोपण, देहदान की हो या फिर निशुल्क भंडारे की हो, उनके समाजसुधार के कार्यक्रमों की फ़ेहरिस्त लंबी है। इसी के बीच संत रामपाल जी महाराज ने एक शुरुआत की है अन्नपूर्णा मुहिम की। संत रामपाल जी महाराज द्वारा शुरू हुई ‘अन्नपूर्णा मुहिम’ एक क्रांतिकारी सामाजिक पहल बनकर उभरी है।

भारत जैसे विशाल और विविधतापूर्ण देश में आज भी लाखों लोग हैं जिन्हें दो वक्त का भोजन भी नसीब नहीं होता। देश में ऐसे मामलों की कमी नहीं है जिनमे भूख से तड़पते बच्चे जो कि अनाथ हो चुके हैं या कहीं विधवा हो चुकी स्त्री जो अपने छोटे छोटे बच्चों के लालन पालन के कारण कोई कार्य नहीं कर पा रही हो तो कहीं बूढ़े माँ बाप जो अपने बच्चे के गुज़रने के कारण भुखमरी में जीवन जी रहे है। गरीबी, बेरोज़गारी और सामाजिक असमानता के कारण हजारों परिवार भूखमरी की स्थिति में जीवन यापन कर रहे हैं। 

संत रामपाल जी महाराज द्वारा शुरू की गई अन्नपूर्णा मुहिम के तहत जरूरतमंदों को नियमित रूप से आटा (10 किलो या आवश्यकतानुसार), तेल, साबुन, चीनी और अन्य उपयोगी सामग्री उपलब्ध कराई जाती है जब तक कि वे स्वयं अपना पालन करने में सक्षम ना हो सके। इतना ही नहीं लाभार्थियों को एक विशेष फोन नंबर भी दिया जाता है ताकि जब उनका सामान समाप्त होने के करीब हो, तो वे दो दिन पहले सूचना दे सकें और उन्हें समय पर पुनः सहायता मिल सके।

Also Read: इंदौर में 51 लाख पौधारोपण अभियान: संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों ने निभाई अहम भूमिका

इस सेवा में केवल सामग्री देना ही नहीं, बल्कि एक भावनात्मक जुड़ाव भी बनाया जाता है, जिससे लाभार्थी स्वयं को सम्मानित और सुरक्षित महसूस करते हैं।

इस मुहिम का उद्देश्य बेहद सरल है— “कोई भी व्यक्ति भूखा न सोए।” संत रामपाल जी महाराज द्वारा स्थापित यह सेवा-कार्य देश के विभिन्न हिस्सों में जरूरतमंदों तक नि:शुल्क भोजन, वस्त्र और आवश्यक सामग्री पहुंचाता है। यह कार्य न किसी प्रचार के लिए होता है, न किसी राजनीति के लिए— इसका मकसद सिर्फ़ और सिर्फ़ लोगों की सेवा करना है। अभी वर्तमान में ये योजना हरियाणा में रोहतक जिले में चलाई जा रही है।

यह मुहिम केवल भोजन वितरण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आत्मिक उत्थान, सामाजिक समानता और सच्ची भक्ति का मूर्त उदाहरण है। यह मुहिम सिर्फ जरूरतमंदों तक भोजन उपलब्ध कराने तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसमें उनकी हर जरूरत की ओर संवेदनशील होते हुए मकान, बच्चों की पढ़ाई, बीमारों के लिए दवा इत्यादि की व्यवस्था भी संत जी की ओर से की जा रही है। 

कहै कबीर पुकार के, दोय बात लख लेय।

एक साहेब की बंदगी, व भूखों को कुछ देय।।

क्रमसामग्रीछोटा परिवार (1–3 सदस्य)बड़ा परिवार (4+ सदस्य)
1आटा / चावल *15 किलो25 किलो
2चावल / आटा *5 किलो5 किलो
3चीनी2 किलो4 किलो
4सरसों तेल1 लीटर2 लीटर
5चना दाल½ किलो½ किलो
6काले चने½ किलो½ किलो
7हरी मूंग दाल½ किलो½ किलो
8पीली मूंग दाल½ किलो½ किलो
9हल्दी150 ग्राम150 ग्राम
10जीरा150 ग्राम150 ग्राम
11लाल मिर्च100 ग्राम100 ग्राम
12नहाने का साबुन2 पीस4 पीस
13कपड़े धोने का साबुन1 किलो1 किलो
14टाटा नमक1 किलो1 किलो
15टाटा चाय¼ किलो¼ किलो
16सूखा दूध½ किलो (1 डिब्बा)½ किलो (2 डिब्बे)
17आलू⅖ किलो5 किलो
18प्याज⅖ किलो5 किलो
19अचार½ किलो1 किलो
20कपड़े धोने का सर्फ½ किलो½ किलो
21धनिया पाउडर100 ग्राम100 ग्राम

नोट

  • जिस राज्य या क्षेत्र में आटा नहीं खाया जाता, वहाँ आटे की मात्रा के बराबर चावल दिया जा सकता है। परिवार यदि आटा मांगे तो आटा दें, और यदि चावल मांगे तो चावल दें।
  • जिस राज्य में चावल खाया जाता है, वहाँ छोटे परिवार को 15 किलो चावल और बड़े परिवार को 25 किलो चावल दिया जा सकता है, और 5 किलो आटा दोनों परिवारों को दिया जा सकता है।

1. अन्नपूर्णा मुहिम की प्रेरणा और आरंभ

संत रामपाल जी महाराज की प्रेरणा से ‘अन्नपूर्णा मुहिम’ की शुरुआत हुई, जिसका मूल उद्देश्य है कि कोई भी व्यक्ति भूखा न सोए। इस सेवा का संचालन उनके अनुयायियों द्वारा किया जा रहा है। योजना का ढांचा इस प्रकार तैयार किया गया कि भोजन और आवश्यक वस्तुएं जरूरतमंदों तक बिना किसी भेदभाव के नियमित रूप से पहुँचाई जा सकें। सेवा का मकसद निष्काम मानव सेवा है, जिसमें न प्रचार है न किसी प्रकार का स्वार्थ। यह व्यवस्था अत्यंत अनुशासन और समर्पण के साथ चलाई जा रही है।

2. भोजन वितरण की ज़मीनी व्यवस्था

इस सेवा में रेलवे स्टेशनों, झुग्गी-झोपड़ियों, अस्पतालों और सड़कों पर रहने वाले जरूरतमंदों तक गर्म और पौष्टिक भोजन पहुँचाया जाता है। वितरण का कार्य पूरी मर्यादा और सम्मान के साथ किया जाता है, जिससे जरूरतमंदों को न केवल खाने पीने का सामान प्राप्त होता है, बल्कि उनका आत्म-सम्मान भी बना रहता है। सेवा करने वाले संत रामपाल जी महाराज के शिष्य हर स्थान पर शिष्टता, धैर्य और संयम के साथ कार्य करते हैं, यह दर्शाता है कि सेवा केवल वस्त्र और भोजन देने तक सीमित नहीं, बल्कि आत्मिक संतुलन स्थापित करने का भी माध्यम है।

3. लाभार्थियों की प्रतिक्रिया

संत रामपाल जी महाराज के सेवा कार्यों से लाभान्वित लोगों की प्रतिक्रियाएं अत्यंत भावुक और आत्मीय हैं। एक वृद्ध महिला ने खुशी और आभार व्यक्त करते हुए कहा, “पहले तो दो-दो दिन भूखे रहना पड़ता था, अब रोज़ खाना मिल रहा है।” इन प्रतिक्रियाओं से स्पष्ट होता है कि यह सेवा केवल शारीरिक भूख को ही नहीं, बल्कि मानसिक और आत्मिक भूख को भी शांत कर रही है, जिससे समाज में एक नई आशा और विश्वास का संचार हो रहा है।

4. सेवादारों का पूर्ण समर्पण

सेवा कार्य में लगे संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी सेवादारों ने यह साझा किया कि कैसे वे अपने व्यक्तिगत जीवन की व्यस्तताओं के बावजूद समय निकालकर इस पवित्र सेवा को प्राथमिकता देते हैं। उनके अनुसार, “यह केवल सेवा नहीं, सच्ची भक्ति है। यही धर्म का वास्तविक स्वरूप है।” सेवादारों का यह समर्पण दर्शाता है कि जब सेवा ईश्वर की आज्ञा समझकर की जाती है, तो वह साधना का ही एक रूप बन जाती है।

5. भविष्य की विस्तार योजनाएं

‘अन्नपूर्णा मुहिम’ को भविष्य में और अधिक राज्यों और जिलों में विस्तारित करने की ठोस योजना बनाई गई है। इस योजना के अंतर्गत स्थायी सामुदायिक रसोईघर (Community Kitchens) स्थापित किए जाएंगे, जहाँ निरंतर भोजन वितरण किया जाएगा। साथ ही, ग्रामीण क्षेत्रों में गहन स्तर पर भोजन वितरण का कार्य बढ़ाया जाएगा और बच्चों के लिए विशेष पोषण कार्यक्रम संचालित किए जाएंगे, ताकि उनका सम्पूर्ण विकास सुनिश्चित किया जा सके। यह योजना समाज के हर तबके तक भक्ति और सेवा का सच्चा संदेश पहुँचाने का संकल्प है।

6. बराना गांव की प्रेरक घटना: मकान, पढ़ाई, दवाई और पोषण का पूरा जिम्मा

हरियाणा के रोहतक जिले के बराना गांव में संत रामपाल जी महाराज के आदेश पर एक गरीब परिवार के लिए मकान बनवाया गया, जिनके पास सिर छुपाने को भी उचित व्यवस्था नहीं थी।

राजेंद्र नामक व्यक्ति, जिनकी बेटी गंभीर रूप से बीमार थी और जिनके परिवार के पास रहने और खाने के उचित साधन नहीं थे, उनके लिए न केवल मकान बनवाया गया, बल्कि उनके बच्चों की पढ़ाई, दवाइयों और पोषण का भी पूरा जिम्मा लिया गया।

स्थानीय पंचायत के प्रधान और ग्रामीणों ने भी संत रामपाल जी महाराज की इस सेवा भावना की खुले दिल से प्रशंसा की और कहा कि सरकारें जहां नहीं पहुँच पातीं, वहां तक यह सेवा पहुँच रही है।

संत रामपाल जी महाराज कहते हैं—

“सेवा वही सच्ची है जो बिना दिखावे के, केवल परमेश्वर की आज्ञा और भक्ति के लिए की जाए।”

उनके द्वारा शुरू की गई अन्नपूर्णा मुहिम इसी सिद्धांत का मूर्त रूप है।  भगवद गीता, वेद, और अन्य पवित्र ग्रंथों में बताया गया है कि परोपकार करना, भूखों को भोजन देना और दुखियों की मदद करना ही ईश्वर की सच्ची आराधना है। संत जी के अनुयायी सेवा को भक्ति का हिस्सा मानते हैं और अपने जीवन का कर्तव्य मानते है। इसलिए यह मुहिम प्रचार से दूर, लेकिन प्रभाव में अत्यधिक गहरी है।

‘अन्नपूर्णा मुहिम’ सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि मानवता के लिए एक आंदोलन है। यह साबित करता है कि एक पूर्ण गुरु की शरण मिलने से व्यक्ति ना सिर्फ ख़ुद का उद्धार करता है बल्कि समाज के लिए भी आशा की किरण बन सकता है। संत रामपाल जी महाराज की ये  मुहिम न केवल भूख मिटा रही है, बल्कि समाज में सम्मान, समानता और सच्चाई का संदेश भी फैला रही है।

संत रामपाल जी महाराज की ‘अन्नपूर्णा मुहिम’ एक उदाहरण है कि कैसे सच्ची अध्यात्मिकता, ईश्वर की सच्ची भक्ति और समाजसेवा एक साथ चल सकते हैं। जब प्रत्येक व्यक्ति समाज के प्रति अपने कर्तव्यों को समझे और सेवा को अपने जीवन का अंग बनाए, तभी एक सच्चे और संतुलित राष्ट्र की कल्पना साकार हो सकती है। आप भी संत रामपाल जी महाराज जी के समाज सुधार के कार्यक्रम का हिस्सा बने।

पूरा प्लेलिस्ट देखने के लिए:Watch All Videos – Annapurna Muhim Playlist

Q1. अन्नपूर्णा मुहिम क्या है?

Ans: यह एक राष्ट्रव्यापी सेवा अभियान है जो संत रामपाल जी महाराज की प्रेरणा से संचालित होता है। इसका उद्देश्य है कि कोई भी व्यक्ति भूखा न सोए।

Q2. यह सेवा किन क्षेत्रों में की जाती है?

Ans: अन्नपूर्णा मुहिम रेलवे स्टेशन, झुग्गी-झोपड़ी, अस्पताल और ग्रामीण इलाकों में ज़रूरतमंदों तक भोजन पहुँचाती है।

Q3. इसमें कौन भाग ले सकता है?

Ans: यह सेवा संत रामपाल जी के अनुयायियों द्वारा की जाती है, जो इसे भक्ति का हिस्सा मानते हैं।

Q4. क्या इसमें कोई सरकारी या NGO सहयोग है?

Ans: नहीं, यह सेवा पूरी तरह स्वयंसेवकों द्वारा संचालित होती है और इसका कोई राजनीतिक या प्रचार उद्देश्य नहीं है।

Q5. भविष्य में इसकी क्या योजना है?

Ans: आने वाले समय में यह मुहिम देश के और जिलों व राज्यों में विस्तारित की जाएगी, जिसमें Community Kitchens, पोषण योजनाएं और ग्रामीण विस्तार शामिल हैं।

निम्न सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर हमारे साथ जुड़िए

WhatsApp ChannelFollow
Telegram Follow
YoutubeSubscribe
Google NewsFollow

Latest articles

International Friendship Day 2025: Who is the Friend Who can Help us In Any Situation?

Last Updated on 4 August 2025 IST | International Friendship Day 2025: Importance of...

Magnitude 8.8 Earthquake Triggers Pacific-Wide Tsunami Alert: Japan, Hawaii, and Alaska on High Alert

Tsunami Alert: On July 30, 2025, a devastating magnitude 8.8 earthquake struck near Russia's...

Nag Panchami 2025: The Scriptural Guide To Observe Nag Panchami

Nag Panchami India: Know the Date, History, Significance, and the Snake god for Nag Panchami along with knowing the true way of Worship to perform.
spot_img

More like this

International Friendship Day 2025: Who is the Friend Who can Help us In Any Situation?

Last Updated on 4 August 2025 IST | International Friendship Day 2025: Importance of...

Magnitude 8.8 Earthquake Triggers Pacific-Wide Tsunami Alert: Japan, Hawaii, and Alaska on High Alert

Tsunami Alert: On July 30, 2025, a devastating magnitude 8.8 earthquake struck near Russia's...