हरियाणा के हिसार ज़िले के हिंदवान गाँव में लगातार वर्षा और नालों के उफान के कारण खेत, घर, स्कूल, और आंगनवाड़ी केंद्र जलमग्न हो गए। गाँव की लगभग सम्पूर्ण फसल नष्ट हो गई, पशुधन प्रभावित हुआ और दैनिक जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। प्रशासनिक सहायता के अभाव में ग्रामीणों के समक्ष जीवन संकट जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई।
प्रशासनिक सहायता की अनुपस्थिति और संत रामपाल जी महाराज जी से प्रार्थना
लगभग आठ फीट तक पानी भर जाने से ग्रामीणों को अपने घरों से विस्थापित होना पड़ा। कई परिवारों ने अस्थायी रूप से रिश्तेदारों के यहाँ शरण ली, वहीं बड़ी संख्या में लोग अपने मकानों में ही फंसे रहे। गाँव की गलियों में कीचड़ और दूषित जल के कारण आवागमन पूर्णतः बाधित रहा। बच्चों की शिक्षा ठप हो गई, क्योंकि स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्र जलमग्न हो गए थे।प्रशासन से कई बार सहायता माँगने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, इसलिए पंचायत ने संत रामपाल जी महाराज से सहायता प्राप्त करने का निर्णय लिया। बरवाला स्थित आश्रम में पंचायत ने एक लिखित निवेदन प्रस्तुत किया, जिसमें बाढ़ के पानी की निकासी के लिए तकनीकी सहायता की माँग की गई। आवेदन में तीन बड़ी 20 हॉर्सपावर मोटरों और 12,000 फीट लंबी 8 इंच की पाइपलाइन की आवश्यकता का उल्लेख किया गया।
संत रामपाल जी महाराज ने तुरंत यह सामग्री भेजने का निर्देश दिया। केवल तीन दिनों के भीतर बरवाला आश्रम की सेवा टीम द्वारा यह उपकरण गाँव पहुँचा दिए गए।
गाँव में राहत कार्य की शुरुआत
सामग्री प्राप्त होने के बाद गाँव की पंचायत ने राहत कार्य प्रारंभ किया। संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों के सहयोग से मोटरों की स्थापना और पाइपलाइन बिछाने का कार्य शुरू किया गया। योजना बनाई गई कि दस से पंद्रह दिनों में बाढ़ का अधिकांश पानी बाहर निकाल दिया जाएगा ताकि खेतों को पुनः उपयोग योग्य बनाया जा सके और अगली फसल की बुवाई की जा सके।

गाँववासियों की सुरक्षा और स्वच्छता
राहत अभियान के दौरान सेवा टीम ने गाँव में जल निकासी की दिशा और स्थान का सर्वेक्षण किया। साथ ही ग्रामीणों को स्वच्छता और जलजनित रोगों की रोकथाम से संबंधित सुझाव भी दिए गए। यह सुनिश्चित किया गया कि किसी भी आपदा के समय गाँववासियों को स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए खतरा न हो।
सामाजिक और आर्थिक प्रभाव
गाँव के कृषि विशेषज्ञों ने बताया कि यदि अगले दो सप्ताह में पानी पूरी तरह निकल जाता है, तो किसान रबी फसल की बुवाई समय पर कर सकेंगे। इससे आर्थिक हानि की भरपाई आंशिक रूप से संभव होगी। स्थानीय विद्यालयों में भी मरम्मत कार्य प्रारंभ करने की योजना बनाई जा रही है।

संत रामपाल जी महाराज की इस पहल से ग्रामीणों में विश्वास और आत्मबल जागृत हुआ। उन्होंने यह महसूस किया कि कठिन परिस्थितियों में भी सेवा और सहयोग के माध्यम से समाधान संभव है।
गाँव की पुनर्वास योजना
ग्राम पंचायत ने यह घोषणा की है कि जैसे ही बाढ़ का पानी पूरी तरह निकल जाएगा, गाँव में सफाई, सड़क मरम्मत और सार्वजनिक स्थानों के पुनर्निर्माण का कार्य चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। सभी सामग्रियों का उपयोग पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता से किया जाएगा।
राष्ट्रीय स्तर पर प्रेरणा
संत रामपाल जी महाराज की सेवा केवल हिंदवान गाँव तक सीमित नहीं रही। उनके निर्देशों के अनुसार पंजाब, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड सहित पूरे भारत में बाढ़-ग्रस्त क्षेत्रों में सहायता पहुँचाई जा रही है। यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक सहयोग और आत्मनिर्भरता के नए अध्याय की शुरुआत के रूप में देखी जा रही है।
राहत कार्य और गाँववासियों की प्रतिक्रिया
हिंदवान गाँव में संत रामपाल जी महाराज की मदद से शुरू किए गए राहत कार्य ने गाँववासियों के जीवन में नई ऊर्जा भर दी है। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले महीनों में बाढ़ के पानी ने उनके खेत, घर और स्कूल पूरी तरह नष्ट कर दिए थे और प्रशासन से कोई ठोस मदद नहीं मिली थी। लेकिन संत रामपाल जी महाराज की पहल ने उन्हें उम्मीद दी। पंचायत के निवेदन पर भेजी गई तीन बड़ी 20 हॉर्सपावर मोटर और 12,000 फीट लंबी पाइपलाइन ने पानी निकालने का कार्य आरंभ कर दिया है। इससे न केवल घरों में भरा पानी कम हुआ, बल्कि खेतों में लगी फसल को बचाने की संभावना भी बनी।
विशेष रूप से किसानों का कहना है कि संत रामपाल जी महाराज की सेवा उनके लिए वरदान साबित हुई है। यदि यह राहत कार्य समय पर नहीं होता, तो अगली फसल की बुवाई प्रभावित होती और आर्थिक हानि और भी बढ़ जाती। गाँववासियों ने आशा जताई कि संत जी की कृपा से उनका गाँव जल्दी ही सामान्य स्थिति में लौट आएगा और बाढ़ जैसी आपदाओं के खिलाफ तैयार रहेगा। इस तरह, संत रामपाल जी महाराज की सेवा ने हिंदवान गाँव में सिर्फ पानी निकालने तक ही सीमित नहीं रहकर ग्रामीणों में विश्वास, सहयोग और सामाजिक एकजुटता की भावना भी पैदा की है।
संत रामपाल जी महाराज ने बरसाई दया
हिंदवान गाँव में बाढ़ राहत कार्यों ने यह प्रमाणित किया कि जब परमात्मा स्वयं आकार मदद करते हैं तो सबसे कठिन परिस्थितियाँ भी पार की जा सकती हैं। संत रामपाल जी महाराज की पहल ने न केवल एक गाँव को राहत दी, बल्कि यह दिखाया कि सेवा ही सच्ची साधना है।
गाँववासियों ने राहत कार्य में सहयोग कर समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाई और भविष्य में किसी भी आपदा से निपटने के लिए तैयार रहने का संकल्प लिया। धीरे-धीरे गाँव में सामान्य जीवन की बहाली हो रही है और किसान अगली फसल की तैयारी में जुट रहे हैं।