एचडीएफसी लिमिटेड (HDFC Ltd) जोकि देश की सबसे बड़ी होम लोन फायनेंस कराने वाली कम्पनी है का विलय एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) में होने की घोषणा की गई है। जानें सभी महत्वपूर्ण बातें।
मुख्य बिंदु
- एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी के विलय का होगा शेयरधारकों पर सकारात्मक प्रभाव
- HDFC लिमिटेड और HDFC बैंक की विलय योजना
- HDFC बैंक के ग्राहकों को मिलेंगी अन्य सुविधाएं।
- मनुष्य का ऋण सम्बन्ध और कैसे हुआ जा सकता है इससे मुक्त
एचडीएफसी लिमिटेड (HDFC Ltd) की एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) में विलय की घोषणा
HDFC Bank व HDFC Ltd merge की सबसे बड़ी आवास वित्त कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड का देश के निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी बैंक के साथ विलय होने जा रही है। एचडीएफसी बैंक ने सोमवार को शेयर बाजार को बताया एवं घोषणा की कि विलय की योजना भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और भारतीय प्रतिभूति तथा विनिमय बोर्ड (CEBI) सहित विभिन्न नियमों के अनुसार मंजूरियों के अधीन है।
एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) और एचडीएफसी के विलय का शेयरधारकों पर प्रभाव
HDFC Bank व HDFC Ltd merge: एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) और एचडीएफसी लिमिटेड (HDFC Ltd) की विलय प्रक्रिया 2023-24 में पूरी होगी। HDFC लिमिटेड ने एचडीएफसी बैंक के साथ विलय की घोषणा की है। साथ ही एचडीएफसी लिमिटेड के शेयर होल्डर्स को एचडीएफसी बैंक में शेयर दिए जाने की बात भी कही है।
हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन यानी (HDFC) लिमिटेड ने सोमवार को घोषणा की कि उसके बोर्ड ने आज हुई बैठक में एचडीएफसी लिमिटेड के साथ एचडीएफसी बैंक के विलय संबंधी एक समग्र योजना को मंज़ूरी दे दी है। यह विलय वित्त वर्ष 23-24 में पूरा होगा। इसके बाद एचडीएफसी बाज़ार पूंजीकरण के मामले में भारत की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी बन सकती है।
HDFC Bank: शेयर धारको के पास एचडीएफसी बैंक का 41% हिस्सा
HDFC Bank व HDFC Ltd merge: आपको बता दे इस प्रकार मर्जर के बाद शेयरधारकों को शेयर विनिमय अनुपात के तहत एचडीएफसी लिमिटेड के 2 रुपये प्रति शेयर की फेस वैल्यू वाले 25 शेयरों के बदले एचडीएफसी बैंक के 1 रुपये प्रति शेयर की फेस वैल्यू वाले 42 शेयर अलॉट किए जाएंगे। विलय के पूरा होने के बाद एचडीएफसी बैंक 100% सार्वजनिक शेयरधारकों के स्वामित्व के तहत आ जाएगा। एचडीएफसी लिमिटेड के मौजूदा शेयरधारकों के पास एचडीएफसी बैंक का 41% हिस्सा होगा।
विलय के परिणामों पर एक नज़र
एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) और एचडीएफसी लिमिटेड (HDFC Ltd) का विलय :
- एचडीएफसी लिमिटेड की सहायक कंपनियां और सहयोगी एचडीएफसी बैंक में स्थानांतरित हो जाएंगी।
- इस विलय के परिणामस्वरूप एचडीएफसी बैंक की असुरक्षित ऋणों में हिस्सेदारी कम हो जाएगी।
- एचडीएफसी ने एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि- एचडीएफसी लिमिटेड और एचडीएफसी बैंक के बोर्ड का मानना है कि विलय से ग्राहकों, कर्मचारियों और दोनों संस्थाओं के शेयरधारकों सहित सभी हितधारकों को दीर्घकालिक लाभ मिलेगा।
- विलय के बाद एचडीएफसी बैंक अपने ग्राहकों को एक मूल उत्पाद के रूप में सहजता से आवासीय ऋण उपलब्ध कराएगा। इसके अलावा एचडीएफसी बैंक लंबी अवधि के आवासीय ऋण का भी लाभ उठा पाएगा।
- बैंक अपने अपने ग्राहकों से लंबे संबंध के कारण उनकी बेहतर जानकारी के साथ उन्हें विभिन्न क्रेडिट व डेबिट सेवाएं उपलब्ध कराएगा। इस तरह एक ही छत के नीचे ग्राहक अधिक सुविधाओं का लाभ उठा पाएंगे।
- इस प्रस्ताव को फिलहाल वैधानिक व नियमों प्राधिकरणों, संबंधित शेयरधारकों और लेनदारों से मंजूरी मिलना बाकी है।
कब होगी प्रक्रिया पूरी
एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) और एचडीएफसी लिमिटेड (HDFC Ltd) का विलय : एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी लिमिटेड के विलय की प्रक्रिया 18 महीने में पूरी होगी। इस विलय को भारत के फाइनेंसियल सेक्टर का अब तक का सबसे बड़ा विलय माना जा रहा है। एचडीएफसी बैंक की ओर से बाजार नियमों (Market Rules) की दी गई सूचना के मुताबिक दोनों कंपनियों के विलय की प्रक्रिया अगले 18 महीनों में पूरी कर ली जाएगी।
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लेन-देन पूरा करना भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI), भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI), बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) सहित शेयरधारकों, लेनदारों, स्टॉक एक्सचेंज और नियामक अनुमोदन के अधीन है।
क्या है विलय की योजना ?
एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) और एचडीएफसी लिमिटेड (HDFC Ltd) का विलय: एचडीएफसी लिमिटेड भारत देश की सबसे बड़ी होम लोन वितरण करने वाली कंपनी है। इस कम्पनी का संपत्ति प्रबंधन (Assets Under Management) करीब 5.26 लाख करोड़ रुपए है जबकि कंपनी का बाजार पूंजीकरण करीब 4.44 लाख करोड़ रुपए है। इसका विलय देश के प्राइवेट सेक्टर के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी बैंक से कर दिया जाएगा। इसके साथ ही एचडीएफसी लिमिटेड की सभी सहायक कंपनियां भी एचडीएफसी को हस्तांतरित कर दी जाएंगी। एचडीएफसी का बाज़ार पूंजीकरण करीब 8.35 लाख करोड़ रुपए है।
मनुष्य जीवन के ऋण सम्बन्ध
मनुष्य जीवन में हमारे सभी संबंध यथा माता, पिता, पुत्री, पुत्र, भाई, पत्नी, पति आदि पुराने लेनदेन के कारण होते हैं। पिछले जन्मों का ऋण सम्बन्ध ही इस जन्म में लेनदेन एवं रिश्तों का कारण बनता है। इस पृथ्वी पर जीव इन्हीं ऋण सम्बन्धों के आधीन रहता है और जब तक इन ऋणों से उऋण न हुआ जाए तब तक मोक्ष असम्भव है।
इन ऋणों से मुक्ति असम्भव है जब तक तत्वदर्शी सन्त न मिले। तत्त्वदर्शी सन्त स्वयं परमात्मा के रूप में आता है, इसलिए उसे वेदों में बंदी छोड़ भी कहा गया है अर्थात बंधनों का शत्रु। तत्वदर्शी संत अपनी सही साधना पद्धति द्वारा साधक को सभी कर्म बंधनों से मुक्ति दिलाकर मोक्ष प्राप्ति करवाता है।
तत्वदर्शी सन्त दिलवाएंगे मुक्ति
तत्वदर्शी सन्त वास्तव में पूरे विश्व में एक समय एक ही होता है। तत्वदर्शी सन्त की शरण में जाने के लिए गीता अध्याय 4 श्लोक 34 में कहा गया है। इस समय पूरे विश्व मे एकमात्र तत्वदर्शी सन्त रामपाल जी महाराज हैं। गीता अध्याय 17 श्लोक 23 के अनुसार सच्चिदानंद घन ब्रह्म को पाने के लिए ओम, तत, सत मंत्रों का जिक्र है। जिसमें तत एवं सत सांकेतिक हैं जो कि तत्वदर्शी संत द्वारा बताए जाते हैं। इन्हीं मंत्रो के माध्यम से मुक्ति सम्भव है। ये ऋण मुक्त कराते हैं एवं मोक्ष दिलाते हैं। अधिक जानकारी के लिए देखें सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल या डाउनलोड करें सन्त रामपाल जी महाराज एप्प।