हरियाणा के हिसार जिले का गंगवा गांव इस वर्ष आई भीषण बाढ़ की चपेट में आया। गांव के खेत, घर और गलियाँ पूरी तरह पानी में डूब गई थीं। पानी का स्तर लगभग 5-6 फुट तक पहुँच गया था और किसानों की फसलें पूरी तरह नष्ट हो चुकी थीं। गांव के लोग कई दिनों तक अपने घरों में फंसे रहे और जीवन यापन के साधन नहीं मिल रहे थे। प्रशासनिक प्रयास सीमित और अपर्याप्त साबित हुए, और गांव के लोगों में निराशा बढ़ती जा रही थी।
ऐसी आपदा की घड़ी में जब हर तरफ निराशा थी, तब संत रामपाल जी महाराज की करुणा ने गंगवा गांव के लोगों की उम्मीदों को नई दिशा दी। गुरुजी ने अपनी दूरदर्शिता और सेवा भाव से गांववासियों को यह दिखा दिया कि संकट की घड़ी में सच्चा मार्गदर्शन ही जीवन बचा सकता है।
गांव वाले प्रार्थना लेकर पहुंचे संत रामपाल जी महाराज के चरणों में
गंगवा गांव के सरपंच भगवान दास जी और जिला पार्षद मनोज टाकमाही जी ने गांव की पंचायत के सभी सदस्यों के साथ मिलकर यह निर्णय लिया कि अब अंतिम आस संत रामपाल जी महाराज ही हैं। उन्होंने गुरुजी के चरणों में एक प्रार्थना पत्र भेजा, जिसमें लिखा गया कि गांव में बाढ़ का पानी निकलने के लिए चार मोटर और 14,000 फीट पाइपलाइन की आवश्यकता है।
गांव के लोग इस प्रार्थना के माध्यम से गुरुजी से यह आशा कर रहे थे कि उनकी पुकार अवश्य सुनी जाएगी। यह प्रार्थना केवल सामान की मांग नहीं थी, बल्कि एक विश्वास और भरोसे का संदेश भी थी कि संकट में कोई उनका सहारा बनेगा।
संत रामपाल जी महाराज का तुरंत आदेश और राहत कार्य
जैसे ही यह प्रार्थना पत्र संत रामपाल जी महाराज तक पहुँचा, उन्होंने तुरंत आदेश जारी किया कि गंगवा गांव की सहायता तुरंत की जाए। गुरुजी ने स्पष्ट किया कि केवल औपचारिक सहायता नहीं, बल्कि वास्तविक समाधान सुनिश्चित किया जाएगा।

कुछ ही दिनों में संत रामपाल जी महाराज के आदेशानुसार सेवादारों की टीम गांव पहुँची। उन्होंने अन्नपूर्णा मुहिम के तहत चार 10 एचपी मोटरें और 8,000 फुट लंबी पाइपलाइन भेजी। इसके साथ ही आवश्यक सभी उपकरण जैसे छोटे-बड़े बोल्ट, नट, पाइप जोड़ने की सामग्री, फेविकोल और केबल भी उपलब्ध करवाई गई।
गांव में राहत सामग्री पहुँचते ही ग्रामीणों में उत्साह और खुशी लौट आई। उन्होंने देखा कि अब उनकी फसल और घरों को बाढ़ से बचाने के लिए सभी आवश्यक इंतजाम मौजूद हैं। संत रामपाल जी महाराज के निर्देश पर सेवादारों ने पानी निकालने का कार्य शुरू किया।
संत रामपाल जी महाराज: संकट की घड़ी में मानवता का प्रतीक
गांव के बुजुर्ग और किसान बताते हैं कि प्रशासन और सरकारी अधिकारियों से मदद की कई बार कोशिश की गई, लेकिन उन्हें पर्याप्त सहायता नहीं मिली। इस कठिन समय में संत रामपाल जी महाराज ने ही उनके जीवन को बचाया।

गांव के लोगों ने कहा:
“जब कोई मदद के लिए नहीं आया, तब संत रामपाल जी महाराज ने हमारा साथ दिया। उन्होंने हमारी जान बचाई और बाढ़ से लड़ने की ताकत दी।”
ग्राम पंचायत के सभी सदस्य और ग्रामीण इस बात को मानते हैं कि इतनी त्वरित और व्यवस्थित सहायता केवल गुरुजी के करुणामय आदेश से ही संभव थी।
गुरुजी की सेवा का सच्चा अर्थ
संत रामपाल जी महाराज हमेशा अपने अनुयायियों को यह शिक्षा देते हैं कि सेवा का उद्देश्य केवल दूसरों की सहायता करना है, न कि प्रसिद्धि या दिखावा करना। गंगवा गांव में राहत कार्य के दौरान भी कोई प्रचार या दिखावा नहीं किया गया।
गुरुजी का संदेश स्पष्ट था:
“जब तक समाज में दुख है, तब तक सेवा जारी रहनी चाहिए। सेवा का असली अर्थ केवल दूसरों की भलाई में है।”
इस दृष्टिकोण ने सेवादारों और ग्रामीणों में वास्तविक सहयोग और समर्पण की भावना पैदा की।
गंगवा गांव में राहत कार्य का विस्तृत विवरण
संत रामपाल जी महाराज के आदेशानुसार:
- चार 10 एचपी मोटरें भेजी गईं।
- 14,000 फुट लंबी पाइपलाइन भेजी गई।
- पाइप जोड़ने के लिए सभी आवश्यक सामान जैसे नट, बोल्ट, फेविकोल और केबल प्रदान किए गए।
- सेवादारों ने पूरे गांव में पानी निकालने का कार्य शुरू किया और कुछ ही दिनों में पानी का स्तर नियंत्रित किया गया।
गांववासियों ने बताया कि यह मदद केवल उपकरणों तक सीमित नहीं थी। गुरुजी ने सुनिश्चित किया कि पानी पूरी तरह बाहर निकलने तक ग्रामीणों की मदद जारी रहे।
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गंगवा गांव के रामगढ़ बस्ती, गोदारा ढणियां और अन्य प्रभावित हिस्सों में बाढ़ का पानी पूरी तरह निकाला गया। इसके बाद गांव में नई फसल बोने का कार्य शुरू हुआ और ग्रामीणों के चेहरे पर मुस्कान लौट आई।
गुरुजी जेल में रहते हुए भी समाज के दुख में सहभागी
विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि संत रामपाल जी महाराज वर्तमान में हिसार की जेल नंबर दो में हैं। जेल में रहते हुए भी उन्होंने पूरे हरियाणा में राहत कार्य संचालित किया।
जिला पार्षद मनोज टाकमाही जी ने कहा:
“यह देखकर अचरज होता है कि संत रामपाल जी महाराज जेल में रहते हुए भी इतनी बड़ी सहायता और सेवा कर रहे हैं। उन्होंने अनुयायियों में अनुशासन और सेवा का भाव पैदा किया है।”
गुरुजी ने यह स्पष्ट कर दिया कि सच्चा धर्म दूसरों की भलाई में है, न कि किसी धार्मिक स्थल या पद के नाम पर।
अन्य प्रभावित गांवों में सहायता का विस्तार
गंगवा गांव की राहत के बाद, संत रामपाल जी महाराज के आदेशानुसार अन्नपूर्णा मुहिम के तहत अन्य बाढ़ प्रभावित गांवों में भी सहायता भेजी गई।
- भिवानी, बरवाला, सिंघवा और भैणी बादशाहपुर जैसे गांवों में भी मोटरें और पाइपलाइन भेजी गई।
- स्कूलों में फंसे बच्चों तक भोजन और आवश्यक वस्तुएँ पहुँचाई गई।
- जरूरतमंद परिवारों के घरों में मरम्मत और चारा उपलब्ध कराकर पशुओं की देखभाल सुनिश्चित की गई।
गुरुजी का यह संदेश था कि कोई भी व्यक्ति भूखा या बेघर नहीं रहना चाहिए। उनकी सेवा का लक्ष्य केवल औपचारिक राहत देना नहीं, बल्कि वास्तविक जीवन संरक्षण करना है।
गांव गंगवा का भावनात्मक संदेश
राहत कार्य के बाद ग्राम पंचायत ने एक पत्र भेजा, जिसमें लिखा गया:
“संत रामपाल जी महाराज ने हमें डूबने से बचाया। हम उनके सदा ऋणी रहेंगे। उन्होंने हमें जीवन और आशा दी।”
ग्रामीण बताते हैं कि पहली बार किसी संत ने इतनी त्वरित और व्यवस्थित सहायता दी। उनकी आंखों में विश्वास और दिल में आभार साफ दिख रहा था।
संत रामपाल जी महाराज की करुणा: मानवता का सर्वोच्च उदाहरण
गंगवा गांव की घटना केवल राहत कार्य की नहीं, बल्कि मानवता और करुणा का जीवंत उदाहरण है। संत रामपाल जी महाराज ने यह दिखाया कि सेवा का वास्तविक अर्थ दूसरों की मदद करना है, बिना किसी स्वार्थ या प्रचार के।
उनकी असीम कृपा से गांववासियों ने न केवल अपनी फसल बचाई, बल्कि अपने जीवन में एक नई उम्मीद और विश्वास पाया। उन्होंने यह सिद्ध कर दिया कि जब संकट में कोई सच्चा मार्गदर्शक होता है, तो असंभव कार्य भी संभव हो जाता है।
गंगवा गांव में जीवन फिर से खिल उठा
गांववासियों ने अब यह अनुभव किया कि संकट की घड़ी में सच्चा विश्वास और समर्पण ही जीवन बदल सकता है। संत रामपाल जी महाराज की सेवा ने गंगवा गांव के लोगों के लिए नया जीवन, नई आशा और सच्ची करुणा का संदेश दिया।
गांव के बुजुर्ग, किसान, महिलाएँ और बच्चे सभी आज इस बात को मानते हैं कि संकट में संत रामपाल जी महाराज के जैसा मार्गदर्शन ही समाज को बचा सकता है।



