हरियाणा के जींद जिले का फरैण कलां गांव पिछले कई वर्षों से बाढ़ की समस्या से जूझ रहा था। पिछले दस से बारह सालों में गांव में लगातार पानी भरने के कारण फसलें बर्बाद हो चुकी थीं, पशु बीमार पड़ चुके थे और चारे की कमी ने ग्रामीणों की मुश्किलें और बढ़ा दी थीं। इस समस्या से गांववासियों की उम्मीदें लगभग टूट चुकी थीं।
संत रामपाल जी महाराज से मदद की गुहार
गांव की पंचायत और सरपंच ने स्थिति का सामना करते हुए संत रामपाल जी महाराज से मदद लेने का निर्णय लिया। उन्होंने लितानी गांव में किए गए राहत कार्य की एक वीडियो देखी, जिसने उनकी आशाओं को पुनर्जीवित किया। इसके बाद पंचायत ने बरवाला जाकर संत रामपाल जी महाराज को प्रार्थना पत्र सौंपा। इसमें चार बड़ी सात हॉर्स पावर की मोटरें, 16,000 फुट पाइप और 1000 फुट केबल की मांग की गई थी ताकि बाढ़ का पानी गांव से बाहर निकाला जा सके।

राहत सामग्री का आगमन
संत रामपाल जी महाराज के आदेश पर राहत सामग्री का एक विशाल काफिला फरैण कलां गांव में भेजा गया। इस सामग्री में चार बड़ी मोटरें, 16,000 फुट की उच्च गुणवत्ता वाली पाइप लाइन, स्टार्टर, 1000 फुट केबल और मोटर चलाने के लिए आवश्यक सभी उपकरण शामिल थे। यह सुनिश्चित किया गया कि ग्रामीणों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
गांववासियों की प्रतिक्रिया और राहत कार्य का क्रियान्वयन
गांववासियों के लिए यह किसी चमत्कार से कम नहीं था। लंबे समय से चल रही समस्या का स्थायी समाधान उनके सामने था। राहत सामग्री पहुंचते ही ग्रामीणों ने संत रामपाल जी महाराज के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की। उन्हें विश्वास नहीं हो रहा था कि उनकी सालों पुरानी समस्या इतनी जल्दी हल हो जाएगी। सभी को संत रामपाल जी की इस मदद ने राहत प्रदान की। संत रामपाल जी महाराज की टीम ने पूरे गांव में राहत सामग्री को व्यवस्थित किया और पाइप तथा मोटरों को सही स्थानों पर लगाया गया।

इससे बाढ़ का पानी जल्दी से बाहर निकल सका और खेतों की फसल के लिए तैयार जमीन बनी। पंचायत और ग्रामवासियों ने संत रामपाल जी महाराज के प्रति हार्दिक धन्यवाद व्यक्त किया।
स्थायी समाधान और निर्देश
इस सेवा अभियान के तहत गांववासियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि दिए गए उपकरणों का उपयोग समय पर करें ताकि अगली फसल बोई जा सके। संत रामपाल जी महाराज ने यह सुनिश्चित किया कि गांववासियों को दी गई सहायता स्थायी समाधान प्रदान करे। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर अधिक सहायता भी उपलब्ध कराई जाएगी, लेकिन पानी निकालने का जिम्मा पूरी तरह से गांववासियों का होगा।
संत रामपाल जी महाराज की व्यापक सेवा
गांववासियों ने बताया कि पहले बड़े-बड़े मंत्री और अधिकारी भी उनकी समस्या का समाधान नहीं कर पाए थे, लेकिन संत रामपाल जी महाराज ने केवल एक दिन में उन्हें समाधान प्रदान किया। उन्होंने बताया कि बाढ़ के कारण पानी चार से सात फुट तक खेतों में खड़ा रहता था और फसलें बर्बाद हो जाती थीं। अब संत रामपाल जी महाराज की सहायता से स्थायी समाधान मिल गया है।
इस राहत सेवा का विस्तार केवल फरैण कलां तक सीमित नहीं रहा। पंजाब, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश सहित अन्य बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में भी संत रामपाल जी महाराज की टीम ने सहायता प्रदान की। उनके मार्गदर्शन और आदेश के तहत सहायता कार्य लगातार जारी है।
ग्राम पंचायत द्वारा सम्मान
ग्राम पंचायत ने संत रामपाल जी महाराज को सम्मानित करते हुए उनके योगदान को मान्यता दी। पंचायत ने उनके प्रति आभार व्यक्त किया और भविष्य में भी उनकी सेवा को प्राथमिकता देने का आश्वासन दिया। संत रामपाल जी महाराज की टीम ने ग्रामीणों को समझाया कि पाइप और मोटरें स्थायी रूप से उनको दिए गए है, और किसी भी आपदा की स्थिति में तुरंत उपयोग की जा सकेंगी। ग्रामीणों का कहना था कि उनके लिए यह पहली बार ऐसा अनुभव था जब कोई व्यक्ति उनकी समस्याओं को इतनी तत्परता और पूर्णता से हल करने आया। उन्होंने संत रामपाल जी महाराज को भगवान का स्वरूप बताया क्योंकि उनके प्रयास से गांव में पानी निकालना संभव हो सका और फसलें सुरक्षित रहीं।
स्थायी बदलाव और भविष्य की तैयारी
इस सेवा अभियान में सतत प्रयासों से यह सुनिश्चित किया गया कि ग्रामीणों की फसल सुरक्षित रहे, पशु और चारा बचा रहे और भविष्य में भी बाढ़ से प्रभावित न हों। संत रामपाल जी महाराज की टीम ने स्थानीय निवासियों को प्रशिक्षित किया कि कैसे पानी की निकासी की जाए और आवश्यक उपकरणों का इस्तेमाल किया जाए।
फरैण कलां गांव में संत रामपाल जी महाराज की इस सेवा को देखकर अन्य बाढ़ प्रभावित गांवों के लोगों में भी उम्मीद की किरण जगी।
जीवनदाता संत रामपाल जी महाराज
गांव वासियों ने संत रामपाल जी महाराज के प्रति अपनी आभार भावना व्यक्त करते हुए कहा कि उनका योगदान केवल एक सहायता नहीं बल्कि जीवन बदलने वाला कदम था। उनकी मदद ने स्थायी समाधान प्रदान किया और भविष्य के लिए सुरक्षा सुनिश्चित की। वास्तव में इस समय जब कोई भी व्यक्ति, संस्था या सरकार आगे नहीं आई तो संत रामपाल जी महाराज का आना और सभी को एक समान दृष्टि से देखते हुए मदद करना उन्हें निश्चित रूप से ईश्वर की श्रेणी में रखता है। संत रामपाल जी महाराज ने अपने सच्चे आध्यात्मिक ज्ञान से अनगिनत घर बसाए, असंख्य लोगों की बीमारियाँ दूर कीं, उन्हें सही जीवन मार्ग दिखाया, दहेजमुक्त भारत की नींव रखी और नशामुक्त समाज का निर्माण किया।
आज अन्नपूर्णा मुहिम के अंतर्गत उन्होंने गरीबों और जरूरतमंदों को राशन उपलब्ध कराने तथा असहायों को घर देने में लाखों-करोड़ों रुपये खर्च किए हैं। समाज उनके इस अतुलनीय योगदान के लिए सदैव ऋणी रहेगा।