भिवानी, हरियाणा – जहां एक तरफ प्राकृतिक आपदा ने किसानों की कमर तोड़ दी थी और सरकारी तंत्र ने हाथ खड़े कर दिए थे, वहां संत रामपाल जी महाराज एक नई उम्मीद की किरण बनकर सामने आए। हरियाणा के जिला भिवानी के बीरण गाँव में संत रामपाल जी महाराज ने अपनी दया दृष्टि दिखाते हुए बाढ़ राहत सेवा का एक ऐसा उदाहरण पेश किया है, जिसे ग्रामीण किसी चमत्कार से कम नहीं मान रहे हैं।
विपदा में डूबा बीरण गांव: एक गंभीर स्थिति
भिवानी जिले का बीरण गांव पिछले कई महीनों से बाढ़ के पानी में डूबा हुआ था। स्थिति इतनी भयावह थी कि गांव की लगभग 300 से 400 एकड़ उपजाऊ जमीन 3 से 4 फुट गहरे पानी में समा गई थी। इसका असर केवल खेती तक सीमित नहीं था; गांव का स्कूल और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) भी पानी में डूबे होने के कारण बंद पड़े थे।

किसानों की वर्तमान फसल पूरी तरह नष्ट हो चुकी थी और खेतों में इतना पानी भरा था कि अगली फसल की बुवाई की भी कोई उम्मीद नहीं बची थी। ग्रामीणों ने बताया कि वे पिछले तीन महीनों से सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे थे, लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन मिला, कोई समाधान नहीं।
सोशल मीडिया से मिली उम्मीद की किरण
जब प्रशासन से कोई मदद नहीं मिली, तो ग्रामीणों ने सोशल मीडिया (YouTube और Facebook) पर संत रामपाल जी महाराज द्वारा चलाई जा रही विशाल ‘अन्नपूर्णा मुहिम’ और बाढ़ राहत कार्यों के वीडियो देखे। यह देखकर पूरे गांव में एक नई आस जगी।

इसी विश्वास के साथ, सरपंच जी के नेतृत्व में पूरी ग्राम पंचायत बरवाला पहुंची और संत रामपाल जी महाराज के चरणों में एक प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया। उन्होंने गांव से पानी निकालने के लिए मदद की गुहार लगाई।
संत रामपाल जी महाराज की त्वरित कार्यवाही
संत रामपाल जी महाराज ने ग्रामीणों की पुकार को तुरंत सुना। प्रार्थना पत्र मिलते ही उन्होंने बिना किसी देरी के राहत सामग्री भेजने का आदेश दिया। यह मदद इतनी जल्दी पहुंची कि ग्रामीणों को विश्वास ही नहीं हुआ। संत रामपाल जी महाराज ने बीरण गांव के लिए निम्नलिखित सामग्री भिजवाई:
- 3 बड़ी मोटरें: 15 हॉर्स पावर (HP) की तीन शक्तिशाली मोटरें।
- 15,000 फुट पाइप: पानी की निकासी के लिए 8 इंच चौड़े, उच्च गुणवत्ता वाले पाइप।
- सम्पूर्ण एक्सेसरीज: स्टार्टर, केबल, नट-बोल्ट और यहां तक कि पाइप जोड़ने के लिए फेविकोल और अन्य छोटा-बड़ा सामान।
संत रामपाल जी महाराज ने यह सुनिश्चित किया कि किसानों को अपनी जेब से एक रुपया भी खर्च न करना पड़े, इसलिए उन्होंने हर छोटी से छोटी चीज भी साथ में भिजवाई।
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“लोक दिखावा नहीं”: संत रामपाल जी महाराज का कड़ा संदेश
राहत सामग्री के साथ-साथ संत रामपाल जी महाराज ने ग्राम पंचायत को एक लिखित संदेश भी भेजा। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सामग्री संगत के दान के पैसे से है, इसलिए इसका सदुपयोग होना चाहिए।
उनका आदेश था कि:
- गांव का पानी हर हाल में निकलना चाहिए।
- किसानों की अगली फसल की बुवाई होनी चाहिए।
- उन्होंने गांव की तीन वीडियो बनाने का निर्देश दिया: एक अभी की (बाढ़ वाली), एक पानी निकलते समय की, और एक तब की जब वहां फसल लहलहा रही होगी।
उनका उद्देश्य साफ है कि समाज और संगत को पता चले कि उनके दान से लोगों को नया जीवन मिल रहा है।
ग्रामीणों की प्रतिक्रिया: “यह चमत्कार है”
राहत सामग्री से भरे ट्रकों को गांव में देखकर ग्रामीणों की आंखों में खुशी के आंसू आ गए। गांव के बुजुर्गों और सरपंच प्रतिनिधि जोगेंद्र सिंह ने संत रामपाल जी महाराज का कोटि-कोटि धन्यवाद किया। एक बुजुर्ग ग्रामीण ने कहा, “पंडित लखमी चंद ने भविष्यवाणी की थी कि कलयुग में कोई परमात्मा का रूप धरती पर आएगा। आज संत रामपाल जी महाराज के रूप में वह बात सच होती दिख रही है। सरकार ने तो हाथ खड़े कर दिए थे, लेकिन संत जी ने हमें बचा लिया।”
किसानों का कहना है कि संत रामपाल जी महाराज ने उन्हें जो पाइप और मोटरें दी हैं, वह एक स्थायी उपहार है। अब भविष्य में भी बारिश होने पर वे तुरंत पानी निकाल सकेंगे। कृतज्ञता व्यक्त करते हुए ग्राम पंचायत ने संत रामपाल जी महाराज को कबीर साहेब और उनका (संत रामपाल जी का) एक छायाचित्र भेंट स्वरूप दिया।
एक ऐतिहासिक पहल
संत रामपाल जी महाराज केवल ज्ञान ही नहीं दे रहे, बल्कि धरातल पर उतरकर मानवता की सच्ची सेवा भी कर रहे हैं। बीरण गांव में उनके द्वारा पहुंचाई गई यह मदद इस बात का प्रमाण है कि जहां इंसान और सरकार हार मान लेते हैं, वहां एक पूर्ण संत की दया नई जिंदगी दे सकती है।
बीरण गाँव को दी गई सहायता कोई अकेली घटना नहीं है। यह “अन्नपूर्णा मुहिम” का हिस्सा है, जो संत रामपालजी महाराज द्वारा आयोजित एक महत्वपूर्ण और निरंतर बाढ़ राहत अभियान है। यह मुहिम, जो भोजन और आश्रय प्रदान करने के प्रयास के रूप में शुरू हुई थी, अब एक व्यापक मानवीय सहायता अभियान में विकसित हो गई है, जो 300 से अधिक गाँवों तक पहुँच चुका है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह मानवीय मिशन बिना किसी वित्तीय बाधा के आगे बढ़ सके, उन्होंने अपने 12 आश्रमों और 500 से अधिक नामदान केंद्रों पर सभी निर्माण कार्यों को रोकने का सख्त आदेश दिया, सभी निधियों और जनशक्ति को बाढ़ प्रभावित गाँवों को बचाने के लिए मोड़ दिया। सभी प्रयासों का संपूर्ण कवरेज SA NEWS CHANNEL द्वारा सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रलेखित और प्रकाशित किया जा रहा है।
संत रामपाल जी महाराज ने दिखाया है कि अगर हम आध्यात्मिकता के सच्चे मार्ग पर चलें तो क्या किया जा सकता है। जहाँ सच्चे गुरु के मार्गदर्शन में की गई भक्ति और दान को समान महत्व दिया जाता है।
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