हरियाणा के हिसार जिले का कुलेरी गांव इस वर्ष भीषण बाढ़ की चपेट में आया। लगभग 400 से 450 एकड़ जमीन पूरी तरह पानी में डूबी हुई थी। गांववासियों के लिए यह समय अत्यंत कठिन था। प्रशासनिक सहायता सीमित और अपर्याप्त साबित हुई। सरकार ने केवल बिजली का ट्रांसफार्मर प्रदान किया, लेकिन पानी निकालने के लिए न तो मोटर दी और न ही पाइपलाइन।
ऐसी स्थिति में गांव के लोग निराश और हताश हो गए थे। उनके लिए अब अंतिम आशा संत रामपाल जी महाराज ही थे।
गांववालों ने संत रामपाल जी महाराज से की प्रार्थना
कुलेरी गांव की पंचायत ने बार-बार प्रयास किया, लेकिन कोई कारगर समाधान नहीं मिला। तब पंचायत के सदस्य बरवाला पहुँचे और संत रामपाल जी महाराज के चरणों में प्रार्थना पत्र लेकर आए। इस पत्र में उन्होंने 9000 फुट पाइप और दो मोटरों की सहायता की मांग की।
पंचायत के सरपंच और प्रतिनिधियों ने बताया कि यह प्रार्थना केवल मदद की मांग नहीं थी, बल्कि गांववासियों का विश्वास और उम्मीद भी थी। उन्होंने अपनी प्रार्थना में लिखा कि पानी निकलने पर ही उनकी फसल बच सकती है और अगले मौसम में गेहूं की बिजाई संभव हो सकेगी।
संत रामपाल जी महाराज की तुरंत प्रतिक्रिया और राहत कार्य
संत रामपाल जी महाराज ने ग्रामीणों की प्रार्थना तुरंत स्वीकार कर ली। कुछ ही दिनों में अन्नपूर्णा मुहिम के तहत राहत सामग्री का एक विशाल काफिला कुलेरी गांव में पहुँच गया। इस सामग्री में शामिल था:
- दो बड़ी मोटरें (एक 15 एचपी और एक 10 एचपी)
- 9000 फुट लंबी 8 इंची उच्च गुणवत्ता वाली पाइपलाइन
- मोटर चलाने के लिए आवश्यक स्टार्टर, केबल और अन्य उपकरण
गांव के लोग विश्वास ही नहीं कर पा रहे थे कि उनकी प्रार्थना पर इतनी जल्दी सुनवाई हुई।
गांव में राहत कार्य का दृश्य
गांव में जैसे ही सामग्री पहुँची, ग्रामीणों के चेहरों पर खुशियों की लहर दौड़ गई। महीनों की थकान और निराशा की जगह उत्साह और उम्मीद ने ले ली। सेवादारों ने तुरंत पानी निकालने का कार्य शुरू किया।
ग्रामीणों का कहना था:
“सरकार ने केवल कनेक्शन दिया, लेकिन संत रामपाल जी महाराज ने पानी निकालने का वास्तविक साधन दिया। उनके आशीर्वाद से हमारी फसल बच सकेगी।”
संत रामपाल जी महाराज की यह सेवा केवल कुलेरी तक सीमित नहीं थी। उन्होंने हिसार जिले के अन्य बाढ़ प्रभावित गांवों में भी राहत सामग्री भेजी।
संत रामपाल जी महाराज का सेवा संदेश
संत रामपाल जी महाराज का स्पष्ट आदेश है कि सेवा का उद्देश्य केवल दिखावा करना नहीं बल्कि वास्तविक समाधान देना है। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि ग्रामीणों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो और पानी पूरी तरह बाहर निकले।

गांव के सरपंच ने बताया कि संत रामपाल जी महाराज ने कहा कि यदि बाढ़ का पानी समय पर नहीं निकला और अगली फसल की बिजाई प्रभावित हुई, तो भविष्य में भी अतिरिक्त मदद उपलब्ध कराई जाएगी।
राहत सामग्री और कार्य की विस्तृत जानकारी
संत रामपाल जी महाराज के आदेशानुसार:
- 2 मोटरें (15 एचपी और 10 एचपी)
- 9000 फुट लंबी 8 इंची पाइपलाइन
- स्टार्टर, केबल, फेविकॉल और अन्य सभी आवश्यक उपकरण
गांव में पानी निकालने के कार्य के साथ-साथ किसानों को अगले फसल मौसम की तैयारी के लिए भी मार्गदर्शन दिया गया।
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गांववालों का अनुभव और संत रामपाल जी महाराज के प्रति आभार
ग्रामीण बताते हैं कि अब उनके पास स्थाई समाधान है और उन्हें पूरा विश्वास है कि उनकी फसल बची रहेगी। पंचायत के सदस्य ने कहा:
“संत रामपाल जी महाराज ने न केवल हमारी वर्तमान आपदा को दूर किया बल्कि भविष्य के लिए भी हमें आश्वस्त किया। यह सेवा और करुणा का अद्भुत उदाहरण है।”
संत रामपाल जी महाराज की कृपा से गांव में पानी निकाला जा चुका है और ग्रामीण अब अपनी फसलों की सुरक्षा और अगली बिजाई के लिए तैयार हैं।
मानवता और सेवा का सर्वोच्च उदाहरण
कुलेरी गांव की घटना यह दिखाती है कि संकट के समय सच्ची सेवा और करुणा ही जीवन बचा सकती है। संत रामपाल जी महाराज ने यह सिद्ध किया कि संकट में मार्गदर्शन और निस्वार्थ सेवा समाज को बचा सकती है।
गांववासियों का कहना है कि पहले वे प्रशासन से निराश थे, लेकिन गुरुजी की सहायता ने उन्हें न केवल राहत दी, बल्कि जीवन और भविष्य के प्रति भरोसा भी दिया।
भविष्य के लिए संदेश
गांववासियों को संत रामपाल जी महाराज ने निर्देश दिया है कि जो सामग्री मिली है उसे सुरक्षित रखें और बारिश या बाढ़ की स्थिति में इसका उपयोग करके अपने खेतों और गांव को सुरक्षित रखें।
संत रामपाल जी महाराज की यह सेवा केवल कुलेरी तक सीमित नहीं है। हर गांव में जरूरत के अनुसार सामग्री और मार्गदर्शन पहुंचाया जा रहा है। यह मानवता, करुणा और सेवा का जीवंत उदाहरण है।
कुल मिलाकर कुलेरी गांव की कहानी
कुलेरी गांव की यह कहानी केवल बाढ़ राहत की नहीं है, बल्कि टूटे हुए भरोसे को फिर से जोड़ने की कहानी है। संत रामपाल जी महाराज ने गांववासियों की वर्तमान कठिनाई दूर करने के साथ-साथ स्थायी समाधान भी प्रदान किया।
गांव के लोग अब पूरी तरह आश्वस्त हैं कि संत रामपाल जी महाराज की कृपा से उनका गांव जल्द ही सामान्य स्थिति में लौट आएगा और खेत हरे-भरे होंगे।
“जीना तो है उसी का, जिसने यह राज जाना। काम आदमी का है, औरों के काम आना।”



