जगतगुरु तत्वदर्शी सन्त रामपाल जी महाराज की आध्यात्मिक विचारधारा के अद्वितीय ज्ञान की गंगा के अनुरूप सन्त रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में दहेज मुक्त अंतर्जातीय विवाह(रमैनी) की जो मुहिम चलाई गई है उसी विचारधारा के फलस्वरूप सन्त रामपाल जी महाराज के अनुयायियों द्वारा वर्तमान समय में जो दहेज मुक्त अंतर्जातीय विवाह किए जा रहे हैं, वह निश्चित ही मानव जाति के लिए एक स्वर्णिम इतिहास की मिसाल बन रहे हैं।
मुख्य बिंदु
- सन्त रामपाल जी महाराज के सानिध्य में दहेज मुक्त विवाह(रमैनी) मानव समाज के लिए अनुपम सन्देश
- फिजूलखर्ची के बिना सम्पन्न हुए दहेज मुक्त अंतर्जातीय विवाह(रमैनी)
- बिना किसी शोर-शराबे के साथ सम्पन्न हुए दहेज मुक्त विवाह
- बिना किसी रश्मो-रिवाज के सम्पन्न हुए दहेज मुक्त अंतर्जातीय विवाह(रमैनी)
- सन्त रामपाल जी महाराज के द्वारा दहेज मुक्त अभियान से दहेज रूपी राक्षस का होगा अंत
- सन्त रामपाल जी महाराज की कल्याणकारी अद्वितीय विचारधारा से बुराइयों पर लगेगा पूर्ण विराम।
जानिए कहाँ-कहाँ सम्पन्न हुए दहेज मुक्त अनुपम विवाह (रमैनी)
- दिनाँक 18/11/2020 बुधवार को भारत के पड़ोसी देश नेपाल के पर्सा जिला स्थित बीरगंज के बर्दिबास निवासी सन्त रामपाल जी महाराज के अनुयायी अजित दास जी ने सन्त रामपाल जी महाराज के आध्यात्मिक विचारों की अद्वितीय ज्ञान की गंगा से प्रेरित होकर सन्त रामपाल जी महाराज के सानिध्य में नेपाल की पर्सा जिला के सोलखपुर निवासी पुर्णिमा दासी के साथ आडम्बर व दहेज मुक्त विवाह (रमैनी) सम्पन्न किया।
- 18 नवम्बर, 2020 को ग्राम रोडला (जालोर) निवासी सन्त रामपाल जी महाराज के अनुयायी भीखाराम जी ने सन्त रामपाल जी महाराज के द्वारा चलाये गए दहेज मुक्त अभियान से प्रेरित होकर अपनी पुत्री गंगा दासी का दहेज मुक्त विवाह(रमैनी) ग्राम बाला(पाली) निवासी शंकरदयाल जी के पुत्र सुरेशदास के साथ सम्पन्न किया।
- 18 नवम्बर, 2020 को ग्राम रोडला(जालोर) निवासी सन्त रामपाल जी महाराज के अनुयायी भीखाराम जी ने अपनी पुत्री जमना दासी का दहेज मुक्त सादगीपूर्ण विवाह(रमैनी) ग्राम तालियाना(जालोर) निवासी झालाराम जी के पुत्र महेंद्र कुमार के साथ सम्पन्न किया।
सन्त रामपाल जी महाराज की अद्वितीय विचारधारा से कुरीतियां होंगीं खत्म
कबीरपंथी सन्त रामपाल जी महाराज के अद्वितीय ज्ञान से प्रभावित होकर लाखों लोग इस तरह के विवाहों (फिजूलखर्ची व आडम्बरों से युक्त विवाहों) पर लगाम लगा चुके हैं और सभी तरह की सामाजिक कुरीतियों जैसे मृत्युभोज, दहेज़ प्रथा, बाल विवाह प्रथा तथा जाति प्रथा आदि से पूर्ण रूप से दूर हो चुके हैं।
फिजूलखर्ची की प्रवृत्ति से बचें
अक्सर देखा गया है कि लोगों के द्वारा मान-बड़ाई की बेड़ियों में जकड़कर दिखावटी शान-ओ-शौकत के लिए साज-सज्जा के नाम पर लाखों रुपये पानी की तरह बर्बाद कर दिए जातें हैं। तमाम तरह के ताम-झाम किये जाते हैं। तीव्र आवाज में डी.जे. बजाए जाते हैं, नाचते हैं, गाते हैं। तो वहीं दूसरी ओर सन्त रामपाल जी महाराज के अनुयायियों द्वारा बेहद ही सादगीपूर्ण तरीके से बिना किसी लेन-देन के दहेज़ मुक्त अंतर्जातीय विवाह (रमैनी) किये जाते हैं, जिनमें ना तो कोई शोर-शराबा किया जाता है और न ही कोई रश्मो-रिवाज और ना ही किसी प्रकार के नाच-गान का आयोजन किया जाता है।
पूर्ण परमेश्वर कविर्देव जी अपनी वाणी में कहते हैं:
“नाचे गाये किन्हें ना मिल्या, जिन मिल्या तिन रोय।
जे नाचे गाये हरि मिले तो, कौन दुहागण होय।।”
गुरुवचनों के साथ सम्पन्न हुए अनुपम विवाह
कबीरपंथी विचारधारा के सन्त रामपाल जी महाराज के अनुपम ज्ञान से प्रेरित होकर सन्त रामपाल जी महाराज के अनुयायी मात्र 17 मिनिट में गुरुवाणी को साक्षी मानकर दहेज़ मुक्त अंतर्जातीय विवाह संपन्न करते हैं।
बहन-बेटियों का जीवन होगा सुखमय
सन्त रामपाल जी महाराज जी के अनमोल आध्यात्मिक ज्ञान से और सन्त रामपाल जी महाराज के द्वारा चलाये गए दहेज़ मुक्त अभियान से आज हमारे समाज में दहेज़ रूपी राक्षस का अंत हो रहा है और हमारे सभ्य समाज की बहन-बेटियों का जीवन सुखी हो रहा है।
लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए सम्पन्न हुए अनुपम विवाह
वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण से बचाव हेतु सरकार द्वारा बताए गए नियमों का पालन करते हुए मास्क तथा सोशल डिस्टेंसिग के साथ विवाह (रमैनी) में सिर्फ 20-25 व्यक्ति (वर-वधु पक्ष से) ही उपस्थित हुए। वर तथा वधु पक्ष ने सरकारी नियमों का पालन कर एक जिम्मेदार नागरिक होने का कर्तव्य पूरा किया और समाज के लिए तथा युवाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत बने।
बुराइयों से मुक्त स्वर्णिम समाज का हो रहा है निर्माण
सन्त रामपाल जी महाराज के सानिध्य में दहेज मुक्त सादगीपूर्ण विवाह (रमैनी) के माध्यम से दहेज व नशा मुक्त विश्व बनाने के लिए सम्पूर्ण विश्व में वैश्विक स्तर पर जागरूकता लाई जा रही है। सन्त रामपाल जी महाराज के अनुयायी नशाखोरी, चोरी, जारी, रिश्वतखोरी, भ्रूणहत्या आदि बुराइयों को पूर्ण रूप से त्याग चुके हैं
पूर्ण परमेश्वर कविर्देव जी अपनी अमृतमयी वाणी में बताते हैं कि:
परनारी को देखिए, बहन बेटी के भाव।
कहैं कबीर काम नाश का, यही सहज उपाय।।
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बिन उपदेश अचम्भ है, क्यों जिवत हैं प्राण।
भक्ति बिना कहाँ ठौर है, ये नर नाहीं पाषाण।।
पूर्ण परमात्मा कविर्देव की कह रहे हैं कि हे भोले मानव! मुझे आश्चर्य है कि बिना गुरु से दीक्षा लिए किस आशा को लेकर जीवित है। इसलिये बिना समय व्यर्थ गवाएं आज ही पूर्ण सन्त रामपाल जी महाराज से निःशुल्क नाम दीक्षा प्राप्त करें। अधिक जानकारी के लिए “सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल” विजिट करें। सन्त रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पवित्र पुस्तक “जीने की राह” का अवश्य अध्ययन करें।