February 21, 2025

Divya Dharm Yagya Diwas 2024: दिव्य धर्म यज्ञ हुआ संपन्न, सतलोक आश्रमों में हुए भव्य कार्यक्रम 

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Divya Dharm Yagya Diwas 2024: संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में आयोजित तीन दिवसीय 511वें भव्य दिव्य धर्म यज्ञ दिवस का हुआ सफल समापन। 14 से 16 नवंबर तक चले इस विशाल कार्यक्रम का आयोजन कबीर साहेब जी की काशी शहर में की गई भंडारे की लीला को चित्रित करता है। संत रामपाल जी महाराज जी के द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में देश विदेश से करोड़ों अनुयायी साधु, संतो, श्रद्धालुओं और आगंतुकों ने शिरकत की और सत्संग, अमर ग्रंथ साहिब का पाठ, दहेज़ मुक्त विवाह, रक्त दान, देह दान, विशाल धर्म भंडारा, नि:शुल्क नाम दीक्षा, आध्यत्मिक प्रदर्शनी जैसे विविध कार्यक्रमों का लाभ उठाया और इस भव्य आयोजन के साक्षी बनें। इस भव्य आयोजन की विशेषता और उद्देश्य सहित सम्पूर्ण जानकारी से आज रूबरू होगें, बने रहें इसी लेख में 

Table of Contents

दहेजमुक्त आदर्श विवाह237 जोड़े
रक्तदान1956 यूनिट 
देहदान118 पंजीकरण

: 237 जोड़े 

रक्तदान:               1956 यूनिट 

देहदान: 118 पंजीकरण 

खुल्या भंडारा गैब का, बिन चिट्ठी बिन नाम। गरीबदास मुक्ता तुले, धन्य केशो बलि जाँव।।

बिना पकाया पकि रह्या, उतरे अर्श खमीर। गरीबदास मेला सरू, जय जय होत कबीर।।

एक बार सिकंदर लोदी के पीर शेख तकी ने ईर्ष्या वश झूठी चिट्ठी डाल दी कि कबीर साहेब भंडारा करेंगे, जिसमें लाखों लोग अपने शिष्यों सहित पहुंचने लगे। तब समर्थ परमेश्वर कबीर साहेब जी ने काशी शहर में 18 लाख साधु-संतों को भंडारा कराया, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति को एक मोहर और एक दोहर भी दिया गया।

हर बार भोजन के साथ एक मोहर (जो 20 ग्राम सोने का सिक्का होती थी) और एक दोहर (कीमती कंबल) दिया जा रहा था। इस दिव्य भंडारे में बादशाह सिकंदर लोदी सहित 18 लाख साधु-संतों ने हिस्सा लिया।

■ Also Read: देश विदेश के सतलोक आश्रमों में सम्पन्न हुआ 627 वां कबीर परमेश्वर प्रकट दिवस, जिसके गवाह बने लाखों श्रद्धालु

इसी ऐतिहासिक घटना के आधार पर 511वें दिव्य धर्म यज्ञ दिवस का आयोजन किया गया, जिसका जीवंत उदाहरण संत रामपाल जी महाराज ने प्रस्तुत किया। इस आयोजन में भव्य कार्यक्रम और जनकल्याणकारी कार्य भी प्रस्तुत किए गए।

511वां दिव्य धर्म यज्ञ दिवस 14 से 16 नवंबर 2024 तक सभी सतलोक आश्रमों में भव्य तीन दिवसीय समागम के रूप में आयोजित किया गया। यह आयोजन मुख्यतः सतलोक आश्रम धनाना धाम (हरियाणा), सतलोक आश्रम कुरुक्षेत्र (हरियाणा), सतलोक आश्रम भिवानी (हरियाणा), सतलोक आश्रम बैतूल (मध्यप्रदेश), सतलोक आश्रम इंदौर (मध्यप्रदेश), सतलोक आश्रम शामली (उत्तर प्रदेश), सतलोक आश्रम सोजत (राजस्थान), सतलोक आश्रम धुरी (पंजाब), सतलोक आश्रम खमानो (पंजाब), सतलोक आश्रम मुंडका (दिल्ली) तथा सतलोक आश्रम धनुषा (नेपाल) में आयोजित किया गया। सभी आश्रमों में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। समागम के दौरान निम्नलिखित कार्यक्रम आकर्षण का केंद्र रहे:

  • शुद्ध देसी घी के भंडारे
  • मिठाइयां, हलवा-पूड़ी जैसे स्वादिष्ट प्रसाद
  • अमर ग्रंथ साहिब का अखंड पाठ
  • आध्यात्मिक प्रदर्शनी
  • निःशुल्क नामदीक्षा
  • रक्तदान और देहदान अभियान
  • दहेज रहित विवाह
  • नेत्र चिकित्सा जैसे जनकल्याणकारी कार्यक्रम

इस आयोजन ने आध्यात्मिकता और जनसेवा का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया।

धनाना धाम live…..

14 से 16 नवंबर 2024 तक चले तीन दिवसीय दिव्य धर्म यज्ञ दिवस के अवसर पर गरीबदास जी महाराज के अमर ग्रंथ साहिब का अखंड पाठ आयोजित किया गया। यह आयोजन आध्यात्मिक लाभ और आलौकिक ज्ञान की दृष्टि से अत्यंत अनमोल है। इस पाठ का सभी श्रद्धालुओं के लिए विशेष महत्व है, क्योंकि इसमें ज्ञान यज्ञ, हवन यज्ञ सहित सभी पांचों यज्ञों का समावेश होता है।

विशाल भंडारे में लड्डू, जलेबी, बर्फी, हलवा, पूड़ी, चावल, फुल्के (रोटी) आदि विभिन्न पकवान अनवरत रूप से परोसे गए। इस दिव्य भंडारे में लाखों लोगों ने भाग लेकर आध्यात्मिक लाभ प्राप्त किया और भंडारे के स्वादिष्ट प्रसाद का आनंद लिया।

शुद्ध घृत से निर्मित अमृत तुल्य हलवे का प्रसाद तीनों दिवस सभी को वितरित  किया गया।

तीन दिवसीय समागम मे लगातार अखण्ड घृत ज्योति प्रज्वलित की गई।

संत रामपाल जी महाराज द्वारा आयोजित समागम में ज्ञान, ध्यान, हवन, दान और प्रणाम यज्ञ सभी पांचों यज्ञों का समावेश होता है इस लिए सभी यज्ञों का सामूहिक लाभ प्राप्त हो जाता है जो अद्भुत अनुभूति का अहसास कराता है। 

दहेज रहित आदर्श विवाह भी इस आयोजन का प्रमुख आकर्षण रहे, जिनमें सैकड़ों जोड़ों का आडंबर रहित विवाह संपन्न कराया गया। रमैणी विवाह, जिसमें किसी भी प्रकार का दहेज या वस्तुओं का लेन-देन नहीं होता, आज समाज में प्रेरणादायक और सर्वाधिक प्रचलित हो रहे है। यह विवाह गुरु वाणी के माध्यम से मात्र 17 मिनट में संपन्न कराया जाता है।

यह समाज के लिए संत रामपाल जी महाराज का एक अनमोल उपहार है, जिसमें वर और वधू पक्ष पूरी सादगी से विवाह करते हैं, और दहेज प्रथा का पूर्णतः बहिष्कार किया जाता है।

इस समागम ने परमार्थ का संदेश भी दिया गया। इसमें हजारों यूनिट रक्तदान स्वेच्छा से किया गया ताकि जरूरतमंदों को समय पर रक्त मिल सके और उनका जीवन बचाया जा सके। साथ ही, एक आश्रम में देहदान का पंजीकरण भी किया गया। रमैणी विवाह, रक्तदान और देहदान के आंकड़े नीचे दिए गए हैं:

सतलोक आश्रम दहेज रहित विवाह रक्तदान यूनिट देहदान पंजीकरण 
धनाना धाम 30 269 
भिवानी 134 
कुरुक्षेत्र 225 
खमाणों 11 205 
धूरी 78 
मुंडका दिल्ली 10 
शामली उ०प्र०   21 210 
सोजत 34 180 
बेतूल 80 490 
इंदौर 20 100 118 
धनुषा नेपाल 13 65 
कुल 237 1956 118 
  • रक्तदान और दहेज मुक्त विवाह बने प्रेरणा स्रोत: हजारों लोगों ने दहेज न लेने और न देने का संकल्प लिया।
  • दहेज मुक्त विवाह: मात्र 17 मिनट में संपन्न इन विवाहों ने समागम में आए लोगों को फिजूलखर्ची और दहेज रूपी राक्षस से मुक्ति का संदेश दिया।
  • रक्तदान की प्रेरणा: रक्तदान के लिए लोगों की लंबी कतारें लग गई, जिसमें स्वेच्छा से रक्तदान करने वालों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।
  • नशामुक्त और रोगमुक्त रक्तदाता: संत रामपाल जी महाराज के नशामुक्ति के उपदेश का पालन करने वाले अनुयायी, जो पूरी तरह से रोगमुक्त और नशामुक्त थे, ने रक्तदान कर एक विशेष पहचान स्थापित की।

आध्यात्मिक प्रदर्शनी समागम में आए लोगों के लिए ज्ञान यज्ञ और शंका समाधान का माध्यम बनी। प्रदर्शनी में चार वेद, छः शास्त्र, 18 पुराण और सभी धर्मग्रंथों को रखा गया था, जिससे सत्य ज्ञान को सरल और प्रभावी ढंग से समझाया जा सके। यह प्रदर्शनी बच्चों, युवाओं, महिलाओं और बुजुर्गों सहित सभी वर्गों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी। सत्य ज्ञान को प्रदर्शनी के माध्यम से सहजता से समझाया गया, जिससे लोगों को अपने आध्यात्मिक जीवन को सशक्त बनाने में सहायता मिली। इसके साथ ही पुस्तकालय में आध्यात्मिक और धार्मिक पुस्तकों के स्टॉल ने आगंतुकों को गहन ज्ञान प्राप्त करने में सहयोग किया। 

सैकड़ों लोगों ने अपनी शंकाओं का समाधान कराया, सत्य ज्ञान को समझा, और नाम उपदेश प्राप्त कर आत्मकल्याण के मार्ग पर कदम बढ़ाया। इस आयोजन की सभी व्यवस्थाएं पूर्णतः नि:शुल्क थीं, जो इसे एक जनकल्याणकारी और प्रेरणादायक आयोजन बनाती हैं।

निः शुल्क उपदेश (नाम दीक्षा) प्राप्त कर लोगों ने आत्म कल्याण के मार्ग पर आगे  बढ़ने का संकल्प लिया जो सभी के लिए प्रेरणादायक हो सकता है। सभी से अनुरोध है कि ज्ञान को समझ कर अपने आत्म कल्याण की  दिशा में कदम बढ़ाएं और परमात्मा से मिलने वाले आध्यात्मिक और भौतिक लाभ प्राप्त कर भक्ति के मार्ग पर चलकर अपना आत्म कल्याण करावें।

जूता घर की सुव्यवस्था और वाहनों की पार्किंग बहुत ही अच्छी और व्यवस्थित थी जिसमें सभी आगंतुकों के लिए सराहनीय सुविधा रही।

विशाल पंडाल में सत्संग के साथ विविध कार्यक्रम भी शान्ति पूर्ण रूप से संपन्न हुए। इतने विशाल भव्य दिव्य धर्म यज्ञ भंडारे में सभी व्यवस्थाएं व्यवस्थित और शांति पूर्ण रूप से संपन्न हुई।

दिव्य धर्म यज्ञ के विषय में गरीब दास जी महाराज जी ने कहा है

गरीब, कोई कहे जग जौनार करी है, कोई कहे महोच्छा। 

बड़े बड़ाई करत हैं, गारी काढ़े ओच्छा।।

सेवादारों की सेवा और निष्ठा से आगंतुक काफी प्रभावित हुए और उनकी गुरु भक्ति और सेवा भावना से गदगद हो गए और कहा कि सब संत रामपाल जी महाराज जी की दी गई शिक्षा का नतीजा है और खुशी खुशी सतलोक आश्रम में फिर आने का संकल्प लेकर विदा हुए।  

दिव्य धर्म यज्ञ दिवस समारोह का आयोजन कर द ग्रेट संत रामपाल जी महाराज ने मानव समाज के प्रति परोपकार किया है। इस भव्य आयोजन में करोड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया, जो संत रामपाल जी महाराज के उपदेशों और शिक्षाओं का प्रत्यक्ष परिणाम है। उन्होंने आध्यात्मिक शिक्षा और जनकल्याणकारी कार्यों के माध्यम से विश्व कल्याण का बीड़ा उठाया है।

इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य परमात्मा कबीर साहेब जी के सत्य ज्ञान, शक्ति, और भक्ति से जीवों को अवगत कराना है, ताकि वे सत्य ज्ञान को समझकर दृढ़ता के साथ आत्मकल्याण का मार्ग अपना सकें। संत रामपाल जी महाराज के ज्ञान और उपदेशों को गहराई से समझने के लिए Sant Rampal Ji Maharaj ऐप डाउनलोड करें और उनकी आधिकारिक वेबसाइट JagatguruRampalJi.org पर विजिट करें।

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