बाढ़ का पानी जब गांवों में घुसता है तो केवल घर ही नहीं डूबते, बल्कि उम्मीदें और भविष्य भी डूब जाते हैं। हाल ही में हिसार ज़िले के बरवाला तहसील के ढाणी खान बहादुर गांव में भी कुछ ऐसा ही हुआ। खेतों में खड़ी फसलें नष्ट हो गईं, घरों में पानी भर गया और विद्यालय परिसर तक जलमग्न हो गया। बच्चों की पढ़ाई ठप पड़ गई और पूरा गांव असहाय नज़र आने लगा।
इसी कठिन समय में संत रामपाल जी महाराज द्वारा चलाए गए त्वरित राहत अभियान ने पूरे इलाके में उम्मीद की नई किरण जगाई। ग्राम पंचायत ने अपनी मांगें लिखित रूप में भेजीं, और आश्चर्यजनक रूप से सिर्फ 24 घंटे के भीतर 12,000 फीट लंबे 8 इंची पाइप, तीन शक्तिशाली 10 एचपी क्रोमटन मोटरें, स्टार्टर, तार और अन्य आवश्यक उपकरण गांव तक पहुंचा दिए गए।
स्कूल बचाने की जद्दोजहद
ढाणी खान बहादुर गांव का प्राथमिक विद्यालय सबसे अधिक प्रभावित हुआ। बारिश और बाढ़ का पानी लगातार विद्यालय भवन में घुस रहा था। बच्चे कई दिनों से स्कूल नहीं जा पा रहे थे। शिक्षकों और अभिभावकों ने चिंता जताई कि अगर पानी जल्द नहीं निकला तो बच्चों की पढ़ाई लंबे समय तक बाधित हो जाएगी।
संत रामपाल जी महाराज की ओर से भेजी गई मोटरों और पाइपों ने इस समस्या का समाधान आसान कर दिया। ग्रामीणों ने मिलकर पाइप बिछाने और मोटर लगाने का कार्य शुरू किया। अब उम्मीद है कि विद्यालय का पानी जल्द ही निकाला जाएगा और बच्चों की कक्षाएं पुनः शुरू हो पाएंगी।
ग्राम पंचायत और ग्रामीणों की प्रतिक्रिया
गांव के सरपंच ने कहा कि जब उन्होंने लिखा तो सोचा था कि शायद कई दिन लगेंगे लेकिन अगले ही दिन इतना सारा सामान गांव में पहुंच गया, यह चमत्कार से कम नहीं।
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ग्रामीण सत्यवान ने भावुक होकर बताया कि सरकारी सहायता में हफ़्तों लगते हैं। यहां केवल कुछ ही घंटों में मदद मिल गई। संत रामपाल जी महाराज ने साबित कर दिया कि असली संत वही है जो समाज के संकट में काम आए। गांव के बुज़ुर्ग गुलाब सिंह ने कहा, “इतनी जल्दी और इतने बड़े पैमाने पर मदद हमने अपने जीवन में कभी नहीं देखी। यह केवल एक संत ही कर सकता है।”
केवल एक गांव नहीं, कई गांवों को राहत
संत रामपाल जी महाराज का यह अभियान केवल ढाणी खान बहादुर तक सीमित नहीं रहा। हरियाणा के अन्य गांवों को भी त्वरित राहत सामग्री उपलब्ध कराई गई है।
- गुराना गांव – 16,500 फीट पाइप, छह मोटरें, चार सबमर्सिबल पंप
- बधावड़ गांव – प्रार्थना के 12 घंटे के भीतर, 300 फीट पाइप, पांच मोटरें, दो सबमर्सिबल पंप
- दाड गांव – 7,000 फीट पाइप, छह मोटरें
- लितानी गांव – 15,000 फीट पाइप, दो 20 एचपी मोटरें
- सिंधड़ गांव – 20,000 फीट पाइप, चार मोटरें, 10,500 फीट केबल
- बिठमड़ा- बिठमड़ा गांव को 400 फीट पाइप जिसमें 15000 फीट 10 इंची पाइप और 25,000 फीट 8 इंची पाइप, छह बड़ी मोटरें, 20 हॉर्स पावर की और 1000
- ज्ञानपुरा गांव – 20,000 फीट 8 इंची पाइप और पांच बड़ी मोटरें, 20 हॉर्स पावर की भेजकर गांव को बड़ी राहत प्रदान की गई।
- बाणाखेड़ा गांव- 15,400 फीट 8 इंची पाइप और चार बड़ी मोटरें, 15 हॉर्स पावर की भेजकर तत्काल राहत प्रदान की गई।
- बाढ़ ग्रस्त सुरेवाला गांव – 9000 फीट 8 इंची पाइप, दो बड़ी मोटरें, 20 हॉर्स पावर की और 500 फुट तार भेजा गया।
- नेहला गांव, फतेहाबाद – 15400 फीट 8 इंची पाइप, दो मोटरें, एक 15 हॉर्स पावर की और एक 20 हॉर्स पावर की दी गई और 600 फुट केबल और पीने के पानी के लिए दो नए समर्सिबल पंप
इन गांवों के पंचों और ग्रामीणों ने भी कहा कि इतनी तेज़ी से मदद उन्होंने पहले कभी नहीं देखी।
अन्नपूर्णा मुहिम
संत रामपाल जी महाराज द्वारा केवल उपकरण की ही नहीं, बल्कि खाने-पीने की वस्तुओं की भी व्यवस्था की गई है। फतेहाबाद जिले के मात्रश्याम गांव में अन्नपूर्णा मुहिम के अंतर्गत 50 से अधिक परिवारों को राशन वितरित किया गया। आटा, चावल, दाल, तेल और अन्य ज़रूरी सामग्री गांव-गांव पहुंचाई गई।
इससे बाढ़ पीड़ित परिवारों को बड़ी राहत मिली। युवा पंच राम ने कहा, “अन्नपूर्णा योजना जैसी सेवा हमने पहली बार देखी है। इससे पूरे गांव में नई उम्मीद जगी है।” जानकारी के लिए बता दें कि संत रामपाल जी महाराज कोरोना के समय से ही भंडारा आदि के वितरण की व्यवस्था करवाते रहे हैं चाहे वह बाढ़ जैसी कोई आपत्ति हो या कोई अन्य। सात रामपाल जी महाराज की अन्नपूर्णा मुहिम के तहत अनेकों परिवारों को निशुल्क पूरा राशन उपलब्ध करवाया जाता है।
संत रामपाल जी महाराज का आदेश और सेवा का भाव
संत रामपाल जी महाराज ने अपने अनुयायियों को स्पष्ट आदेश दिया कि आश्रमों में चल रहे सभी निर्माण कार्य रोक दिए जाएं और पूरा संसाधन बाढ़ पीड़ितों की सहायता में लगाया जाए। उनका संदेश था कि पहले लोगों की जान और जीवन को बचाना है। आगे भी आवश्यकता अनुसार नई सामग्री भेजी जाएगी। इस आदेश के बाद संत रामपाल जी महाराज ने अपने अनुयायियों के माध्यम से राहत सामग्री को ट्रैक्टर-ट्रालियों से गांव-गांव तक पहुँचाया।
संत रामपाल जी महाराज से ग्रामीणों की उम्मीदें
संत रामपाल जी महाराज द्वारा मदद पहुँचाने पर गांव के बच्चे भी उत्साहित थे। उन्होंने कहा कि अब उनका स्कूल जल्द खुल जाएगा। महिलाएं राहत सामग्री पाकर भावुक हो उठीं। एक ग्रामीण महिला ने बताया कि घर में कई दिनों से राशन की कमी थी। आज जो सामग्री मिली है, उससे बच्चों का पेट भरेगा। संत रामपाल जी महाराज पूरे गांव के लिए नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए मसीहा हैं।
सेवा से बढ़ता विश्वास
ढाणी खान बहादुर और अन्य गांवों में इस राहत अभियान ने केवल पानी नहीं निकाला, बल्कि लोगों के दिलों में विश्वास भी जगाया। गांव-गांव में चर्चा है कि अगर इस तरह की सेवा हर जगह मिले तो कोई भी परिवार आपदा के समय असहाय नहीं रहेगा। जल्द ही बच्चे विद्यालयों में पुनः अपनी कक्षाओं में बैठ सकेंगे। संत रामपाल जी महाराज ने सरपंच को आश्वासन दिलाया है कि अब वे समर्थ कबीर परमेश्वर की कृपादृष्टि में हैं और उनकी यथासंभव मदद की जाएगी।
संत रामपाल जी महाराज का बाढ़ राहत अभियान बना मिसाल
संत रामपाल जी महाराज का यह बाढ़ राहत अभियान हरियाणा के लिए एक मिसाल बन गया है। ढाणी खान बहादुर से लेकर सिंधड़ और मातरश्याम तक, जहां-जहां सहायता पहुंची, वहां-वहां ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। यह कहानी केवल राहत सामग्री पहुंचाने की नहीं है, बल्कि उस सोच की है जिसमें समाज सेवा सर्वोपरि है। बाढ़ जैसी आपदा में जब लोग उम्मीद खोने लगते हैं, तभी संत रामपाल जी महाराज का यह अभियान यह विश्वास दिलाता है कि ईश्वर पृथ्वी पर है और वास्तव में एक पुकार में मदद के लिए आते हैं।