October 18, 2024

Delhi Earthquake Hindi News Update

Published on

spot_img

आज हम आपको कल रात देश की राजधानी दिल्ली में आए भूकंप के बारे में जानकारी देंगे। COVID-19 के चलते लॉकडाउन में आठवीं बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। (8 times Earthquake in Delhi during Lockdown)। हालांकि हर बार Delhi Earthquake की तीव्रता बहुत कम रही जिससे नुकसान नहीं हुआ । गत दिवस भूकंप की तीव्रता पहले से कुछ अधिक रही है साथ ही पंजाब, हरियाणा राज्यों में भूकंप दर्ज किया गया। जानिए delhi earthquake news in hindi के बारे में

मुख्य बिंदु

  • दिल्ली-NCR समेत पंजाब, हरियाणा में महसूस किए गए भूकंप के झटके।
  • लॉक डाउन के बाद आठवीं बार हिली दिल्ली।
  • रोहतक रहा भूकंप का सेंटर।
  • रिक्टर स्केल पर 4.6 मापी गई तीव्रता।
  • करीब 10 सेकेंड तक होता रहा कंपन।

Delhi NCR में भूकंप के झटके

इस बार नई दिल्ली के साथ हरियाणा और पंजाब में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र हरियाणा का रोहतक जिला था जो कि दिल्ली से करीब 60 किलोमीटर दूर है। सोशल मीडिया पर तुरन्त ही #Earthquake टैग ट्रेंड करने लगा। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार पहला भूकंप रात के 9:08 पर महसूस हुआ जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल 4.5 थी। दूसरा झटके रात 10 बजे महसूस किया गया जिसकी तीव्रता 2.9 मापी गई। भूकंप का केंद्र 5 किलोमीटर नीचे स्थित था। जानकारी के अनुसार दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, गाजियाबाद समेत कई जगहों पर लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए।

8 Times Earthquake In Delhi During Lockdown

जी हाँ, लॉकडाउन के बाद दिल्ली में अबतक आठ बार भूकंप आ चुका है। हालांकि लॉकडाउन के बाद यह सबसे तीव्र भूकंप था। भूकंप के लिहाज़ से दिल्ली एक संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है। दिल्ली और उसके आसपास के कुछ इलाके जोन-4 के रखे गए है। 10 मई करीब 1.45 बजे भूकंप के झटके दिल्ली में महसूस किए गए थे जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.5 और उसके बाद 15 मई को भूकंप के जो झटके महसूस किए गए उनकी तीव्रता 2.2 बताई गई।

क्यों आ रहे भूकंप?

NCS के हेड जे एल गौतम के अनुसार लोकल और कम तीव्रता वाले भूकंप के लिए फाल्ट लाइन कारण नहीं है। धरातल के नीचे छोटे छोटे एडजस्टमेंट होते रहते हैं और इन्हीं से कभी कभी झटके महसूस किये जाते हैं। लेकिन बड़े भूकंप फाल्ट लाइन के किनारे आते हैं।

Delhi Earthquake के मामले में सबसे संवेदनशील

भूवैज्ञानिकों ने पूरे भारत को भूकंप को लेकर 4 ज़ोन में बांटा है। मैक्रो सिस्मिक जोनिंग मैपिंग के हिसाब से जोन-5 से जोन-2 तक है। जोन-2 भूकंप के मामले में कम संवेदनशील या कहें सुरक्षित माना जा सकता है।

यह भी पढें: दिल्ली-NCR में फिर भूकंप

दिल्ली को जोन-4 में रखा गया है। जोन-4 के इलाकों में लगभग 7.9 की तीव्रता से भूकंप आ सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार 5.0 की तीव्रता ही बहुत नुकसान कर सकती है। उत्तर पूर्व के सभी राज्य, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल जोन-5 में आते हैं। हालांकि उत्तराखंड के कम ऊंचाई वाले क्षेत्र जोन-4 में ही आते हैं। पृथ्वी विज्ञान विभाग की एक रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में यमुना के मैदानों में भूकंप का खतरा सबसे अधिक है। दिल्ली में बनी नई इमारतें 6 से 6.6 तक की तीव्रता वाले कम्पन को झेल सकती हैं। 2008 और 2015 में नेपाल में आये भूकंप के बाद ही दिल्ली में पुरानी इमारतों को ठीक करने की शुरुआत हुई थी।

Delhi Earthquake News in Hindi-भूकंप के दौरान क्या करें?

  1. भूकंप आने पर बिल्डिंग, टॉवर, घरों आदि से दूर खुले मैदान में आएं।
  2. यदि आप कहीं नहीं जा पा रहे हैं तो टेबल, पलँग आदि के नीचे सर को छुपाते हुए शरण लें।
  3. यदि आप खाली कमरे में हैं तो कमरे के कोने में शरण लें।
  4. भूकंप के दौरान बिजली के सभी स्विच ऑफ कर दें।
  5. भूलकर भी लिफ्ट का प्रयोग न करें भागने के लिए केवल सीढ़ियों का प्रयोग करें।
  6. भूंकप जैसी आपदाओं के लिए संवेदनशील जोन में घर बनाते समय हाथी पांव पिलर बनाना लाभदायक होता है।

Delhi-Earthquake विशेष

पृथ्वी पर आपदाओं के आना कोई नई बात नहीं है। आरम्भ से ही मानव इन्हें झेलता हुआ यहां तक पहुंचा है। लेकिन वर्ष 2020 ग्रहों, नक्षत्रों, भविष्यवाणियों और अब आंखों देखा बता रहा है कि यह घोर आपदाओं, विपत्तियों और महामारी का वर्ष है। इस तरह एक साथ अनेकों प्राकृतिक आपदाओं से निपटना समूची मानव जाति के वश की बात नहीं है। केवल सृष्टि रचयिता हमें बचा सकते है। संत रामपाल जी महाराज कबीर साहेब कों उद्धृत करते कहते है:

“जबही सतनाम हृदय धरो भयो पाप को नाश”

अर्थात उनसे नामदीक्षा लें और इस अनियमित आपदाओं वाले क्षणिक सुखदाता देश यानी इस ब्रह्म लोक से छूट कर सतलोक की ओर जाने की ठान लें।

Latest articles

International Day for the Eradication of Poverty 2024 (Hindi): संसार में दुख और गरीबी कैसे दूर होगी?

International Day for the Eradication of Poverty: कोरोना काल में भारत में गरीबों की तादाद बहुत अधिक बड़ गई है। कोरोना महामारी के दौरान दुनिया भर में गरीब हुए लोगों में 60 फीसदी भारतीय हैं। एक रिसर्च के मुताबिक बढ़ी बेरोजगारी के चलते भारत के मिडिल क्लास में 3.2 करोड़ लोग कम हुए है और गरीबों की संख्या साढ़े सात करोड़ बढ़ी है। विश्वबैंक ने कहा कोविड-19 के कारण 2021 तक 15 करोड़ लोगों के गरीबी के दलदल में फंसने के आसार बन गये हैं।

International Day for the Eradication of Poverty 2024: Sat-Bhakti is the Best Mean to Eradicate Poverty

Last Updated on 15 October 2024 IST | The International Day for the Eradication...

Valmiki Jayanti 2024 [Hindi]: महर्षि वाल्मीकि जयंती पर जानें क्या है आदिराम और रामायण के राम में अंतर?

Last Updated on 15 October 2024 IST |प्रतिवर्ष आश्विन मास की पूर्णिमा को पड़ने...

World Food Day 2024: Right to Food for a Brighter Future

World Food Day was first established in November 1979. The idea was suggested by former Hungarian Minister of Agriculture and Food Dr Pal Romany. Since then, the day has been celebrated by more than 150 countries around the world. It is an initiative by the Food and Agricultural Organisation (FAO) of the United Nations. 
spot_img

More like this

International Day for the Eradication of Poverty 2024 (Hindi): संसार में दुख और गरीबी कैसे दूर होगी?

International Day for the Eradication of Poverty: कोरोना काल में भारत में गरीबों की तादाद बहुत अधिक बड़ गई है। कोरोना महामारी के दौरान दुनिया भर में गरीब हुए लोगों में 60 फीसदी भारतीय हैं। एक रिसर्च के मुताबिक बढ़ी बेरोजगारी के चलते भारत के मिडिल क्लास में 3.2 करोड़ लोग कम हुए है और गरीबों की संख्या साढ़े सात करोड़ बढ़ी है। विश्वबैंक ने कहा कोविड-19 के कारण 2021 तक 15 करोड़ लोगों के गरीबी के दलदल में फंसने के आसार बन गये हैं।

International Day for the Eradication of Poverty 2024: Sat-Bhakti is the Best Mean to Eradicate Poverty

Last Updated on 15 October 2024 IST | The International Day for the Eradication...

Valmiki Jayanti 2024 [Hindi]: महर्षि वाल्मीकि जयंती पर जानें क्या है आदिराम और रामायण के राम में अंतर?

Last Updated on 15 October 2024 IST |प्रतिवर्ष आश्विन मास की पूर्णिमा को पड़ने...