वर्तमान में चल रहे कोरोना काल के चलते यूं तो कई तरह से विवाह हो रहे हैं जिनमें कम लोग शामिल हैं किन्तु आज हम जिन विवाहों की बात करने जा रहे हैं वो न आपने कभी देखे होंगे और न ही सुने होंगे। ये विवाह बिना दहेज, दिखावे व फ़िज़ूलख़र्ची के मात्र 17 मिनट में सम्पन्न हो रहे हैं जोकि पूर्ण तत्वदर्शी सन्त रामपाल जी महाराज के शिष्यों द्वारा अपने गुरुजी के ज्ञान के आधार पर किये जा रहे हैं।
बिना बैंड-बाजा हुए विवाह सम्पूर्ण
विवाह के लिए लोग लाखों रुपये खर्च करते हैं। पैसों के साथ ही ढेरों रस्मों रिवाज और अलग वेशभूषा में विवाह संपन्न होते हैं वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसे विवाह हो रहे हैं जो बहुत ही साधारण तरीके से संपन्न कराए जा रहे हैं। बिना बैंड बाजे के एवं अत्यंत साधारण वेशभूषा में वर वधु मात्र 17 मिनट में परिणय सूत्र में बंध रहे हैं। यहाँ न केवल सादगी थी बल्कि व्यर्थ के रीति-रिवाजों एवं अन्य दिखावे व दान दहेज का भी नामोनिशान नहीं था। ऐसे विवाह लोगों में आश्चर्य व चर्चा का विषय बने रहे।
किन जोड़ों ने किया ऐसा अनोखा विवाह?
मध्यप्रदेश राज्य के जिला राजगढ़, बाल चिड़ी, व्यावरा से सुनील वर्मा पुत्र ज्याराम वर्मा एवं जिला शिवपुरी, कोलारस से सोनो जाटव पुत्री कमर लाल का विवाह ऐसी ही सादगी के साथ दिनांक 22/11/2020 संपन्न हुआ।
दिनांक 22/11/2020 को कोलारस, शिवपुरी की ही एक अन्य वधु उषा जाटव (योग्यता बीएससी) पुत्री कुँवरराज का विवाह खनियाधाना, शिवपुरी के मोहन जाटव (योग्यता-बीए) पुत्र रामदास का विवाह रमैनी के माध्यम से संपन्न हुआ।
मध्यप्रदेश कटनी में सरिता जो सरकारी नर्स के पद पर कार्यरत है का विवाह जबलपुर निवासी अमित जो आईसीआईसीआई बैंक जबलपुर में कार्यरत है से रमैनी के माध्यम से सादगीपूर्ण 17 मिनटों में सम्पूर्ण हुआ।
राजस्थान राज्य के पाली जिले के सुमेरपुर में भी दिनांक 22/11/2020 को ऐसे ही सादगीयुक्त अद्भुत विवाह संपन्न हुआ जहाँ पोमावा गांव की बेटी शारदा पुत्री मांगीलालजी का विवाह पाली शहर के वेनारामजी के पुत्र ललित के साथ सम्पन्न हुआ। इस विवाह में केवल 25 लोग ही शामिल हुए थे जिसमें बेहद साधारण वेशभूषा में बिना दिखावटी बनाव श्रृंगार के वर वधु परिणय सूत्र में बंधे।
दिनांक 23/11/2020 को मध्यप्रदेश के शिवपुरी के न्यू कॉलोनी बैराड़ निवासी योगेश दास पुत्र मांगीलाल का विवाह जिला विदिशा की सारंगा गांव, तहसील पठारी की निवासी जीवंती दासी पुत्री जीवनलाल दास के साथ गुरुवाणी के साथ बदरवास में सम्पन्न हुआ।
दिनांक 28/11/2020 को राजस्थान राज्य के पाली जिले में पुराना हाउसिंग बोर्ड में पाली शहर के निवासी हरीश दास पुत्र घीसुलाल का विवाह सीमा (मंजू) दासी पुत्री वेनाराम दास का विवाह सन्त रामपाल जी महाराज के ज्ञान आधार पर गुरुवाणी के सतह 17 मिनट में सम्पन्न हुआ। इस विवाह में दोनो पक्ष से मात्र 30 लोग शामिल हुए थे।
आश्चर्य की बात है कि सन्त रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान से प्रभावित होकर नेपाल में भी ऐसे विवाह होते रहे हैं जहाँ गुरुवाणी के माध्यम से विवाह सम्पन्न हुआ हो। ऐसा एक अन्य विवाह हाल ही में सम्पन्न हुआ जहाँ रौतहट जिले के गढ़ीमाई-9 निवासी संदीप कुमार दास पुत्र विद्यानंद दास का विवाह धनुषा जिले के नगराइन निवासी दिपिका दासी पुत्री अशेस्ट लाल कर्ण के साथ महोत्तरी जिले के बर्दीबास नामदान स्थान पर हुआ। वर संदीप सेसाकेयर प्राइवेट लिमिटेड में सेल्स ऑफिसर की पोस्ट पर कार्यरत है एवं वधु दिपिका बीएड ग्रेजुएट है।
पूर्ण परमात्मा की उपस्थिति में सम्पन्न हुए सभी विवाह
केवल दिखावे से बचना ही इन विवाहों का उद्देश्य नहीं रहा है बल्कि शास्त्र विधि के अनुसार पूर्ण परमेश्वर की एवं विश्व के सभी देवी देवताओं के आव्हान के साथ विवाह करना इन विवाहों का उद्देश्य रहा है। सन्त रामपाल जी महाराज के ज्ञान में वह शक्ति है जिसने दहेज के लेनदेन पर स्वतः ही रोक लगा दी। लोग दहेज किसी कीमत पर लेने के लिए तैयार नहीं हैं और न ही अन्य किसी भी प्रकार की फिजूलखर्ची के लिए तैयार हैं क्योंकि वे समझ चुके हैं कि वास्तविक और शास्त्रसम्मत विधि क्या है।
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बेटियां विवाह के पश्चात सुखी जीवन भी व्यतीत कर रही हैं। अतः गुरुवाणी के माध्यम से ये विवाह मात्र 17 मिनटों में ही पूर्ण परमेश्वर की उपस्थिति के साथ एवं विश्व के सभी देवी देवताओं के आव्हान के साथ सम्पन्न होते हैं।
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रमैनी से होने वाले विवाह हैं आदर्श विवाह
रमैनी से होने वाले विवाह सबसे आदर्श एवं शास्त्रसम्मत विवाह हैं। इसीप्रकार आदिशक्ति ने अपने तीनों बेटों ब्रह्मा-विष्णु-महेश के विवाह सम्पन्न किये थे जिसमें कोई बनावटी श्रृंगार, दिखावा, नाचगाना या बैंड बाजा नहीं था। आज सन्त रामपाल जी महाराज दहेजमुक्त विवाह करके न केवल समाज में बेटियों का जीवन आसान कर रहे हैं बल्कि पूर्ण परमेश्वर कविर्देव की स्तुति एवं विश्व के सभी देवी देवताओं की स्तुति के साथ विवाह सम्पन्न कराते हैं। इस प्रकार सभी देवी देवता उस परिणय सूत्र में बंधने वाले जोड़े की सदा रक्षा करते हैं। यह शास्त्रसम्मत एवं उत्तम कोटि का विवाह है।
सन्त रामपाल जी महाराज का ज्ञान है अद्भुत
ऐसे अलौकिक विवाह अब तक जो अस्तित्व में नहीं थे ये मात्र सन्त रामपाल जी महाराज के ज्ञान से सम्भव हो पाया है। केवल दहेजमुक्त विवाह ही नहीं बल्कि नशामुक्ति भी सन्त रामपाल जी महाराज का उद्देश्य है। सन्त रामपाल जी महाराज के अनुयायी नशे से दूर हैं एवं इसमें सहयोग भी नहीं करते हैं। रिश्वतखोरी, भ्रूण हत्या, जातिप्रथा आदि सन्त रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान से खत्म हो रही हैं। मर्यादाएं इतना सुंदर जीवन बना सकती हैं ये तो केवल सन्त रामपाल जी महाराज जी ही साबित कर पाए हैं। सन्त रामपाल जी महाराज के तत्वावधान में ही वह दिन दूर नहीं जब भारत विश्वगुरू बनेगा। अधिक जानकारी के लिए देखें सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल।