17 मिनट में दहेज रहित शादी: पूर्ण सन्त रामपाल जी महाराज के अनमोल तत्वज्ञान की विचारधारा की गंगा के अनुरूप सन्त रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में पूर्णतया दहेज मुक्त विवाह(रमैनी) की जो मुहिम चलाई गई। उसी विचारधारा के फलस्वरूप सन्त रामपाल जी महाराज के अनुयायियों द्वारा वर्तमान समय में जो दहेज मुक्त विवाह किए जा रहे हैं, वह निश्चित ही आज की मानव जाति की वर्तमान की पीढ़ी के लिए तथा भावी पीढ़ी के लिए एक अद्वितीय व अनूठी प्रेरणा का कारण बन रहे हैं।
17 मिनट में दहेज रहित शादी: मुख्य बिंदु
- सन्त रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में दहेज मुक्त विवाह(रमैनी) एक सर्वोत्तम पहल।
- दहेज नामक दीमक से समाज को मिलेगा छुटकारा
- बेहद ही सादगीपूर्ण तरीके से सम्पन्न हुए ये अनूठे दहेज मुक्त विवाह।
- बिना किसी अन्यत्र खर्च के सम्पन्न हुए दहेज मुक्त विवाह(रमैनी)
- न ही कोई शोरगुल, न बेंड न बाजा न ही कोई बाराती
- सन्त रामपाल जी महाराज ही सच्चे समाजसुधारक तथा पूर्ण सन्त हैं
17 मिनट में दहेज रहित शादी: अनुपम अद्वितीय दहेज मुक्त विवाह (रमैनियों) की जानकारी
- मध्यप्रदेश के रतलाम जिले की सैलाना तहसील के ग्राम आमलिया डोल खुर्द में सन्त रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में दहेज मुक्त विवाह (रमैनी) सम्पन्न हुई
- मध्यप्रदेश के खरगोन जिले की झिरनिया तहसील के ग्राम निहाली निवासी सन्त रामपाल जी महाराज के अनुयायी द्वारा सन्त रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में दहेज मुक्त सादगीपूर्ण विवाह(रमैनी) किया गया।
मात्र 17 मिनिट में गुरुवाणी से सम्पन्न हुए दहेज मुक्त विवाह (रमैनी)
संत रामपाल जी महाराज के अनुयाई अपने गुरुदेव के वचनों का पालन करते हुए एक ऐसा विवाह(रमैनी) समाज के सामने पेश कर रहे हैं जो वाकई देखने व प्रेरणा लेने के योग्य है। इस विवाह में किसी भी प्रकार का दिखावा जैसे- न डीजे , न बैंड , न बारात, न भात, न मंडप, न फेरे अपितु अपने गुरुदेव के मुख से उच्चारित “17 मिनट की वाणी (जिसे दूसरे शब्दों में रमैणी)” कहा जाता है, को साक्षी मानकर जीवन भर एक दूसरे का सुख-दुख में साथ देने, प्रेम पूर्वक रहने व किसी भी प्रकार की बुराई (जैसे- चोरी- जारी, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार, बेईमानी, ठगी) न करने का वचन लेते हैं। रमैणी यह 17 मिनट की असुर निकंदन रमैणी होती है जिसे फेरों के स्थान पर बोला जाता है। जिसमें विश्व के सर्व देवी-देव तथा पूर्ण परमात्मा कविर्देव जी का आह्वान तथा स्तुति प्रार्थना की जाती है। जिससे सर्व शक्ति उस विवाहित जोड़े (वर-वधु) की सदा रक्षा करते हैं। जिससे जीवन में आने वाले दुःखों का निवारण आसानी से हो सकेगा।
"सर्वशक्तिमान परमेश्वर कविर्देव जी व 33 करोड़ देवी-देवताओं की स्तुति से सम्पन्न हुआ अनुपम विवाह(रमैनी)।"
सद्भक्ति से व्यसनों तथा बुराइयों से मुक्त स्वर्णिम समाज का हो रहा है निर्माण
सन्त रामपाल जी महाराज के सानिध्य में दहेज मुक्त सादगीपूर्ण विवाह (रमैनी) के माध्यम से दहेज व नशा मुक्त विश्व बनाने के लिए सम्पूर्ण विश्व में वैश्विक स्तर पर जागरूकता लाई जा रही है। सन्त रामपाल जी महाराज के अनुयायी नशाखोरी, चोरी, जारी, रिश्वतखोरी, भ्रूणहत्या आदि बुराइयों को पूर्ण रूप से त्याग चुके हैं
सन्त गरीबदास जी महाराज जी ने अपनी अमृतमयी वाणी में बताया है कि -:
गरीब, परद्वारा स्त्री का खोलै, सत्तर जन्म अंधा हो डोलै।
मदिरा पीवै कड़वा पानी, सत्तर जन्म स्वान के जानी।।
बहन-बेटियों का जीवन होगा सुखमय
सन्त रामपाल जी महाराज जी के अनमोल आध्यात्मिक ज्ञान से और सन्त रामपाल जी महाराज के द्वारा चलाये गए दहेज़ मुक्त अभियान से आज हमारे समाज में दहेज़ रूपी राक्षस का अंत हो रहा है और हमारे सभ्य समाज की बहन-बेटियों का जीवन सुखी हो रहा है
“सुखी होगा हर इंसान, धरती बनेगी स्वर्ग समान।”
सद्भक्ति से फिजूलखर्ची की प्रवृति होगी समाप्त
अक्सर देखा गया है कि लोगों के द्वारा मान-बड़ाई की बेड़ियों में जकड़कर दिखावटी शान के लिए साज-सज्जा के नाम पर लाखों रुपये पानी की तरह बर्बाद कर दिए जातें हैं। तमाम तरह के ताम-झाम किये जाते हैं। तीव्र आवाज में डी.जे. बजाए जाते हैं, लोग नाचते हैं, गाते हैं। तो वहीं दूसरी ओर सन्त रामपाल जी महाराज के अनुयायियों द्वारा बेहद ही सादगीपूर्ण तरीके से बिना किसी लेन-देन के दहेज़ मुक्त अंतर्जातीय विवाह (रमैनी) किये जाते हैं, जिनमें ना तो कोई शोर-शराबा किया जाता है और न ही कोई रश्मो-रिवाज और ना ही किसी प्रकार के नाच-गान का आयोजन किया जाता है।
पूर्ण परमेश्वर कविर्देव जी अपनी वाणी में कहते हैं -:
“नाचे गाये किन्हें ना मिल्या, जिन मिल्या तिन रोय।
जे नाचे गाये हरि मिले तो, कौन दुहागण होय।।”
सन्त रामपाल जी महाराज ही पूरे विश्व में एकमात्र समाजसुधारक, विश्व हितैषी व पूर्ण सन्त
सन्त रामपाल जी महाराज जी की जो विचारधारा है वह बहुत ही कल्याणकारी व समूचे विश्व को एक सूत्र में बाँधती है तथा जातियों, धर्मों, सम्प्रदायों तथा कबीलों में बंटे हुए समाज को पुनः मानवता के एकसूत्र में बांध रही है।
जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा।
हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
बिना समय व्यर्थ गंवाएं मनुष्य जीवन का मूल्य समझें और आज ही सद्भक्ति से जुड़ें
गरीब चली गयी सो जान दे, ले रहती कूं राख।
उतरी लाव चढ़ाईयों, करो अपूठी चाक।।
हे मानव! जो आयु बिना सतगुरु के बीत चुकी है, वह तो व्यर्थ गयी उसकी चिंता छोड़कर सच्ची लगन से शेष बची आयु में भक्ति करके कल्याण करवा ले। पूर्ण सन्त रामपाल जी महाराज से आज ही निःशुल्क नाम दीक्षा प्राप्त करें और अपना मनुष्य जीवन का उद्देश्य पूर्ण करें।
सद्भक्ति से पूर्ण परिचय हेतु देखें, सुनें तथा पढ़ें
इस पूरी पृथ्वी पर सन्त रामपाल जी एकमात्र तत्वदर्शी सन्त हैं। प्रिय पाठकजनों से निवेदन है सन्त रामपाल जी महाराज के अनमोल सत्संग सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल पर देखें. तथा सन्त रामपाल जी महाराज जी के द्वारा लिखित पवित्र पुस्तक ‘जीने की राह‘ का अवश्य नियमित रूप से अध्ययन करें।