September 18, 2025

Chhadakhai Odisha [Hindi] | छाड़खाई पर्व की आड़ में मांस खाना और जीव हत्या करना महापाप

Published on

spot_img

Chhadakhai Odisha [Hindi] | छाड़खाई, ओड़िशा का एक प्रसिद्ध मांसाहारी त्योहार है जोकि कार्तिक महीने के खत्म होते ही अगले दिन मनाया जाता है। जबकि भगवान के विधान अनुसार माँस खाना महापाप है। आइये जानते इस पर्व की सम्पूर्ण जानकारी।

Chhadakhai Odisha [Hindi] | : मुख्य बिंदु

  • ओडिशा में मनाए जाने वाला छाड़खाई त्योहार एक मांसाहारी त्योहार है।
  • यह त्योहार कार्तिक मास के समाप्त होने के अगले दिन ही मनाया जाता है।
  • इस साल यह त्योहार 28 नवंबर को है।
  • बेजुबान जानवरों का कत्ल करना और मांस खाना महापाप है।

क्या है छाड़खाई (Chhadakhai) पर्व?

छाड़खाई एक प्रसिद्ध मांसाहारी त्योहार है जो ओडिशा राज्य में मनाया जाता है। इस दिन ओडिशा के लोग काफी मात्रा में मछली, मांस आदि खाते है। 

छाड़खाई (Chhadakhai) कब मनाया जाता है?

ओडिशा के लोग कार्तिक महीने को धर्म का महीना मानते हैं और वे इस पूरे महीने शाकाहार भोजन करते है। लेकिन कार्तिक महीने के खत्म होते ही अगले दिन ओडिशा के लोग मांस खाकर छाड़खाई (Chadakhai) त्योहार मनाते हैं। यह त्योहार इस साल 28 नवंबर को है। इस दिन त्योहार के नाम पर लोगों द्वारा लाखों बेजुबान जानवरों का कत्ल किया जाता है और उनका मांस खाया जाता है। जिसका किसी भी धर्म शास्त्र में जिक्र नहीं मिलता।

Chhadakhai Odisha [Hindi]: छाड़खाई (Chhadakhai) का इतिहास (History)

इतिहास के मुताबिक छाड़खाई की शुरुआत बाली जात्रा उत्सव के साथ हुई थी। पुराने स्पाइस रूट रिकॉर्ड के अनुसार, यह उस समय के आसपास था जब हवाओं ने दिशा बदली और नाविक, मछुआरे और व्यापारी नौकायन के लिए तैयार थे। व्यापारियों और नाविकों की विदाई एक बड़ी दावत के साथ मनाई गई, जिसमें ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में सबसे अच्छी मछली, केकड़ा, झींगा और यहां तक ​​​​कि मांस भी शामिल था। 

■ Also Read | मांस खाना महापाप है-जानिए मांस खाने के क्या हैं नुकसान?

इसी दिन को आज छाड़खाई (Chhadakhai) के रूप में मनाया जाता है। तब से कई इतिहासकारों का मानना ​​है कि छाड़खाई की परंपरा की शुरुआत न केवल भोग के त्योहार के रूप में हुई बल्कि सर्दियों की शुरुआत के रूप में भी हुई थी।

बाईबल के अनुसार माँस खाना निषेध

पूर्ण परमात्मा ने माँस खाने का आदेश कभी नहीं दिया। पवित्र बाईबल के उत्पत्ति ग्रंथ (जेनेसिस) 1:29-1:30 में सर्व प्राणियों के खाने के विषय में पूर्ण परमात्मा का प्रथम तथा अन्तिम आदेश है कि मनुष्यों के लिए फलदार वृक्ष तथा बीजदार पौधे दिए हैं जो तुम्हारे खाने के लिए हैं तथा अन्य प्राणियों को जिनमें जीवन के प्राण हैं उनके लिए छोटे-छोटे पेड़ अर्थात् घास, झाड़ियां तथा बिना फल वाले पेड़ आदि खाने को दिए हैं।

माँस खाना महापाप है

जैसा कि छाड़खाई एक मांसाहारी पर्व है जिसमें लोग बेजुबान जानवरों को मारकर उनके मांस को खाते हैं। जबकि संत रामपाल जी महाराज बताते हैं कि मांस भक्षण व जीव हिंसा दोनों ही भगवान के विधान अनुसार महापाप हैं।

भगवान का विधान

कबीर, भांग माछुली सुरा पानि जो जो प्रानी खांहि।

तीरथ बरत नेम कीए ते सभै रसातलि जांहि।।

कबीर, बकरी पाती खात है, ताकी काढी खाल।

जो बकरी को खात है, तिनका कौन हवाल।।

परमेश्वर कबीर जी ने बताया है कि बकरी जो आपने मार डाली वह तो घास-फूंस, पत्ते आदि खाकर पेट भर रही थी। तब भी इस काल लोक में ऐसे शाकाहारी पशु की भी हत्या हो गई तो जो बकरी का माँस खाते हैं उनका तो ओर अधिक बुरा हाल होगा। जो लोग जीव हिंसा करते हैं वह नरक में जाएंगे। परमेश्वर के विधान की सम्पूर्ण जानकारी के लिए Sant Rampal Ji Maharaj App गूगल प्ले स्टोर से डाऊनलोड करें। और इस महापाप के कार्य से बचें।

Chhadakhai Odisha [Hindi] | : FAQ

प्रश्न :- छाड़खाई क्या है?

उत्तर :- छाड़खाई एक मांसाहारी पर्व है।

प्रश्न :- छाड़खाई पर्व किस राज्य में मनाया जाता है?

उत्तर :- छाड़खाई पर्व ओडिशा राज्य में मनाया जाता है।

प्रश्न :- छाड़खाई कब मनाया जाता है?

उत्तर :- कार्तिक महीने के खत्म होते ही अगले दिन ओडिशा के लोग मांस खाकर छाड़खाई (Chhadakhai) त्यौहार मनाते हैं।

प्रश्न :- इस साल छाड़खाई कब मनाया गया?

उत्तर :- इस वर्ष छाड़खाई पर्व 28 नवंबर को है।

निम्नलिखित सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर हमारे साथ जुड़िए

WhatsApp ChannelFollow
Telegram Follow
YoutubeSubscribe
Google NewsFollow

Latest articles

हरियाणा के बधावड़ गाँव में 12 घंटे में बदली किस्मत: संत रामपाल जी महाराज की मदद से बाढ़ पीड़ितों को मिला जीवनदान

हरियाणा के ग्रामीण इलाकों में, जहां बाढ़ रातोंरात जिंदगियां तबाह कर सकती है, बधावड़...

देहरादून में Cloudburst से तबाही: सहस्रधारा और IT Park जलमग्न, पुल टूटा, कई लोगों की मौत और लापता

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून (Dehradun) सोमवार रात को प्राकृतिक आपदा से हिल गई। सहस्रधारा...

RRB NTPC UG Answer Key 2025 Released: Provisional Key, Objection Window & Everything Candidates Must Know

Railway Recruitment Boards (RRBs) have made official the provisional answer key for the RRB...
spot_img

More like this

हरियाणा के बधावड़ गाँव में 12 घंटे में बदली किस्मत: संत रामपाल जी महाराज की मदद से बाढ़ पीड़ितों को मिला जीवनदान

हरियाणा के ग्रामीण इलाकों में, जहां बाढ़ रातोंरात जिंदगियां तबाह कर सकती है, बधावड़...

देहरादून में Cloudburst से तबाही: सहस्रधारा और IT Park जलमग्न, पुल टूटा, कई लोगों की मौत और लापता

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून (Dehradun) सोमवार रात को प्राकृतिक आपदा से हिल गई। सहस्रधारा...