November 22, 2024

Al Khidr in Hindi: क्या अलखिज्र (अल-खिद्र) आज भी जीवित हैं?

Published on

spot_img

Al Khidr in Hindi: आज हम आप को इस ब्लॉग के माध्यम से अलखिज्र (अल-खिद्र, Al-Khidr) के बारे में विस्तार से Hindi में बताएँगे. हम निम्लिखित बिन्दुओ पर चर्चा करेंगे.

Table of Contents

अलखिज्र-अल खिद्र (Al-Khidr)-तत्वदर्शी संत को तेज पुंज शरीर से कैसे पहचानें ?

पूर्ण परमात्मा समय समय पर सतलोक से पृथ्वी पर सशरीर आते हैं और सांसारिक प्राणियों को सत ज्ञान से परिचित कराते हैं। पुण्य आत्माओं को तत्वज्ञान उपदेश देकर वापिस सतलोक चले जाते हैं । परिस्थिति विशेष में भक्तों को कठिनाई में पाकर भी परमात्मा पृथ्वी पर आते हैं । पूर्ण परमात्मा की पहचान है कि वे पृथ्वी पर स्वांस, हड्डी, धमनियों रहित तेज पुंज शरीर धारण कर नररूप में अवतरित होते हैं जैसा कि उन्होंने अल खिद्र (Al-Khidr-कबीर साहेब) के रूप में आने पर किया था । मुस्लिम विद्वान भी मानते हैं कि अलखिज्र (अल-खिद्र) के हाथ बहुत कोमल हैं उनके हाथों में हड्डियाँ नहीं हैं ।

Al Khidr in Hindi: क्या अलखिज्र (कबीर साहेब) आज भी जीवित हैं?

कुछ मुस्लिम विद्वानों का मानना है अल-खिद्र (Al-Khidr) को अमृत जल (अबू हयात ) पीने से अमरता प्राप्त है । अल-खिद्र आज भी धरती पर जीवित हैं और मौजूद हैं । कभी भी कहीं भी भक्त की पुकार सुनकर प्रकट हो जाते है और भक्त के सभी कष्टों को हरते है । भक्तों को तत्वज्ञान देते हैं । भक्त उनसे अमरता पाने को लालायित रहते हैं । सूफी संतों के अनुसार वो अपने जीवन काल में एक बार अलखिज्र से अवश्य मिलते हैं । श्री लंका में अलखिज्र के गाँव कतरगामा में भारत और अन्य देशों से भक्तगण वर्ष में एक बार उनकी खोज में आते हैं ।

अलखिज्र (अल-खिद्र) को हरे महात्मा के रूप में भी जाना जाता हैं

Al Khidr in Hindi: कुछ लोगो का मानना है कि अलखिज्र (Al-Khidr) का अर्थ है हरा रंग वाला । तत्वदर्शी संत अल-खिद्र किसी बंजर भूमि पर बैठते है तो वह भूमि हरी भरी और उपजाऊ हो जाती है। इसी कारण किसान, पशु चरवाह उन्हें हरे महात्मा या वनस्पति के देवता के रूप में भी पूजते हैं । जब अकाल पड़ता है तो खिद्र ही जल संकट से बचाते है तब उन्हें वरुण देवता भी कहा जाता है । हरे कपड़े पहने ये बाबा अनेक लोगों को दर्शन देते हैं ।

किस रूप में और कहाँ प्रकट हुए अल खिद्र (कबीर साहेब) ?

सतयुग में सतसुकृत, त्रेता युग में मुनीन्द्र, द्वापर युग में करुणामय, कलयुग में कबीर और लंबे काले चोगे में जिंदा महात्मा नाम से परमात्मा समय समय पर प्रकट हुए हैं । पश्चिम एशिया और दक्षिण पूर्वी यूरोप में हरे रंग के वस्त्रों में हरे महात्मा और वनस्पति देवता के रूप में अवतरित हुए हैं। विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों एवं कालखंडों में अनेकों नाम से जाने जाने गए हैं ।

  • अरबी में अल-किद्र, अल कद्र, अल काद्र, अल केद्र
  • पवित्र कुरान में खबीरा, कबीरन , खबीरन; पवित्र फ़जले अमल में कबीर
  • यहूदियों की यदिस भाषा में हुद्र, फारसी में किसिर और तुर्क में हिज़िर
  • दक्षिण भारत और श्री लंका में कतर,खादर, खादिर, खिजर, खिद्र, अल खिद्र
  • हिन्दी में कबीर, कबीरा, पवित्र वेदों और संस्कृत में कविर्देव, कविरदेव
  • पवित्र ऑर्थडाक्स जूइश बाइबल में कबीर
  • पवित्र गुरुग्रंथसाहिब में कबीर
  • मध्य पूर्व और ग्रीस में एल्लियाह , इलियास
  • दक्षिण पूर्वी यूरोप के बाल्कन पेनिनसुला क्षेत्र के राज्यों में ग्रीन जॉर्ज

कुरान में तत्वदर्शी संत अलखिज्र (कबीर साहेब) और हज़रत मूसा का वृतांत

कुरान के सूरा 18 आयत 60-82 में अल्लाह द्वारा मूसा को एक तत्वदर्शी संत के बारे में बताने का वृतांत है । हालांकि कुरान में अल-खिद्र (Al-Khidr) का नाम सीधे तौर पर उजागर नहीं किया गया है, परंतु कुरान के विद्वान यही मानते है कि यह बात अलखिज्र के बारे में कही गई है।

Al Khidr in Hindi: एक बार मूसा का ज्ञान उपदेश सुनकर उनसे प्रभावित एक जिज्ञासु ने पूछा “ओ अल्लाह के दूत, इस पृथ्वी पर आपसे भी बढ़कर कोई और ज्ञानी है ?” मूसा ने उत्तर दिया “नहीं, मुझसे विद्वान इस धरती पर कोई नहीं है । अल्लाह ने मुझे चमत्कार करने की सिद्धि दी हैं और तौरात देकर सम्मानित किया है ।”

तत्वज्ञानी कौन अलखिज्र या हज़रत मूसा ?

अल्लाह को मूसा का अंदाज पसंद नहीं आया और उन्होनें मूसा को बताया “आपसे ज्यादा जानने वाले भी एक और संत हैं । ऐसा बहुत कुछ ज्ञान है जो वो जानते हैं परंतु आप नहीं जानते”। मूसा ने अल्लाह से तुरंत पूछा “ ओ अल्लाह, ऐसा व्यक्ति कौन है जिससे मिलकर मैं बाकी ज्ञान प्राप्त कर सकूँ जो मैं नहीं जानता और उनकी पहचान भी बताइए ?” अल्लाह ने मूसा को बताया वो मीठे और खारे पानी की नदियों के संगम ‘मजमा-ए-बाहरेन’ में मिलते हैं ।

“एक पानी से भरे पात्र में एक मृत मछली लेकर जाओ, जहां मृत मछली जीवित होकर पानी में कूद कर अदृश्य हो जाए, वहाँ आपको वह तत्वज्ञानी संत मिल जाएंगे । मूसा मृत मछली के पात्र को पकड़े अपने सहायक को अपने साथ लेकर चल दिए। उन्होंने दो नदियों के संगम के तट पर विश्राम करने का निर्णय लिया ।

Al Khidr in Hindi: मृत मछली का जीवित होकर गायब हो जाना

जब मूसा सोये थे तब उनके सहायक ने देखा कि मृत मछली जिंदा होकर पात्र से निकलकर नदी में कूदकर एक सुरंग में तैरकर चली गई । वह मूसा को यह घटना बताना भूल गया और दोनों ने आगे की यात्रा शुरू की । आगे जाने के बाद मूसा को भूख लगी और उसने सहायक को नाश्ता देने को कहा तभी सहायक को घटना स्मरण हुई और उसने मूसा को मृत मछली के जीवित होकर कूद जाने का वृतांत सुनाया। मूसा ने कहा “हमें उसी जंगह वापस जाना है” । दोनों पलटकर उसी जगह पहुंचे जहां मछली कूद गई थी।

Read in English: Islamic Sufi Saint Al-Khidr:-Is Al khidr still Alive? 

मूसा का तत्वदर्शी संत अलखिज्र (कबीर साहेब) से मिलना

Al Khidr in Hindi: वहाँ उन्हे सफेद चादर ओढ़े सफेद दाढ़ी वाला एक व्यक्ति मिला । उनके चेहरे पर नूर था और कोई भी आसानी से समझ सकता था कि वो एक संत हैं । वही अल-खिद्र थे । मूसा ने खिद्र से कहा “क्या मैं आपके साथ चल सकता हूँ ताकि जो ज्ञान आपको सीधे अल्लाह से मिला है वही ज्ञान मैं आपसे जान सकूँ । खिद्र ने कहा: “वास्तविकता है ! आपमें इतना धैर्य नहीं होगा कि जो आप नहीं जानते उसे जानने के लिए धैर्य रख पाएं ।” मूसा ने कहा: “यदि अल्लाह चाहेंगे तो आप मुझमें धैर्य पाएंगे । मैं किसी प्रकार से आपकी आज्ञा की अवहेलना नहीं करूंगा ।”

खिद्र ने कहा: “यदि मेरे साथ चलना है तो आप मेरे से कुछ नहीं पूछना जब तक मैं स्वयं आपको ना बताऊँ ।”

मूसा ने अपने सहायक को वापस भेज दिया और अलखिज्र के साथ अपनी यात्रा प्रारंभ की ।

अल-खिद्र संत द्वारा नांव को विक्षिप्त कर देना

दोनों चलते रहे और रास्ते में फेरी लगाने वाली एक नांव दिखी उसे रोककर उसमें बैठ गए । अलखिज्र ने उस नांव का एक किनारा तोड़ दिया जिससे नांव में पानी भरने लगा। लोग पानी बाहर फेंकने लगे और जैसे तैसे बचे । मूसा ने खिद्र से कहा: “आपको नाविक ने मुफ़्त में बैठाया है और आपने उसकी नांव तोड़कर बुरा कार्य किया है ।

खिद्र ने कहा: “मैंने आपसे नहीं कहा था, कि आप मेरे साथ धैर्य नहीं रख पाओगे”

मूसा ने कहा: “मैं भूल गया था, कृपया मुझे क्षमा करें आगे गलती नहीं होगी”

तत्वदर्शी संत-(Al-Khidr) द्वारा लड़के को मारना

दोनों साथ चल दिए और आगे चलकर एक लड़का मिला जिसे (Al-Khidr) ने जान से मार डाला । मूसा ने कहा: “आपने एक भोले लड़के को मार डाला, आपने बुरा कार्य किया है ।” अल खिद्र ने कहा: “मैंने आपसे नहीं कहा था, कि आप मेरे साथ धैर्य नहीं रख पाओगे ।” मूसा ने कहा: “यदि मैंने अगली बार भी यही गलती की तो आप मुझे आगे की यात्रा में साथ नहीं रखना, मैं कोई बहाना नहीं बनाऊँगा ।”

Al Khidr in Hindi: संत अल खिद्र द्वारा दीवार गिरने से बचाना

दोनों आगे चले एक गाँव में पहुंचे और मूसा ने गाँवों वालों से खाने के लिए कुछ मांगा, लेकिन गाँव वालों ने खाना देने से इनकार कर दिया । वहाँ एक दीवार गिरने वाली थी जिसे अल खिद्र ने सीधा कर गिरने से रोक दिया । मूसा ने कहा: “यदि आप चाहते तो दीवार सीधा करने के बदले मेंहनताना मांग सकते थे जिसे देकर हम खाना खा सकते थे ।” खिद्र ने कहा: “अब आप आगे मेरे साथ नहीं जा सकते ।

संत अल खिद्र (कबीर साहेब) द्वारा तीनों घटनाओं पर स्पष्टीकरण देना

Al Khidr in Hindi: अलग होने के पहले खिद्र ने मूसा से कहा मैं आपको उन तीनों की व्याख्या करूंगा जहां आप व्याकुल होकर धैर्य नहीं रख पाए ।

  1. नांव को मैंने ऊपरी किनारे से इसलिए तोड़ा, क्योंकि थोड़ा आगे चलने के बाद इस नई नांव को देखकर एक राजा नांव छीन लेने वाला था वह लेकिन टूटी नांव को देखकर छोड़ देगा । यह नाविक बहुत कम पैसा देकर इसकी मरम्मत करा लेगा।
  2. लड़के को मारने के बारे में, उसके माता पिता परमात्मा पर विश्वास करते थे और लड़के के द्वारा उनपर अत्याचार करने का डर था। हमने उन पर दया करके उसे भगवान के पास भेज दिया । अब अल्लाह उन्हे एक अच्छी सन्तान देगा जो उन्हे बहुत प्यार करेगा।
  3. दीवार का संबंध उस नगर के दो अनाथ बच्चों से है; उस दीवार के नीचे उन बच्चों के लिए खजाना गड़ा है; उनके पिता न्याय परायण व्यक्ति थे और भगवान का प्रयोजन था कि ये बच्चे बड़े होकर पूरा खजाना निकालकर अपना जीवन अच्छे से जिये।

परमात्मा जो करते हैं अच्छा करते हैं

कुरान में वर्णित इस घटना का सार है: “अल्लाह की इच्छा से होने वाले कार्यों में विश्वास रखना चाहिए। चूंकि आप वास्तविकता से अनभिज्ञ हैं, आपको नहीं पता है कि कब क्या होने वाला है। आपको लग सकता है कि गलत हो रहा है आपकी सोच के अनुरूप नहीं हो रहा है । यदि आप धैर्य रखें तब आप जानेंगे कि जो हुआ वह अच्छा हुआ, आपके लिए अच्छे परिणाम लाने वाला साबित हुआ । इसलिए परमात्मा में पूरा विश्वास रखें और उसके कार्यों में बाधा न पहुचाएं”।

तत्वदर्शी संत पूर्णरूप से समर्थ हैं

Al Khidr in Hindi: कष्टकर समय में भक्त की करुणाभरी पुकार सुनते ही परमात्मा प्रकट होकर निदान करते हैं। भक्त प्रह्लाद की हृदयविदारक पुकार पर पिता हिरण्यकश्यप और बुआ होलिका से छुटाने के लिए नरसिंह अवतार लिया। तुर्की में एक लंबी सफेद दाढ़ी और सफेद पगड़ी वाले वृद्ध फकीर हिज़िर (अलखिज्र) सब कुछ देनें में समर्थ हैं । अन्य संतों से अलग हैं। हिज़िर जन जन में व्याप्त हैं मोहम्मद और ईसा से काफी समय पहले से सर्वमान्य भगवान हैं।

अमूर्त निराकार कट्टरपंथियों के विरोध के कारण उनकी पहचान क्रमशः क्षीण हुई, परंतु आज भी हिज़िर (अल-खिद्र) यात्रा में भटके हुए यात्रियों को संकट से उबारने वाले संकटमोचक देवता है और भक्तों की पुकार पर तुरंत प्रकट होकर समस्या निदान करते हैं।

अलखिज्र (कबीर साहेब) की मुलाकात किन किन से हुई ?

  • मुहम्मद और अली से

अबू जुरा अल रजी में विवरण है मुहम्मद अपने जीवन काल में अल-खिद्र से दो बार मिले थे एक बार जवानी में और एक बार बुढ़ापे में, लेकिन अलखिज्र की उम्र बिल्कुल नहीं बदली थी । उमर II में विवरण है जो व्यक्ति मुहम्मद के साथ घूम रहा था वह अलखिज्र है। उयून अखबर अल-रीद में अली को उद्धरित करते हुए विवरण है, मदीना की एक गली से जाते समय अल-खिद्र ने मुहम्मद और मुझे दर्शन दिए और हमसे बात की। अल-बयहकी के अनुसार मुहम्मद के अंतिम संस्कार में मौजूद सुंदर नाक नक्शे वाले और आकर्षित करने वाली दाढ़ी वाले अल-खिद्र मौजूद थे जिनके बारे में अली ने बाद में बताया ।

अली को तत्वदर्शी संत से दुआ (नाम दीक्षा) मिली

Al Khidr in Hindi: एक विवरण के अनुसार अलखिज्र काबा के पास में अली को मिले और एक दुआ (मंत्र) दी और कहा इस दुआ को करना, ये दुआ अदभुद है इसे करने से पल भर में सारे पापों का नाश हो जाएगा। हयात-अल-कुलुब भाग 2 ‘बैटल ऑफ वार’ में अमीरुल मोमिनीन के संदर्भ से इब्न बाबावयह अली को उद्धरित करते है, “बदर की लड़ाई से पहले एक रात अल-खिद्र मुझे सपने में दिखाई दिए, मैंने उनसे कहा कृपया करके मुझे ऐसी दुआ (नाम मंत्र) दीजिए जिससे मैं लड़ाई में जीत हासिल कर सकू। अलखिज्र ने मुझे एक मंत्र दिया । सुबह होने पर मैंने मुहम्मद को यह वृतांत बताया।

मुहम्मद ने कहा, “अली, अलखिज्र ने तुम्हें अल्लाह का सबसे बड़ा नाम सिखाया है। बदर की लड़ाई के दौरान अली ने पूरे समय मंत्र जाप किया

  • सुल्तान इब्राहिम इब्न अधम से

सुल्तान इब्राहिम इब्न अधम बलखी को भी अलखिज्र के दर्शन हुआ करते थे । उनसे तत्वज्ञान लेने के बाद इब्राहिम राजपाट त्यागकर आजीवन अल्लाह की इबादत में लगे रहे । रूमी की पुस्तक ‘मसनवी’ में इस घटना का संदर्भ मिलता है ।

बाइबल में पैगंबर एल्लियाह भी अलखिज्र (कबीर साहेब)

बाइबल और ईसाईयों में पैगंबर एल्लियाह , ग्रीन जॉर्ज और सैन्ट जॉर्ज के नाम से अपने भक्तों की पुकार सुनते हैं। मध्य पूर्व और ग्रीस में एल्लियाह के लिए सैकड़ों धार्मिक स्थल बनाए गए हैं। एल्लियाह का बाइबल में 5 जगह और कुरान शरीफ में 2 जगह वर्णन है। कुछ मुस्लिम और ईसाई विद्वानों का मानना हैं कि दोनों एक ही हैं। लेकिन तुर्की, अरबी और यहूदी एल्लियाह और हिज़िर को अलग अलग मानते हैं। गौर करने योग्य है कि 6 मई को हिज़िर-इलियास दिवस के रूप में मनाया जाता है.

Al Khidr in Hindi-SA News Channel

इलियास एल्लियाह शब्द का तुर्की रूप है। तुर्क आमतौर पर इसको हिड्रेलेज़ के नाम से पुकारते है। ये यात्रियों के रक्षक हैं, भेद करने के लिए एल्लियाह को समुद्र और हिज़िर को भूमि यात्रियों का रक्षक कहा जाने लगा। दोनों दो नदियों और खुले समुद्र के संगम के बीच के स्थान में मिलते हैं। अल-जुहाद में विवरण है कि अल-खिद्र और एल्लियाह दोनों हर साल रमजान के महीने में जेरूसलम में एक साथ रहते हैं ।

Al Khidr (कबीर साहेब) ही हरे महात्मा और ‘ग्रीन जॉर्ज’

Al Khidr in Hindi: ग्रीस और अन्य बाल्कन राज्यों में हरे महात्मा ‘ग्रीन जॉर्ज‘ के नाम से जाने जाते हैं । वसंतोत्सव में वनस्पति भगवान ‘ ग्रीन जॉर्ज ‘ के प्रतीक के रूप में एक युवा मूर्ति को सिर से पैर तक हरे रंग की पत्तियों से सजाते हैं । रोपण, कटाई और प्रजनन के प्रतीक इस त्यौहार में अनुष्ठान करने के बाद भगवान की मूर्ति को पानी में विसर्जित कर दिया जाता है । आज भी अनगिनत ईसाई समुदायों में ‘सेंट जॉर्ज‘ की जगह ‘बुतपरस्त’ ‘ग्रीन जॉर्ज’ का त्यौहार मनाते हैं । 23 अप्रैल को ‘ ग्रीन जॉर्ज ‘ और ‘ सेंट जॉर्ज ‘ त्यौहार का मनाया जाना महज संयोग नहीं है। पुराने कैलेंडर में हिजिर अलखिज्र (Al Khidr) के लिए भी 23 अप्रैल का दिन पवित्र है।

Al Khidr in Hindi: अलखिज्र (Al Khidr) कैसे अमर हुए?

वास्तव में संपूर्ण सृष्टि के रचने वाले कविर्देव यानी कबीर साहेब ने ही अल खिद्र के रूप में लीला की थी। पवित्र शास्त्र भी इसी बात की गवाही देते है कि अमर परमात्मा कबीर साहेब जी ही है और तीन तरह से लीला करते है। एक रूप में वे सतलोक में सिंहासन में विराजमान है, दूसरे रूप में वे कमल के फूल पर प्रकट होकर हर युग में एक लीला करते है और तीसरे रूप में वे ज़िंदा महात्मा का रूप बनाकर अच्छी आत्माओं को मिलते है जैसे हज़रत मोहम्मद, गुरू नानक देव, दादू जी, धर्मदास जी को मिले । इसी तरह कबीर साहेब यानी कविरदेव ने अलखिज्र (Al Khidr) के रूप में भी लीला की।

ऋग्वेद मण्डल 9 सुक्त 96 मंत्र 17 में कहा है कि कविर्देव शिशु रूप धारण कर लेता है। लीला करता हुआ बड़ा होता है।

कविताओं द्वारा तत्वज्ञान वर्णन करने के कारण कवि की पदवी प्राप्त करता है अर्थात् उसे ऋषि, संत व कवि कहने लग जाते हैं, वास्तव में वह पूर्ण परमात्मा कविर् ही है। इसकी पुष्टि ऋग्वेद मण्डल 9 सुक्त 94 मंत्र 1 ने भी की है कि परमात्मा कवियों की तरह आचरण करता है। उसके द्वारा रची अमृत कबीर वाणी (कविर्वाणी) कही जाती है.

जो भक्तों के लिए स्वर्ग तुल्य सुखदाई होती है। वही परमात्मा तीसरे मुक्ति धाम अर्थात् सत्यलोक की स्थापना करके एक गुबंद अर्थात् गुम्बज में सिंहासन पर तेजोमय मानव सदृश शरीर में आकार में विराजमान है । लेकिन उस परमात्मा का शरीर हमारी तरह नाड़ी तंत्र से नहीं बल्कि नूर से बना हुआ है, उनके शरीर में हड्डियां नहीं है ।

■ गरीब दास जी महाराज कहते है

अनंत कोटि अवतार है, नौ चितवै बुद्धिनाश।
खालिक खेले खलक में, 6 ऋतु बारह मास।।

अर्थात् जिनको ज्ञान नहीं है वहीं नौ अवतार मानते है और उसी कारण से उन्हें विष्णु के अवतार मानते है। परंतु सब लीला कबीर सतपुरूष करता है। उसके अनन्त करोड़ अवतार है। दिन में सौ सौ बार सतलोक से उतरकर आता है और पुनः सौ सौ बात सतलोक में वापस जाता है। खालिक यानी परमात्मा को ख़लक यानी संसार में 6 ऋतु बारह मास यानी सदा ही लीला करता रहता है। आज वर्तमान में वे परमात्मा संत रामपाल जी महाराज के रूप में आए हुए है।

आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए। साधना चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे। संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं।

Latest articles

National Constitution Day 2024: Know How Our Constitution Can Change Our Lives

Every year 26 November is celebrated as National Constitution Day in the country, which commemorates the adoption of the Constitution of India

National Constitution Day 2024 [Hindi]: जानें 26 नवम्बर को, संविधान दिवस मनाए जाने का कारण, महत्व तथा इतिहास

National Constitution Day 2024 : 26 नवम्बर का दिन भारतीय लोकतंत्र के लिए एक...

World Television Day 2024: Know what was Television Invented for

November 21 is observed as World Television Day every year. It is commemorated to...

20 November World Children’s Day 2024: Every Child has the Right to Know Eternal Devotion for a Better Future

Last Updated on 20 November 2024 IST: World Children's Day 2024 is observed to...
spot_img
spot_img

More like this

National Constitution Day 2024: Know How Our Constitution Can Change Our Lives

Every year 26 November is celebrated as National Constitution Day in the country, which commemorates the adoption of the Constitution of India

National Constitution Day 2024 [Hindi]: जानें 26 नवम्बर को, संविधान दिवस मनाए जाने का कारण, महत्व तथा इतिहास

National Constitution Day 2024 : 26 नवम्बर का दिन भारतीय लोकतंत्र के लिए एक...

World Television Day 2024: Know what was Television Invented for

November 21 is observed as World Television Day every year. It is commemorated to...