October 10, 2025

भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र की नई उड़ान: अग्निकुल कॉसमॉस का सफल सब-ऑर्बिटल मिशन

Published on

spot_img

अग्निकुल कॉस्मॉस नामक भारतीय अंतरिक्ष स्टार्टअप ने गुरुवार को एक और बेमिसाल उपलब्धि हासिल की है। कंपनी ने दुनिया के पहले सिंगल-पीस 3D प्रिंटेड रॉकेट इंजन द्वारा संचालित अपने पहले सब-ऑर्बिटल परीक्षण वाहन ‘अग्निबाण’ को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया। यह लॉन्च कई बार रद्द होने के बाद आखिरकार सफल रहा। अग्निबाण भारत का पहला ऐसा रॉकेट है जो गैस और द्रव दोनों प्रकार के ईंधन का उपयोग करता है।

  • अग्निकुल कॉसमॉस ने देश के पहले सेमी-क्रायोजेनिक इंजन-पावर्ड रॉकेट लॉन्च में सफलता हासिल की।
  • इस मिशन का लॉन्च भारत के पहले निजी रूप से विकसित लॉन्चपैड, “धनुष” से हुआ, जिसे भी अग्निकुल ने श्री हरिकोटा में स्थापित किया।
  • यह मिशन भारत के उभरते हुए निजी अंतरिक्ष उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हों सकता है।
  • रॉकेट, भारत के पहले स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित सेमी-क्रायोजेनिक इंजन द्वारा संचालित था जो कि 30 मई को सुबह 7:15 बजे IST में आकाश में उड़ा।
  • इसरो ने कहा कि “यह लॉन्च स्वदेशी डिजाइन और नवाचार की क्षमता को प्रदर्शित करता है और भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं में निजी खिलाड़ियों की संभावनाओं को उजागर करता है।”
  • कंपनी का मुख्य “अग्निबाण” रॉकेट 30 किलोग्राम से 300 किलोग्राम तक की पेलोड क्षमता के लिए डिजाइन किया गया है, जो विभिन्न मिशन आवश्यकताओं की ज़रूरतों को पूरा करता है।

अग्निबाण सब-ऑर्बिटल टेक्नोलॉजी डेमोंस्ट्रेटर (SOrTeD) ने 30 मई को सुबह 7:15 बजे उड़ान भरी, जो कई तरह के पहले मिशनों में से एक था। यह भारत में किसी निजी कंपनी द्वारा किया गया दूसरा प्रक्षेपण है, लेकिन श्रीहरिकोटा में स्थित देश के एकमात्र ऑपरेशनल अंतरिक्ष केंद्र में कंपनी द्वारा स्थापित निजी लॉन्चपैड से किया गया पहला प्रक्षेपण है। सेमी-क्रायोजेनिक इंजन ‘अग्निलेट’ द्वारा संचालित एकल-चरण रॉकेट अग्निबाण, ‘अग्रदूत’ है जो कि एक उन्नत दो-चरणीय प्रक्षेपण यान है  जिसे 300 किलोग्राम भार को 700 किमी की कक्षा में ले जाने के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया है।

इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर IN-SPACe (भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्द्धन और प्राधिकरण केंद्र) के अध्यक्ष डॉ. पवन गोयनका ने ट्विटर पर लिखा, “अग्निकुल कॉस्मॉस द्वारा अग्निबाण SOrTeD के सफल प्रक्षेपण पर हार्दिक बधाई! भारत के अंतरिक्ष उद्योग के लिए एक ऐतिहासिक पल। दुनिया के पहले सिंगल पीस 3डी प्रिंटेड सेमी-क्रायोजेनिक इंजन द्वारा संचालित, यह उपलब्धि हमारे युवा नवोन्मेषकों की प्रतिभा को दर्शाती है।”

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने भी ट्विटर पर एक पोस्ट में अग्निकुल को बधाई देते हुए कहा कि यह एक सेमी-क्रायोजेनिक द्रव इंजन की पहली सफल उड़ान है जिसे एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग तकनीकों का उपयोग करके निर्मित किया गया है। यह पहली बार है जब इस तरह के इंजन को उड़ान में चलाया गया है, जो प्रणोदन प्रौद्योगिकी में उल्लेखनीय प्रगति को दर्शाता है।

आमतौर पर, इंजन के विभिन्न भागों को अलग से बनाया जाता है और बाद में उन्हें जोड़ा जाता है। 3D प्रिंटेड विनिर्माण प्रक्रिया के उपयोग से लॉन्च लागत कम होने और वाहन असेंबली के समय में कमी आने की संभावना है। कंपनी का लक्ष्य छोटे उपग्रहों को किफायती लॉन्च सेवाएं प्रदान करना है।

अग्निकुल कॉस्मॉस के संस्थापक सलाहकार और आईआईटी मद्रास में राष्ट्रीय दहन अनुसंधान एवं विकास केंद्र के प्रमुख प्रोफेसर सत्यनारायणन आर चक्रवर्ती ने कहा, “हमें भारत का पहला सेमी-क्रायो रॉकेट इंजन पेश करने पर गर्व है, जो दुनिया का पहला सिंगल शॉट 3D प्रिंटेड वाहन भी है। यह रॉकेट की तेज असेंबलिंग की अभूतपूर्व क्षमता को दर्शाता है।”

IIT मद्रास इन्क्यूबेटेड स्टार्टअप द्वारा विकसित इस लॉन्च वाहन ने भारत के पहले सेमी-क्रायोजेनिक इंजन की भी झलक दिखाई।  ‘अग्निलेट’ नामक यह इंजन, ईंधन के रूप में अर्ध शीतल ऑक्सीजन का उपयोग करता है। क्रायोजेनिक इंजन, जैसे कि भारत के सबसे भारी लॉन्च वाहन LVM3 के ऊपरी चरणों में इस्तेमाल किया जाने वाला इंजन, ईंधन के रूप में बेहद कम तापमान पर तरलीकृत गैसों का उपयोग करता है।  

अग्निबाण रॉकेट का आसमान तक पहुंचना भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। जहां अभी तक इसरो के कंधे पर रॉकेट लॉन्चिंग की जिम्मेदारी थी, अब निजी कंपनियां भी इस क्षेत्र में कदम बढ़ा रही हैं। अग्निकुल कॉस्मॉस एक ऐसी ही कंपनी है। यह लॉन्चिंग इसलिए भी विशेष है क्योंकि इसके लिए अग्निकुल ने अपने स्वयं द्वारा विकसित डेटा एक्विजिशन सिस्टम और फ्लाइट कंप्यूटरों का उपयोग किया है।  

■ यह भी पढ़ें: Chandrayaan 3: चंद्रयान ने भेजा संदेश, मैं अपनी मंजिल तक पहुंच गया हूं और भारत भी

इतना ही नहीं, बल्कि यह टेस्ट वाहन के प्रणोदन प्रणाली को नियंत्रित करने के लिए SOrTeD वाहन के पूरे एवियोनिक्स चेन की क्षमता भी दर्शाता है। अग्निबाण 300 किलोग्राम का पेलोड 700 किमी की कक्षा में ले जाने में सक्षम है। यह दुनिया की पहली ऐसी उड़ान है जिसमें सिंगल पीस 3डी प्रिंटेड रॉकेट इंजन का उपयोग किया गया है। यह भारत की बढ़ती अंतरिक्ष क्षमताओं का भी प्रतीक है।

इस तरह की प्रगतिशील घटनाओं से भारत के अंतरिक्ष उद्योग को और मजबूती मिलेगी। निजी क्षेत्र की भागीदारी से नए आविष्कारों और तकनीकी नवाचारों को बढ़ावा मिलेगा। अग्निकुल जैसी स्टार्टअप कंपनियां भारत को वैश्विक अंतरिक्ष बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। सरकार और निजी क्षेत्र के बीच सहयोग से देश की अंतरिक्ष उपलब्धियां और बढ़ेंगी।

अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की यह उपलब्धि हमें ब्रह्मांड की अनंत शक्तियों और परमात्मा की अलौकिक लीलाओं के बारे में सोचने पर मजबूर करती है।

जैसे अग्निबाण रॉकेट ने अंतरिक्ष की अनंत गहराइयों को छुआ, वैसे ही हमें भी अपने भीतर की अगाध गहराइयों को समझने की आवश्यकता है। यह तकनीकी उपलब्धि हमें याद दिलाती है कि शारीरिक और बौद्धिक विकास के साथ-साथ आध्यात्मिक खोज भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। जीवन के अर्थ और मूल्यों को समझना, आत्मा और परमात्मा के बीच के गहरे संबंध को महसूस करना ही सच्ची प्रगति है।

ऐसे समय में, “ज्ञान गंगा और “जीने की राह” जैसी आध्यात्मिक पुस्तकें हमारे लिए ज्ञान के स्रोत बन सकती हैं। ये पुस्तकें हमें जीवन के सार्थक पहलुओं और आध्यात्मिक प्रेरणा से जोड़ती हैं क्योंकि जीवन की सच्ची समृद्धि आध्यात्मिक ज्ञान में निहित है।

प्रश्न 1:- अग्निकुल क्या है?

उत्तर :- अग्निकुल एक भारतीय एयरोस्पेस स्टार्टअप है जो माइक्रो और नैनोसैटेलाइट्स के लिए कक्षीय-श्रेणी के रॉकेट्स की डिजाइन और निर्माण करती है।

प्रश्न 2:- अग्निकुल के सीईओ कौन हैं?

उत्तर :- अग्निकुल के सीईओ श्रीनाथ रविचंद्रन हैं।

प्रश्न 3:- अग्निकुल की कहानी क्या है?

उत्तर :- अग्निकुल की स्थापना IIT मद्रास में की गई थी, जिसका उद्देश्य सस्ती लॉन्च समाधानों के माध्यम से अंतरिक्ष पहुँच को लोकतांत्रिक बनाना था।

प्रश्न 4:- अग्निकुल का मिशन क्या है?

उत्तर :- अग्निकुल का मिशन अपने अग्निबाण रॉकेट को विकसित करना है ताकि छोटे पेलोड्स के लिए लचीली और किफायती अंतरिक्ष पहुँच प्रदान की जा सके।

प्रश्न 5:- अग्निकुल कब लॉन्च किया गया था?

उत्तर :- अग्निकुल को 2017 में लॉन्च किया गया था।

प्रश्न 6:- अग्निकुल में निवेशक कौन हैं?

उत्तर :- अग्निकुल में निवेशकों में आनंद महिंद्रा, स्पेशल इन्वेस्ट, मेफील्ड इंडिया जैसे प्रमुख लोग और वेंचर कैपिटल फर्म शामिल हैं।

प्रश्न 7:- अग्निकुल के इंजन का नाम क्या है?

उत्तर :- अग्निकुल द्वारा विकसित इंजन का नाम अग्निलेट है, जो एक 3D-प्रिंटेड सेमी-क्रायोजेनिक रॉकेट इंजन है।

प्रश्न 8:- अग्निकुल कॉस्मोस के संस्थापक कौन हैं?

उत्तर :- अग्निकुल कॉस्मोस के संस्थापक श्रीनाथ रविचंद्रन, मोइन एसपीएम, सत्यनारायण चक्रवर्ती, और जनार्दन राजू हैं।

निम्न सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर हमारे साथ जुड़िए

WhatsApp ChannelFollow
Telegram Follow
YoutubeSubscribe
Google NewsFollow

Latest articles

María Corina Machado Wins 2025 Nobel Peace Prize as Donald Trump’s Bid Falls Short

In a historic moment for Latin America, Venezuelan opposition leader María Corina Machado has...

संत रामपाल जी महाराज ने बाढ़-ग्रस्त डाटा गाँव को दिया नया जीवन

हरियाणा के हिसार जिले की हांसी तहसील में स्थित डाटा गाँव जहाँ बाढ़ के...

NIOS Hall Ticket 2025 Released: How to Download Admit Card for October-November Exams

NIOS Hall Ticket 2025 Latest News Updated Today: The National Institute of Open Schooling...

करवा चौथ 2025 [Hindi]: Karwa Chauth पर जानिए कैसे बढ़ेगी पति की आयु

करवा चौथ पर जानें इस व्रत से होने वाली लाभ हानि तथा सर्वसुखों के लिए एक उपाय जिससे उम्र भी बढ़ाई जा सकती है।
spot_img

More like this

María Corina Machado Wins 2025 Nobel Peace Prize as Donald Trump’s Bid Falls Short

In a historic moment for Latin America, Venezuelan opposition leader María Corina Machado has...

संत रामपाल जी महाराज ने बाढ़-ग्रस्त डाटा गाँव को दिया नया जीवन

हरियाणा के हिसार जिले की हांसी तहसील में स्थित डाटा गाँव जहाँ बाढ़ के...

NIOS Hall Ticket 2025 Released: How to Download Admit Card for October-November Exams

NIOS Hall Ticket 2025 Latest News Updated Today: The National Institute of Open Schooling...