हरियाणा के भिवानी ज़िले का ऐतिहासिक और क्रांतिकारी गांव रोहनात हाल ही में आई बाढ़ की चपेट में आ गया, जिससे गांव की स्थिति बेहद दयनीय हो गई। लगातार हुई वर्षा और जलभराव के कारण गांव की 9 से 10 गलियां पूरी तरह पानी में डूब गईं और हजारों एकड़ कृषि भूमि बर्बाद हो गई। खेतों में खड़ी फसलें नष्ट हो गईं, कई मकानों में दरारें पड़ने लगीं और पीने का पानी दूषित हो गया। गांव के लोग बीमारियों और अगली फसल की तैयारी को लेकर गंभीर चिंता में थे।
ग्राम पंचायत रोहनाथ के अनुसार, बाढ़ के कारण न केवल फसलों का नुकसान हुआ, बल्कि बुनियादी सुविधाएं भी प्रभावित हुईं। पशुओं के लिए चारा समाप्त हो गया, रास्ते बंद हो गए और पीने के पानी की भारी समस्या उत्पन्न हो गई। स्थानीय स्तर पर प्रशासनिक सहायता न मिलने के कारण गांववासी पूरी तरह निराश थे।
ग्राम पंचायत ने लगाई संत रामपाल जी महाराज से प्रार्थना
गांव की स्थिति लगातार बिगड़ती देख सरपंच हंसराज जी की अध्यक्षता में एक आपात बैठक बुलाई गई, जिसमें पूरी पंचायत ने इस संकट से निपटने के उपायों पर विचार किया। सभी सदस्यों की सहमति से यह निर्णय लिया गया कि मदद के लिए संत रामपाल जी महाराज से संपर्क किया जाएगा, जिनकी सेवा मुहिम और राहत कार्यों की चर्चा पूरे प्रदेश में है।
इसके पश्चात ग्राम पंचायत के प्रतिनिधि दल ने बरवाला स्थित संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों से भेंट की और एक प्रार्थना पत्र सौंपा। पत्र में गांव से पानी निकासी के लिए दो बड़ी 20 हॉर्स पावर की मोटरें और 12,000 फुट लंबी 8 इंची पाइप की मांग की गई थी, ताकि गांव को बाढ़ की त्रासदी से मुक्त किया जा सके।
त्वरित कार्रवाई और सामग्री प्रेषण
संत रामपाल जी महाराज के सेवादारों ने उस प्रार्थना पत्र को तत्काल महाराज जी के चरणों में प्रस्तुत किया, और महज़ 24 घंटे के भीतर भगवान संत रामपाल जी महाराज से सहायता भेजने की अनुमति प्राप्त हो गई।

अगले ही दिन सुबह से शाम तक संत रामपाल जी महाराज के आदेश पर राहत सामग्री से भरे ट्रक रोहनात गांव में पहुंचने लगे। इन ट्रकों में दो 20 एचपी की उच्च गुणवत्ता वाली किरलोस्कर कंपनी की मोटरें, 12,000 फुट लंबी 8 इंची पाइप लाइन, स्टार्टर, केबल, वायरिंग, और मोटर संचालन से संबंधित हर छोटा-बड़ा सामान शामिल था। यह सहायता ‘अन्नपूर्णा सेवा मुहिम’ के तहत भेजी गई, जो प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित इलाकों में चलाया जा रहा है।
स्थल पर राहत कार्य का संचालन
ग्राम पंचायत के सदस्यों, बुजुर्गों और सैकड़ों ग्रामीणों की उपस्थिति में यह राहत सामग्री पंचायत भवन परिसर में सुपुर्द की गई। पंचायत ने समस्त सामग्री की जांच की और पाया कि सभी उपकरण उच्च गुणवत्ता के हैं और किसी भी प्रकार की कमी नहीं छोड़ी गई है।
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सामग्री में अतिरिक्त हिस्से भी शामिल किए गए थे ताकि निकासी कार्य के दौरान कोई समस्या उत्पन्न न हो। गांव के लोगों ने तत्परता से मोटरों और पाइप लाइनों की स्थापना प्रारंभ कर दी। जल निकासी के कार्य के लिए स्वयंसेवी दल गठित किए गए जिन्होंने पूरी रात काम जारी रखा। अगले ही दिन गांव के कई हिस्सों से पानी बाहर निकलना शुरू हो गया, जिससे लोगों में राहत और उत्साह का माहौल बन गया।
सहायता के प्रति ग्रामवासियों की प्रतिक्रिया
ग्राम पंचायत ने इसे एक अभूतपूर्व मानवीय पहल बताया। गांव के अधिकांश निवासियों ने माना कि जिस गति और पारदर्शिता से यह सहायता पहुंची है, वह सराहनीय उदाहरण है।

सामग्री की गुणवत्ता और संगठन की तत्परता ने ग्रामीणों के मन में यह विश्वास जगाया कि समाज सेवा केवल वाणी से नहीं, बल्कि कर्म से भी की जा सकती है। गांव के कई किसानों ने बताया कि अब वे जल्द ही अपने खेतों को दोबारा तैयार कर पाएंगे। मकानों से निकले पानी के बाद मरम्मत कार्य भी प्रारंभ कर दिया गया है। बच्चों के स्कूल फिर से खुलने की तैयारी चल रही है। गांव में लंबे समय बाद खुशी और उम्मीद का वातावरण बना है।
गुणवत्ता और पारदर्शिता की मिसाल
राहत सामग्री में प्रयुक्त उपकरणों के संबंध में पंचायत ने बताया कि किरलोस्कर कंपनी की मोटरें विश्व स्तर की मानी जाती हैं, और प्रत्येक सेट की कीमत लगभग पौने दो लाख रुपये के आसपास है। सामग्री के साथ सभी आवश्यक कनेक्टर, बैंड, एल-पॉइंट और तारें भी दी गईं। यह पूरी सामग्री संपूर्ण रूप से उपयोग के लिए तैयार अवस्था में थी, जिससे ग्रामीणों को किसी अतिरिक्त व्यवस्था की आवश्यकता नहीं पड़ी।
सेवा मुहिम का व्यापक विस्तार
संत रामपाल जी महाराज की यह सहायता केवल रोहनात गांव तक सीमित नहीं है। जानकारी के अनुसार, उनके अनुयायियों को प्रदेश के कई अन्य बाढ़ग्रस्त गांवों से भी प्रार्थना पत्र प्राप्त हुए हैं, जिन पर कार्यवाही जारी है और पहले भी अनेकों गाँवों की मदद संत रामपाल जी महाराज कर चुके हैं। यह राहत सेवा अभियान दिन-रात निरंतर चल रहा है और इसका उद्देश्य अधिक से अधिक गांवों को इस आपदा से उबारना है।
स्थाई समाधान की दिशा में कदम
सिर्फ अस्थायी राहत प्रदान करने के बजाय इस सहायता ने गांव को एक स्थाई समाधान भी दिया है। पाइप लाइनों और मोटरों की मदद से पानी निकासी का एक स्थायी ढांचा तैयार किया गया, जिससे भविष्य में यदि जलभराव की स्थिति बनती है तो गांव स्वयं उससे निपट सकेगा।
इस सहायता के बाद ग्राम पंचायत ने निर्णय लिया कि इन संसाधनों का उपयोग भविष्य में भी सामूहिक रूप से किया जाएगा। पंचायत भवन में इन मोटरों और उपकरणों के रख-रखाव हेतु विशेष समिति गठित की गई है।
गांव में लौटी मुस्कान
लगातार बीस दिनों से संकट झेल रहे गांव रोहनात में अब राहत और उम्मीद की किरण दिखाई दे रही है। जहां कुछ दिन पहले तक निराशा और भय का माहौल था, वहीं अब लोग आत्मविश्वास और कृतज्ञता से भरे हुए हैं।
गांव के हर कोने में चर्चा है कि जब सब तरफ से रास्ते बंद थे, तब संत रामपाल जी महाराज की सहायता ने गांव को नया जीवन दिया। ग्राम पंचायत ने इस सेवा के लिए महाराज जी और उनके अनुयायियों के प्रति गहरा आभार प्रकट किया है। प्रशासनिक अधिकारियों ने भी राहत कार्य की सराहना की और इसे समाज में सेवा और समर्पण की प्रेरक मिसाल बताया।
संत रामपाल जी महाराज की बरसती कृपा
भिवानी जिले के रोहनात गांव की यह घटना दर्शाती है कि संत रामपाल जी महाराज की दया और उनका मानव जाति के प्रति समर्पण, सेवा भावना और त्वरित कार्यवाही किसी भी आपदा के प्रभाव को कम कर सकती है।
संत रामपाल जी महाराज द्वारा संचालित यह बाढ़ राहत अभियान न केवल पीड़ितों के लिए सहायता लेकर आया, बल्कि समाज में यह विश्वास भी मजबूत किया कि मानवता की सबसे बड़ी सेवा, दूसरे के दुख को बांटना है।