देश में कहीं भी किसी नक़ली और पाखंडी बाबा के यहाँ कोई दुर्घटना घटती है तो मीडिया इसे अपनी टीआरपी बढ़ाने का विलक्षण अवसर मान लेती है। ऐसे अवसरों का लाभ लेने के लिए ये भ्रष्ट मीडिया वाले झूठ का सहयोग लेने में बिलकुल भी नहीं कतराते। इसी टीआरपी की भूखी मीडिया के द्वारा हाथरस कांड में साकार हरि बाबा के ख़िलाफ़ चलाए जा रहे कार्यक्रमों में अज्ञानी संतो के साथ संत रामपाल जी महाराज जी का नाम घसीटा जा रहा है। जबकि वे एक पूर्ण संत हैं।
हाथरस हादसे में 122 की मौत
उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के फुलरई गांव में गत मंगलवार को 122 भोले भाले लोगों की मौत हो गई, जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे थे। हादसे में 150 से ज्यादा लोग घायल बताए हैं। ये सारी मौतें सत्संग स्थल पर व्यवस्था ठीक नहीं होने के कारण हुई है। हादसे के वीडियो में खुले में बिखरी लाशें देखीं जा सकती हैं। ये सभी लोग धर्म और अध्यात्म की प्यास बुझाने गये थे। संत रामपाल जी के एक अनुयायी ने कहा हमें इस हादसे से बहुत ठेस पहुँची है। हम दिल की गहराइयों से मृतक परिवारों के प्रति अपनी संवेदना भी प्रकट करते हैं।
संत रामपाल जी के समागम में होती है अद्भुत व्यवस्था
संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग अनेकों जगह होते हैं, और कहीं भी किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं आती। लाखों की संख्या में माताएं, बहनें, बुजुर्ग, और श्रद्धालु उनके सत्संग में शामिल होते हैं जिनके रुकने, खाने, पीने की व्यवस्था की जाती है। आजतक उनमे किसी भी प्रकार का कोई हादसा नहीं हुआ है।
क्या मीडिया को संत रामपाल जी महाराज के यहाँ कभी कोई अव्यवस्था मिली। क्या वहाँ कभी भगदड़ या अन्य असामान्य घटना प्रकाश में आई, कभी नहीं। तो हाथरस का हादसा मानवीय व्यवस्थाओं की कमी के कारण हुआ तो उसका संत रामपाल जी जैसे तत्वदर्शी संत के साथ तुलना करने का क्या वास्ता। यह तो सभी मीडिया के दिमाग़ की टीआरपी की भूख और समाज की समस्याओं पर मेहनत नहीं करने की अकर्मण्यता ही कही जाएगी।
कुछ मीडिया चैनलों ने तो सारी सीमाएं लांघ दी
यहाँ विशेष मीडिया चैनल जिन्हें उजागर करना आवश्यक है वे हैं: प्रेसवायर18, आज तक, TV9 भारतवर्ष, भड़ास4मीडिया, ज़ी न्यूज़, इंडिया टीवी, नवभारत टाइम्स, एबीपी न्यूज़, न्यूज़ नेशन डिजिटल, आदि। इन सबने बिना साक्ष्यों के बस भोपूँ बजाना शुरू कर दिया।
- इन्होंने संत रामपाल जी महाराज के फ़ोटो को नक़ली गुरुओं के साथ दिखा दिया गया जो सीधी सीधी मानहानि है।
- इन भ्रष्ट मीडिया चैनलों ने टीआरपी के लिए बताया कि संत रामपाल जी महाराज पर यौन शोषण और बलात्कार जैसे आरोप है। जबकि संत रामपाल जी महाराज पर ऐसे कोई केस ही नहीं है।
- टीआरपी की भूखी भ्रष्ट मीडिया ने यहाँ तक झूठ बोल दिया कि संत रामपाल जी महाराज के यहाँ मुख्यतः महिलाए आती है।
संपूर्ण विश्व में केवल संत रामपाल जी महाराज शास्त्र प्रमाणित साधना बताते हैं
संत रामपाल जी महाराज अपने अनुयायियों को प्रथम बार में श्री गणेश जी, श्री ब्रह्मा सावित्री जी, श्री लक्ष्मी विष्णु जी, श्री शंकर पार्वती जी और माता शेरांवाली का नाम जाप देते हैं। ये सभी देवी-देवता हमारे मानव शरीर के चक्रों में वास करते हैं। इन सभी देवी-देवताओं के विशेष नाम मंत्र होते हैं जिनका ज्ञान वर्तमान में गुरुओं को नहीं है। इन मंत्रों के जाप से ये पांचों चक्र खुल जाते हैं और मानव भक्ति करने के योग्य बनता है।
इसके बाद दो बार और मंत्र दिये जाते हैं। दूसरी बार में दो अक्षर का जाप दिया जाता है जिनमें एक “ओम्” और दूसरा “तत्” (जो कि गुप्त है उपदेशी को बताया जाता है) जिनका स्वांस के साथ जाप किया जाता है। तीसरी बार में सारनाम दिया जाता है जो कि पूर्ण रूप से गुप्त है। इस प्रकार संत रामपाल जी महाराज के उपदेश से मानव पूर्ण मोक्ष प्राप्त कर सकता है।
संत रामपाल जी महाराज ने हमेशा दी परमार्थ की शिक्षा
संत रामपाल जी महाराज जी की शिक्षा है ‘बुराई करना और बुराई में सहयोग करना’ दोनों की महापाप है और भक्ति मार्ग में विष के समान है। इसीलिए उनका कोई भी शिष्य बुराई नहीं करता जिससे कि एक स्वच्छ समाज का निर्माण हो रहा है। उनके द्वारा किए जा रहे समाज सुधार के निम्न सराहनीय कार्य हैं:-
• नशा मुक्त भारत बनाना :- संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग सुनने मात्र से ही आत्मा निर्मल हो जाती है और उनसे नामदीक्षा लेने से मन के सभी विकार दूर हो जाते हैं। इसीलिए उनसे जुड़ने के उपरांत आज लाखों लोगों ने नशा छोड़ा है और सुखमय जीवन व्यतीत कर रहें हैं।
• भेदभाव और जातिवाद खत्म करना :- उनका कोई भी अनुयाई जातिवाद – भेदभाव को बढ़ावा नहीं देते है। उनका नारा है
जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा।
हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
• समाज से दहेज जैसी कुप्रथा को जड़ से खत्म करना:- संत रामपाल जी के अनुयाई मात्र 17 मिनट में दहेज मुक्त विवाह (रमैनी) करते हैं जिसमें दोनों पक्षों की तरफ से किसी भी चीज का लेन देन नहीं किया जाता। इसी मुहिम के तहत आज हजारों शादियां हो चुकी हैं जिससे लड़कियों को न तो समाज में बोझ समझा जाता है और कन्या भ्रूण हत्या भी खत्म होती जा रही है।
• युवाओं में नैतिक और आध्यात्मिक जागृति लाना :- युवा पीढ़ी जो आज गलत दिशा में जाती जा रही है और अपने मूल उद्देश्य से वंचित रह जाती हैं तो वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी से जुड़े युवा अध्यात्म से जुड़कर सभी विकारों से दूर अपना जीवन सफल बना रहें हैं।
• समाज से पाखंडवाद को खत्म करना :- वर्षों से हमारे समाज में चल रही गलत परंपराओं का खंडन कर संत रामपाल जी महाराज ने हमारे शास्त्रों अनुसार सही और सच्ची सद्भक्ति दी है।
• भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करना :- संत रामपाल जी महाराज का कोई भी शिष्य रिश्वतखोरी और चोरी नहीं करता जिससे कि समाज में भ्रष्टाचार खत्म हो रहा है।
• समाज में शांति और भाईचारा स्थापित करने की पहल :- संत रामपाल जी महाराज के ज्ञान से आत्मिक शांति मिलती है और सभी लोग आपस में मिलजुल कर भाईचारे से रह रहे हैं।
• समय समय पर रक्तदान और देहदान जैसे कार्यक्रम आयोजित करना :- संत रामपाल जी के अनुयाई रक्तदान और देहदान कर मानव समाज की मदद कर रहे हैं।
• सामाजिक बुराइयों को दूर कर स्वच्छ समाज का निर्माण करना
• सतभक्ति प्रदान करके विश्व को मोक्ष प्रदान करना
जेल में होना अपराध का सिद्ध होना नहीं
जेल में होना कभी यह सिद्ध नहीं करता कि कोई व्यक्ति वास्तव में अपराधी है। अनेकों महापुरूष उस काल के शासकों के अन्याय और अदूरदर्शिता के कारण जेल में रहे। इसी प्रकार, संत रामपाल जी महाराज पर झूठे अपराध मंढकर जेल में रखना उनके वास्तविक अपराधी होने का प्रमाण नहीं है। ऐसा भी नहीं है कि जो जेल के बाहर हैं वे सभी पाक साफ़ हैं और जो जेल में वे सब अपराधी।
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जनता माँग रही है जवाब
जनता भ्रष्ट मीडिया से पूछ रही है कि आप किस आधार पर संत रामपाल जी महाराज जी का नाम अन्य नकली संतों के साथ जोड़ते हैं। भारत की जनता ने संत रामपाल जी महाराज का नाम नकली गुरुओं के साथ जोड़ने पर बहुत आक्रोश व्यक्त किया है। सोशल मीडिया पर लोगों की जबरदस्त प्रतिक्रिया आई और उनकी गैर जिम्मेदाराना हरकतों पर जनता ने उनको जमकर कोसा। एक ही शाम में दस लाख से ज़्यादा ट्वीट कर दिए गए और एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर इससे जुड़े कई हैशटेग ट्रेंडिंग हुए। सोशल मीडिया में लिखा गया “भारतीय मीडिया चुल्लू भर पानी में डूब मरो”।
कई चैनलों को पूछा गया कि एक तरफ तुम परीक्षण की बात करते हो तो तुमने कौन सा परीक्षण करके संत रामपाल जी महाराज को साकार विश्व हरि जैसे ढोंगी बाबाओं के साथ दिखाया। Stop FakeNews On Sant RampalJi
आध्यात्म को समझने वाली जनता ने धर्मगुरुओं कथावाचकों पर मनमानी पूजा बताने का आरोप तक लगाकर कह दिया कि इनके द्वारा बताई पद्यति सनातनी पूजा नहीं है। जनता ने सोशल मीडिया पर यह भी कहा कि संत रामपाल जी महाराज ने सदैव सत्य का प्रचार किया है और उनकी शिक्षाएं पूरी तरह से सनातनी पूजा पर आधारित हैं। जो हैशटैग ट्रेंड कर रहे थे उनमे कुछ हैं –
#मीडिया_का_काम_अफवायें_फैलाना नहीं सच्चाई बताना है
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मीडिया को सार्वजनिक माफी मांगना चाहिए
फेक न्यूज़ दिखाकर जनता को भ्रमित कर मीडिया ने अपना विश्वास खोया है। संत रामपाल जी महाराज के लाखों अनुयायियों की भावनाओं को ठेस पहुँचाई है और साथ ही सच का दामन छोड़ दिया है।
‘आज तक’ न्यूज जैसे चैनलों को, जिन्होंने निराधार टिप्पणी करते हुए कहा है कि संत रामपाल जी महाराज अपने अनुयायियों से पैसा वसूलते हैं, कम से कम एक बार स्वयं संत जी के 12 आश्रमों में जाकर देखें कि सच्चाई क्या है। संत रामपाल जी महाराज ना तो सत्संग की फीस लेते हैं, ना ही उनसे नाम दीक्षा लेने के लिए कोई फीस होती है अपितु उनके आश्रम में रहने-खाने की सर्व सुविधाएं निःशुल्क रहती हैं। संत रामपाल जी महाराज अन्य संतों व धर्मगुरुओं से बिल्कुल हटकर हैं।
संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी और समर्थक मीडिया से अपेक्षा करते हैं कि वे अपने गलत बयानों के लिए माफी मांगें और भविष्य में सच्चाई के आधार पर ही समाचार प्रस्तुत करें।