टोक्यो ओलंपिक में नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने रचा इतिहास, भाला फेंकने (Javelin Throw) में जीता गोल्ड मैडल। नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में भाला फेंकने में गोल्ड मेडल जीतकर भारतीय खेलों में नया इतिहास रचा है। नीरज ने अपने दूसरे प्रयास में 87.58 मीटर भाला फेंका जो कि सोने का तमगा हासिल करने के लिये पर्याप्त था। यह ओलंपिक “एथलेटिक्स” में भारत का पहला गोल्ड है। ओलंपिक खेलों में व्यक्तिगत स्पर्धा में गोल्ड जीतने वाले वह दूसरे भारतीय खिलाड़ी बने हैं इससे उन्होंने भारत का एथलेटिक्स में ओलंपिक पदक जीतने का पिछले 100 साल से भी अधिक का इंतजार समाप्त कर दिया।
Neeraj Chopra Javelin Throw Gold Medalist: मुख्य बिंदु
- नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में भाला फेंकने में गोल्ड मैडल जीतकर भारतीय खेलों में नया इतिहास रचा
- नीरज ने अपने दूसरे प्रयास में 87.58 मीटर भाला फेंका जो कि सोने का तमगा हासिल करने के लिये पर्याप्त था
- यह ओलंपिक एथलेटिक्स में भारत का पहला गोल्ड है
- ओलंपिक खेलों में व्यक्तिगत स्पर्धा में गोल्ड जीतने वाले वह दूसरे भारतीय खिलाड़ी बने हैं
- भारत को 100 साल से भी अधिक सालों से इंतजार था एथलेटिक्स में मैडल जीतने का
- भारत ने 7 मेडल जीतते हुए टोक्यो ओलिंपिक 2020 में किया अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी नीरज चोपड़ा को फोन कर बधाई
- मानव शरीर धारी सभी प्राणी खेल सकते हैं सतभक्ति का अदभुत खेल और मिटा सकते हैं जन्म मृत्यु की हार को सदा के लिए
कौन है नीरज चोपड़ा (Who is Neeraj Chopra)?
नीरज चोपड़ा का जन्म 24 दिसंबर 1997 को हरियाणा के पानीपत जिले के खंडरा गांव में हुआ। उनकी शिक्षा डीएवी कॉलेज चंडीगढ़ से हुई। 2016 में उन्हें नायब सूबेदार के पद के साथ भारतीय सेना में एक जूनियर कमीशंड अधिकारी नियुक्त किया गया था।
आर्मी से जॉब मिलने के बाद नीरज ने एक इंटरव्यू में कहा था, “मेरे पिता एक किसान हैं और मां हाउसवाइफ हैं और मैं एक ज्वॉइंट फैमिली में रहता हूं। मेरे परिवार में किसी की सरकारी नौकरी नहीं है। इसलिए सब मेरे लिए खुश हैं।” उन्होंने आगे कहा था, “अब मैं अपनी ट्रेनिंग जारी रखने के साथ-साथ अपने परिवार की आर्थिक मदद भी कर सकता हूं।”
Neeraj Chopra Won Gold Medal: भारतीय चैंपियन, नीरज चोपड़ा का ओलंपिक तक का सफर कैसा रहा?
2012 में लखनऊ में अंडर 16 नेशनल जूनियर चैंपियनशिप में 68.46 मीटर भाला फेंक नीरज की उपलब्धियों की शुरूआत हो गई थी। 2016 में जूनियर विश्व चैंपियनशिप में 86.48 मीटर भाला फेंकने का रिकॉर्ड बनाया फिर 2018 में कॉमनवेल्थ गेम्स में 86.47 मीटर भाला फेंकने का रिकॉ़र्ड, नीरज ने अपने परफॉ़र्मेंस से खुद को थ्रो में सुपरस्टार बनाया। नीरज चोपड़ा को 2018 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
जेलविन थ्रो फाइनल में कोई भी एथलीट नीरज चोपड़ा (Neeraj chopra javelin thrower) के आसपास नज़र नहीं आया।
- नीरज ने पहले क्वालीफाइंग राउंड में ही अपने प्रदर्शन से सनसनी फैला दी थी। उन्होंने टॉप पर रहते हुए पहले ही प्रयास में 86.65 मीटर का थ्रो फेंका था और 83.65 के क्वालीफिकेशन लेवल को आसानी से पार कर लिया था।
- फिर फाइनल मैच में अपना पहला ही थ्रो 87.03 मीटर का फेंका और गोल्ड की उम्मीद जगा दी। इसके बाद दूसरे प्रयास में नीरज ने 87.58 मीटर का थ्रो फेंककर स्वर्ण पदक पक्का कर लिया।
- दूसरे स्थान पर Jakub Vadlejch रहे। उनका सर्वश्रेष्ठ थ्रो 86.67 मीटर का रहा है. तीसरे नंबर पर विटदेस्लाव वेसेली हैं उन्होंने 85.44 मीटर का थ्रो किया था। उन्होंने तीसरे प्रयास में ये थ्रो किया था।
ओलंपिक “एथलीट” में पदक जीतने वाले पहले खिलाड़ी बने नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra)
नीरज ने ओलंपिक एथलीट में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है क्योंकि भारत ने पहली बार एंटवर्प ओलंपिक 1920 में एथलेटिक्स में भाग लिया था लेकिन तब से लेकर रियो 2016 तक उसका कोई एथलीट पदक नहीं जीत पाया था। दिग्गज मिल्खा सिंह और पीटी ऊषा 1960 और 1984 में मामूली अंतर से चूक गये थे।
व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले दूसरे खिलाड़ी बने नीरज चोपड़ा
नीरज ( Neeraj Chopra) से पहले निशानेबाज़ अभिनव बिंद्रा ने बीजिंग ओलंपिक 2008 में पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल में स्वर्ण पदक जीता था।
Tokyo Olympics 2020: टोक्यो ओलंपिक में अब तक भारत ने कितने मैडल जीते?
टोक्यो ओलंपिक में भारत ने 7 पदक अपने नाम किए। इसी के साथ भारत ने ओलंपिक इतिहास में टोक्यो में सबसे ज्यादा पदक जीतने का रिकॉर्ड बना लिया है। भारत ने इस बार कुल 7 मेडल जीते हैं इसमें 1 गोल्ड, 2 सिल्वर और 4 ब्रॉन्ज शामिल हुए हैं। इससे पहले देश ने 2012 लंदन ओलंपिक में 6 पदक (2 सिल्वर, 4 ब्रॉन्ज) जीते थे। भारतीय खिलाड़ियों के इस ऐतिहासिक प्रदर्शन के बाद बीसीसीआई ने इनामों की बौछार कर दी है।
टोक्यो ओलंपिक 2020 में किन किन खिलाड़ियों ने जीते मैडल
टोक्यो में भारत को भाला फेंकने में नीरज चोपड़ा ने गोल्ड, वेटलिफ्टर मीराबाई चानू और रेसलर रवि कुमार दहिया ने सिल्वर मेडल दिलाया। वहीं शटलर पीवी सिंधु, रेसलर बजरंग पूनिया, बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन और पुरुष हॉकी टीम ने कांस्य पदक जीते।
राजपूताना राइफल्स की शान बने नीरज
राजपूताना राइफल्स ने कहा कि हमें नीरज पर गर्व है।
खेल मंत्रालय द्वारा ओलंपिक खेलों में दी जाने वाली पुरस्कार राशि कितनी है?
ओलम्पिक खेलों में स्वर्ण पदक विजेता को जहां 75 लाख रुपये दिए जाएंगे, वहीं रजत पदक विजेता को 50 लाख, और कांस्य पदक विजेता को 30 लाख रुपए दिए जाएंगे। हरियाणा सरकार ने ओलंपिक खेलों की शुरुआत से पहले ही एलान कर दिया था कि हरियाणा का जो भी खिलाड़ी ओलंपिक गोल्ड जीतकर लाएगा उसे 6 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
नीरज चोपड़ा पर हो रही है इनामों की बरसात
- नीरज चोपड़ा को हरियाणा सरकार ने ग्रेड ए की नौकरी देने का वादा भी दिया है। इसके साथ ही पंचकूला में फ्लैट खरीदने पर भी सरकार नीरज चोपड़ा को रियायत देगी।
- पंजाब के सीएम अमरिंदर ने उन्हें 2 करोड़ रुपए देने का ऐलान किया है उन्होंने कहा कि नीरज का पंजाब से एक गहरा नाता है, ऐसे में उनका गोल्ड जीतना सभी पंजाबियों के लिए गर्व की बात है।
- आईपीएल टीम चेन्नई सुपर किंग्स ने भी नीरज चोपड़ा को एक करोड़ देने का ऐलान किया है। सीएसके अब एक 8758 नंबर की स्पेशल जर्सी भी बनाएगी।
- आनंद महेंद्रा ने कहा है कि वह नीरज चोपड़ा को भारत वापस लौटने पर एसयूवी 700 गिफ्ट करेंगे।
कौन-कौन खेल सकते हैं सतभक्ति रूपी ओलंपिक खेल ?
जितने भी मानव शरीर धारी प्राणी हैं वह सभी सतभक्ति रूपी खेल में भाग ले सकते हैं फिर चाहे वह किसी भी जाति, धर्म, मज़हब और देश के हों। अमीर- गरीब , राजा- रंक कोई भी हो, 84 लाख योनियों के बाद एक मानव शरीर मिलता है जिसमें हम सत भक्ति रूपी खेल, खेल कर हमेशा के लिए जीवन और मरण के महा कष्ट से मुक्ति पा सकते हैं।
किस किस को मिला है सतभक्ति ओलंपिक में गोल्ड मेडल ?
श्री गुरु नानक देव जी, संत रविदास जी, मीराबाई, अब्राहिम सुल्तान, वाजिद खान, शेख फरीद, कमाली, दादू दास, मलूक दास चौधरी, घीसा दास, धर्म दास जी, गरीब दास जी महाराज आदि जैसी बहुत सी पुण्यात्माओं ने सतभक्ति रूपी ओलंपिक में गोल्ड मेडल प्राप्त कर इतिहास के पन्नों पर स्वर्ण अक्षरों में अपना नाम अंकित करवाया है।
कौन है वह पूर्ण ब्रह्म परमपिता परमात्मा जो देता है सचखंड, सनातन धाम में स्थाई स्थान?
पवित्र श्रीमद भगवत गीता, अध्याय 4 श्लोक 34, अध्याय 14 श्लोक 4 ऋग्वेद मंडल नंबर 9 सूक्त 96 मंत्र 16 से 20, श्री गुरु ग्रंथ साहिब पेज नंबर 721 राग तिलंग महला पहला, पवित्र कुरान शरीफ सूरत फुरकान 25 आयत नंबर 52, 58, 59 में यह प्रमाण है कि पूर्ण परमात्मा साकार है उसका नाम कबीर देव, अल्लाह हू कबीर, ऑलमाइटी कबीर, हक्का कबीर, अल खिद्र, अल कबीर, संत कबीर, जिंदा, जिंदा महात्मा है उसी कबीर परमेश्वर को हम साधारण भाषा में कबीर साहिब कहते हैं।
यही कबीर परमेश्वर हमें सतभक्ति देकर पूर्ण मोक्ष प्राप्त करवाकर सतलोक में स्थाई स्थान देते हैं। पूर्ण परमात्मा की सही भक्ति विधि कोई तत्वदर्शी बाखबर संत ही बता सकता है क्योंकि बाखबर संत कबीर परमेश्वर का संदेशवाहक और सभी धर्मों के सभी सद्ग्रंथों का पूर्ण जानकार होता है।
वर्तमान में कौन हैं सत भक्ति देने का एकमात्र कोच?
वह जगतगुरु, विश्व विजेता, तत्वदर्शी, ग्रेट शायरन, बाखबर कोई और नहीं संत रामपाल जी महाराज जी हैं जो हिंदुस्तान की पावन भूमि पर मौजूद हैं। सभी भाई बहनों से प्रार्थना है आध्यात्मिक बहुचर्चित, पुस्तक “ज्ञान गंगा” को अवश्य पढ़ें और “साधना चैनल पर 7:30 से 8:30” बजे सत्संग देखें, ज्ञान समझें और भक्ति रूपी खेल में मर्यादा निभाते हुए मोक्ष प्राप्त करें, और जीवन सफल बनाएं।