Last Updated on 20 December 2023 IST: भारत में प्रतिवर्ष महान गणितज्ञ श्रीनिवास अयंगर रामानुजन (Srinivasa Ramanujan) का जन्म दिन 22 दिसंबर भारतीय गणित दिवस या राष्ट्रीय गणित दिवस (National Mathematics Day in Hindi) के रूप में मनाया जाता है। आइये जानते हैं विस्तार से गणित दिवस के विषय में और साथ ही जानेंगे इस भवसागर से पार होने के कारगर सूत्र भी।
National Mathematics Day (Hindi): मुख्य बिंदु
- 22 दिसम्बर, आचार्य श्रीनिवास रामानुजन के जन्मदिन को राष्ट्रीय गणित दिवस के रुप में मनाया जाता है
- आचार्य रामानुजन को संख्याओं का जादूगर’ कहा जाता है
- आर्यभट्ट, ब्रह्मगुप्त, महावीर तथा रामानुजन जैसे महान गणितज्ञों की गौरवांवित जन्मभूमि है भारत देश
- वर्ष 2012 में शुरू हुआ था नेशनल मैथमेटिक्स डे मनाने का सिलसिला
- पूर्ण संत रामपाल जी महाराज से जानें संसार रूपी भवसागर से पार होने वाले सूत्र के विषय में
22 दिसंबर National Mathematics Day (Hindi) की प्रासंगिकता
भारतवर्ष में हर वर्ष 22 दिसंबर को भारतीय गणित दिवस या राष्ट्रीय गणित दिवस (National Mathematics Day) मनाया जाता हैं। देश के लिए यह दिन बेहद गौरवशाली है, इसी दिन महान गणितज्ञ श्रीनिवास अयंगर रामानुजन (Srinivasa Ramanujan) का जन्म हुआ था। रामानुजन ने न केवल गणित (maths) को अलग पहचान दिलाई बल्कि कई ऐसे प्रमेय (THEOREM) और सूत्र (FORMULA) दिए जो आज भी बहुत काम के माने जाते हैं। गणित के क्षेत्र में उनके इसी अभूतपूर्व योगदान को देखते हुए उनके जन्मदिवस को ‘गणित दिवस’ या ‘राष्ट्रीय गणित दिवस’ (National Mathematics Day) के रूप में मनाया जाता है।
National Mathematics Day (Hindi): महान गणितज्ञों की जन्मभूमि है भारत देश
जैसा कि हम जानते हैं कि प्राचीन काल से विभिन्न विद्वानों जैसे आर्यभट्ट, ब्रह्मगुप्त, महावीर, भास्कर द्वितीय, श्रीनिवास रामानुजन, आदि ने गणित के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिए है। बहुत ही कम उम्र में, श्रीनिवास रामानुजन ने एक विशिष्ट प्रतिभा को दर्शाया था। उन्होंने कई उदाहरण निर्धारित किए हैं जैसे अनंत श्रृंखला, संख्या सिद्धांत, गणितीय विश्लेषण आदि।
राष्ट्रीय गणित दिवस का इतिहास (History Of National Mathematics Day)
22 दिसंबर 2012 को भारत के तत्कालीन प्रधान मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने महान गणितज्ञ श्रीनिवास अयंगर रामानुजन की 125 वीं जयंती के अवसर पर चेन्नई में आयोजित एक समारोह में यह घोषणा की कि हर साल 22 दिसंबर को राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इसके बाद से प्रत्येक वर्ष 22 दिसंबर को पूरे देश में राष्ट्रीय गणित दिवस (National Mathematics Day) मनाया जा रहा है। श्रीनिवास रामानुजन का गणित के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान अविस्मरणीय है।
राष्ट्रीय गणित दिवस का महत्व (Significance of National Mathematics Day)
राष्ट्रीय गणित दिवस (National Mathematics Day) का महत्व हर किसी के लिए महत्वपूर्ण है, इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में गणित के प्रति रुचि जागृत करते हुए उनकी प्राकृतिक जिज्ञासा को बढ़ाना है, गणित के प्रति अक्सर छात्रों के मन में एक भय सा बना हुआ रहता है, इसी मानसिक डर को खत्म करने और कौशल का विकास समेत गणित के शिक्षकों की शिक्षण विधि में सुधार लाने हेतु तथा गणित की महत्वता से परिचय कराने के लिए यह दिवस मनाया जाता है।
कैसे मनाते हैं राष्ट्रीय गणित दिवस? (How is National Mathematics Day celebrated?)
भारत में विभिन्न विद्यालयों, महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों में राष्ट्रीय गणित दिवस मनाया जाता है। लोग अपनी प्रतिभा को सबके सामने रखते हैं। गणित के ज्ञान को सीखने समझने के लिए यूनेस्को और भारत ने एक साथ काम किया। इसके साथ ही, छात्रों की गणित में रुचि पैदा करने के लिए भी विभिन्न कदम उठाए गए हैं।
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द नेशनल अकादमी ऑफ साइंस इंडिया इलाहाबाद (प्रयागराज) स्थित सबसे पुरानी विज्ञान अकादमी है। यहां प्रतिवर्ष इस अवसर पर राष्ट्रीय गणित दिवस (National Mathematics Day) मनाने के लिए कार्यशाला आयोजित की जाती है। इस अवसर पर देश- विदेश से गणित के विद्वान यहां आते हैं, तथा गणित एवं श्रीनिवास रामानुजन के गणित में योगदान पर चर्चा करते हैं, कार्यशाला का विषय वैदिक काल से लेकर मध्यकाल तक भारतीय गणितज्ञों के योगदान पर चर्चा और प्रस्तुतियां होती हैं।
National Mathematics Day (Hindi): अंकों को भी मिला नाम हार्डी-रामानुजन नंबर
बड़ा ही दिलचस्प वाकया है कि एक बार जब जी. एच. हार्डी अस्पताल में रामानुजन से मिलने गए तो उन्होंने बताया कि वह एक टैक्सी कैब से आए हैं जिसका नंबर 1729 था। हार्डी ने कैब के नंबर को बोरिंग बताया, जिस पर रामानुजन ने तुरंत कहा, “नहीं, यह बोरिंग नहीं बल्कि बहुत दिलचस्प नंबर है। यह सबसे छोटी संख्या है जिसको दो अलग अलग तरीके से दो घनों के योग के रूप में लिखा जा सकता है।” तब से 1729 को उनके सम्मान में हार्डी-रामानुजन नंबर कहा जाता है। इसलिए रामानुजन को ‘संख्याओं का जादूगर’ भी कहा जाता है
पवित्र शास्त्रों में निर्देशित कारगर सूत्र (सांकेतिक मंत्र) से ही पार हो सकेंगे इस संसार रूपी भवसागर से
गीता अध्याय 17 श्लोक 23 में गीता ज्ञान दाता ने स्पष्ट किया हुआ है कि ’’ऊँ तत् सत्’’ इस मन्त्र के जाप से ही पूर्ण मोक्ष प्राप्त होता है। इसमें ऊँ‘‘ (ओम्) मंत्र ब्रह्म का है, तत्’’ मन्त्र तो सांकेतिक है, वास्तविक मन्त्र तो इससे भिन्न है जो उपदेशी को ही बताया जाता है तथा ‘‘सत्’’ मन्त्र भी सांकेतिक है। वास्तविक मन्त्र भिन्न है जो उपदेशी को बताया जाता है। इसको सारनाम भी कहते हैं।
इस पूर्ण मोक्षदायक मंत्र को प्रदत्त करने का अधिकारी केवल परमात्मा द्वारा नियुक्त पूर्ण तत्वदर्शी संत ही होता है जिसकी पहचान गीता अध्याय 15 के श्लोक 1 से 4 में बताई गई है जिसे संत भाषा में सतगुरु भी कहते हैं।
सतगुरु ही पार कराता है इस भवसागर से
पूर्ण परमेश्वर कविर्देव (कबीर साहेब) सतगुरु रुप में विराजमान संसार सागर से पार कराने वाले कोली (खेवट) हैं। सतगुरु ही हमारे जीवन की गाड़ी को निर्बाध जंगलों से पार कराने के लिए प्रकट होते हैं या अपने प्रतिनिधि को भेजते हैं। यहां जंगल का अर्थ है सांसारिक कर्म के संकटों से बचाकर भक्ति कराकर मोक्ष प्राप्ति कराते हैं। सतगुरु हमारे माता तथा पिता हैं। सतगुरु भवसागर से पार करने वाले हैं।
सतगुरु सुन्दर रूप अपारा।
सतगुरु तीन लोक से न्यारा।।
वर्तमान में इस संसार रूपी भवसागर से पार लगाने वाले सतगुरु कौन हैं?
जिस प्रकार जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ने सभी धर्मों के पवित्र सद्ग्रन्थों को खोल-खोलकर सत्य साधना से सबको परिचित करवाया है इससे पूर्णतः स्पष्ट हो चुका है कि वर्तमान समय में पूर्ण गुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ही इस संसार रूपी भवसागर से पार लगाने में सक्षम हैं। सम्पूर्ण संसार से निवेदन है कि देर ना करें पूर्ण संत रामपाल जी महाराज के अनमोल ज्ञान को समझकर और नाम दीक्षा ग्रहण कर अपने मनुष्य जीवन को सफल बनाएं।
इस संसार में एक पल का भरोसा नहीं कब क्या हो जाए। इसलिए जब भी ज्ञान समझ में आए उसी समय पूर्ण गुरु की शरण ग्रहण कर लेना चाहिए। ज्ञान समझने के लिए ज्ञान गंगा पुस्तक निशुल्क उपलब्ध है। संत रामपाल जी महाराज के अनमोल सत्संग श्रवण हेतु सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल पर जाए।
FAQ About National Mathematics Day 2023 [Hindi]
Ans. राष्ट्रीय गणित दिवस प्रतिवर्ष 22 दिसम्बर को मनाया जाता है।
Ans. राष्ट्रीय गणित दिवस, गणितज्ञ आचार्य श्रीनिवास रामानुजन की याद में मनाया जाता है।
Ans. भारतीय गणित दिवस मनाने की शुरुआत सन् 2012 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने की थी।
Ans. आचार्य श्रीनिवास अयंगर रामानुजन को।
Ans.अंतर्राष्ट्रीय गणित दिवस हर साल 14 मार्च को मनाया जाता है। इसे पाई दिवस (π Day) के रूप में भी जाना जाता है।