रोहतक, हरियाणा: हरियाणा के रोहतक ज़िले का मोखरा खास (श्याम पाना) गाँव कई महीनों से भारी जलभराव की समस्या से जूझ रहा था। लगातार बारिश और नालों के जाम होने से खेतों में पानी भर गया था। 70 प्रतिशत से अधिक फसलें बर्बाद हो चुकी थीं, धान की कटाई रुक गई थी और कई मकान पानी में डूब चुके थे। किसानों का कहना था कि सरकारी अधिकारी सिर्फ़ निरीक्षण कर चले जाते हैं, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं हुआ।
गाँव के प्रधान रामकिशन जी ने बताया कि “हमारे खेत, हमारे घर, यहाँ तक कि रास्ते भी पानी में डूब गए थे। बच्चों को स्कूल जाना बंद हो गया था। हर साल यह समस्या बढ़ती जा रही थी, पर कोई हमारी सुनने वाला नहीं था।”
जब सारे दरवाज़े बंद हुए, तब खुला एक अंतिम रास्ता — बरवाला
कई बार जिला प्रशासन और सरकार को निवेदन देने के बाद भी कोई राहत नहीं मिली। ऐसे में ग्राम पंचायत के लोगों ने फैसला किया कि अब वे सीधा संत रामपालजी महाराज से सहायता माँगेंगे। उन्होंने देखा था कि पिछले महीनों में संत रामपाल जी महाराज द्वारा चलाई गई “अन्नपूर्णा मुहिम” के तहत राजस्थान और हरियाणा सहित कई राज्यों में संत जी द्वारा बाढ़ राहत कार्य चलाया गया था।

ग्राम प्रधान और पंचायत प्रतिनिधि दल बरवाला पहुँचा और संत रामपाल जी महाराज के चरणों में प्रार्थना पत्र भेजा। वहाँ उन्होंने संत रामपालजी महाराज के अनुयायियों को अपनी समस्या बताई और एक प्रार्थना पत्र सौंपा जिसमें गाँव की स्थिति विस्तार से बताई गई।
इस पत्र में माँग रखी गई —
- दो 10 HP की मोटरें
- एक 15 HP की मोटर
- 21,000 फीट 8-इंच पाइप लाइन
- और सभी आवश्यक उपकरण (स्टार्टर, केबल, जोड़, फिटिंग्स आदि)
गांव की स्थिति सुनकर संत रामपाल जी महाराज के अनुयाई ने कहा – “हम अपने वकीलों के माध्यम से सतगुरु जी के चरणों में प्रार्थना पत्र भेजेंगे, और जब सतगुरू देव जी का आदेश आ जाएगा, तो इनके गाँव में जाकर ये सारा सामान इनको हैंडओवर कर देंगे।”
सिर्फ़ तीन दिनों में पहुँची राहत — अन्नपूर्णा मुहिम की तत्परता
संत रामपालजी महाराज ने जब यह प्रार्थना सुनी, तो बिना किसी देरी के आदेश जारी किया कि “गाँव को तुरंत हर संभव सहायता भेजी जाए।”

सिर्फ़ तीन दिनों के भीतर राहत सामग्री रवाना कर दी गई।
इस राहत में शामिल थे:
- 3 उच्च-शक्ति वाली मोटरें (दो 10-HP और एक 15-HP)
- 21,000 फीट 8-इंच पाइप
- स्टार्टर, केबल और सभी जरूरी फिटिंग्स
गाँव पहुँचते ही सेवादारों ने तुरंत जल निकासी कार्य शुरू किया। ग्रामीणों ने कहा कि यह सहायता इतनी थी कि उन्हें किसी सरकारी विभाग या पैसे की आवश्यकता नहीं पड़ी।
“यह तो भगवान का रूप हैं” — ग्रामीणों की भावनाएँ उमड़ीं
राहत सामग्री पहुँचते ही गाँव में भावनात्मक माहौल बन गया। ग्रामीणों ने कहा, “चार महीने से सरकार से मदद माँग रहे थे, किसी ने नहीं सुना। लेकिन संत रामपालजी महाराज ने अन्नपूर्णा मुहिम के तहत तीन दिन में सब कुछ कर दिया। ये हमारे लिए भगवान के समान हैं।”
एक बुज़ुर्ग किसान ने कहा,
“संत रामपाल जी महाराज जैसा कोई संत नहीं पुरे हिंदुस्तान में। हमारे खेत डुब चुके थे। संत रामपाल जी महाराज ने निःशुल्क सेवा करी है। उन्होंने ये मोटरें और पाइप दी है, अब पानी निकल जाएगा और हम फिर खेती कर पाएँगे। नहीं तो 3000 बीघा खेत में पानी भरा था। ये मनुष्य का काम नहीं है। संत रामपाल जी ने हमें जीने की उम्मीद दी है।”
गाँव की महिलाओं ने भी कृतज्ञता जताई —
“संत रामपालजी महाराज भगवान हैं। उन्होंने बिना स्वार्थ, सीधे मदद की। संत रामपाल जी महाराज का मोखरा खास गाँव तहे दिल से शुक्रिया अदा करता है। गाँव में पानी की समस्या बहुत ज्यादा थी। उन्होंने पानी की मोटरें भेजी हैं, ताकि पानी निकल सके। इससे फसलें भी अच्छी होगी।”
स्थायी समाधान का निर्देश — जवाबदेही के साथ सेवा
संत रामपालजी महाराज ने इस राहत के साथ एक स्पष्ट संदेश भी भेजा — “यह सहायता एक अस्थायी नहीं, बल्कि स्थायी समाधान के रूप में है। पाइप को ज़मीन में दबा दिया जाए ताकि भविष्य में जलभराव की स्थिति में फिर उपयोग किया जा सके।”
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सतलोक आश्रम की मीडिया टीम गाँव का ड्रोन सर्वे करेगी — पहले जब पानी भरा था और फिर जब खेतों में फसलें लहराएँगी। ये वीडियो सभी सतलोक आश्रमों में दिखाए जाएँगे, ताकि समाज को यह पता चले कि सच्ची सेवा कैसी होती है।
अन्नपूर्णा मुहिम — मानवता को समर्पित एक अभियान
“अन्नपूर्णा मुहिम” संत रामपालजी महाराज द्वारा संचालित एक विशाल मानवीय अभियान है, जो देशभर में बाढ़, अकाल और आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत पहुँचाने का काम कर रहा है।
अब तक इस मुहिम के तहत 200 से अधिक गाँवों में राहत कार्य किए जा चुके हैं — कहीं खाद्य सामग्री, कहीं जल निकासी, तो कहीं आवास और शिक्षा सहायता प्रदान की गई है।
संत रामपाल जी महाराज ने सख्त आदेश दिया है — “जब तक कोई व्यक्ति भूखा या पीड़ित है, तब तक किसी भी 13 सतलोक आश्रमों और 500 से अधिक नामदान केंद्रों के निर्माण कार्य पर खर्च नहीं होगा। हर संसाधन मानवता की सेवा में लगाया जाएगा।”
सेवा ही सच्ची भक्ति है
मोखरा खास गाँव को दी गई सहायता सिर्फ़ एक घटना नहीं है। यह “अन्नपूर्णा मुहिम” का हिस्सा है — एक विशाल और निरंतर चल रही बाढ़ राहत योजना, जिसका संचालन संत रामपाल जी महाराज द्वारा किया जा रहा है।
इस मानवीय मिशन को आर्थिक बाधाओं से मुक्त रखने के लिए, संत रामपाल जी महाराज ने आदेश जारी किया कि उनके आश्रमों और 500 से अधिक नामदान केंद्रों पर चल रहे सभी निर्माण कार्य तुरंत रोक दिए जाएँ। उन्होंने समस्त धनराशि और जनशक्ति को बाढ़ प्रभावित गाँवों को बचाने के कार्य में लगाने का निर्देश दिया। इन सभी प्रयासों का पूर्ण कवरेज SA News Channel द्वारा किया जा रहा है, जिसे सभी सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर प्रकाशित किया जा रहा है।
एक ऐसी दुनिया में, जहाँ सरकारी प्रक्रियाओं में विलंब अक्सर संकट को और गहरा कर देता है, संत रामपाल जी महाराज ने यह दिखाया है कि पूर्ण और करुणामय संत वास्तव में कैसा होता है। अधिक जानकारी के लिए देखें — मोखरा खास गाँव से जुड़ी हमारी विशेष रिपोर्ट: SA News



