Kisan Andolan 2024 | किसानों और सरकार के मध्य सोमवार को हुई बैठक में किसी भी नतीजे पर ना पहुंच पाने के बाद किसानों ने ‘दिल्ली चलो चलो’ अभियान के तहत मंगलवार 13 फरवरी को दिल्ली की ओर रुख़ किया। बड़ी संख्या में किसानों को दिल्ली की ओर आते देख दिल्ली हरियाणा की सीमा पर सुरक्षा बल तैनात किए गए एवं धारा 144 लगाई गई।
Kisan Andolan 2024 के मुख्य बिंदु
- किसान आंदोलन (Kisan Andolan 2024) पर अड़े किसानों का दिल्ली चलो मोर्चा के तहत दिल्ली कूच
- दिल्ली के पडोसी राज्यों की सीमाएं सील, साथ ही कड़ी की गई सुरक्षा और लगाई धारा 144
- दिल्ली मेट्रो स्टेशनों के कुछ गेट हुए निष्क्रिय
- दिल्ली की तीन प्रमुख सीमाओं पर विशेष निगरानी
- संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा 16 फरवरी ग्रामीण भारत बंद का आव्हान
किसान आंदोलन का दिल्ली की ओर रुख़
किसानों की सोमवार सरकार के साथ चंडीगढ़ में हुई बैठक किसी निर्णय पर नहीं पहुंच सकी। बैठक में पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा उपस्थित थे। किसानों का कहना है कि उन्हें कोई पुख़्ता आश्वासन नहीं दिए गए। सरकार ने जिन बिंदुओ पर अपनी सहमति दर्ज कराई उन पर पहले भी कराई थी परंतु कोई कदम नहीं उठाए गए थे। इसी के साथ हरियाणा और पंजाब के किसानों ने अपने अधिकारों की मांग के लिए दिल्ली की ओर कूच किया।
किंतु उनके दिल्ली पहुंचने से पहले ही उनके दिल्ली चलो मोर्चे को संभालने के लिए हरियाणा और दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई। यही नहीं बल्कि दिल्ली में भी काफी सारे फेरबदल किए गए जिनमें दिल्ली मेट्रो के कई स्टेशन गेट निष्क्रिय कर दिए गए। इसकी जानकारी दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से दी।
सीमाओं पर हाई अलर्ट के साथ सुरक्षा बल तैनात
किसानों के दिल्ली चलो मोर्चे और आंदोलन को देखते हुए सुरक्षा की दृष्टि से सीमाओं पर नुकीले तार, क्रॉन्क्रीट और बैरिकेड्स लगाकर किसानों का रास्ता रोका गया है। किसी भी कीमत पर किसानों को दिल्ली आने से रोकने के लिए राजमार्ग पर टायर किलर्स भी लगाए गए हैं। सुरक्षा बलों के अनुरोध पर दिल्ली मेट्रो के केंद्रीय सचिवालय, राजीव चौक, पटेल चौक, मंडी हाउस, जनपथ, बाराखंबा रोड, उद्योग भवन, खान मार्केट, लोक कल्याण मार्ग स्टेशनों के कुछ गेट निष्क्रिय कर दिए गए। दिल्ली तथा नोएडा की सीमा पर स्थित विद्यालयों की छुट्टी कर दी गई।
हरियाणा में पुलिस बलों को तैनात किया गया हैं तथा 15 जिलों में धारा 144 लगाई गई हैं। इसके साथ ही मोबाइल की इंटरनेट सेवाएं तथा एसएमएस सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया हैं। इधर दिल्ली में टीकरी बॉर्डर पर आवागमन भी रोक दिया गया था। सिंधु बोर्ड से जाने वाले रास्ते भी डायवर्ट किए गए। इस कारण दिल्ली एनसीआर में सड़कों पर भारी जाम रहा। सुरक्षा की दृष्टि से लाल किले को अस्थाई रूप से बंद कर दिया गया है।
Kisan Andolan 2024 | उत्तरप्रदेश और हरियाणा के साथ लगने वाली पांच सीमाएं सील
किसान अपने ट्रेक्टर ट्रॉली के साथ दिल्ली में प्रवेश न कर सकें इस लिए विशेष इंतज़ाम के तहत यह किया गया है। दिल्ली के साथ लगने वाली पांच सीमाओं को बंद किया गया है। दिल्ली से बाहर निकलने के लिए पुलिस ने औचिंदी, जोंती, पियाऊ मनियारी और सफियाबाद के ट्रांसिट पॉइंट्स इस्तेमाल करने की सलाह दी है।
संसद भवन के आसपास कड़ी सुरक्षा
पड़ोसी राज्यों से दिल्ली आ रहे प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली ना आ सकें इसके लिए न केवल सीमा पर कड़ी सुरक्षा का इंतज़ाम किया गया हैं बल्कि संसद भवन के सभी गेटों पर अवरोधक लगाए गए हैं और उनके सामने भी कंटीले तार और क्रॉन्क्रीट आदि लगाकर रास्ता बंद किया गया हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा गृहमंत्री अमित शाह जी के आवास स्थान पर विशेष सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। लाल किले, जंतर मंतर पर सुरक्षा बढ़ाई गई तथा किसान रेलवे के माध्यम से दिल्ली पहुंच सकते हैं इस आशंका के साथ नई दिल्ली रेलवे स्टेशन, पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन, आनंदविहार, निजामुद्दीन और सब्जी मंडी रेलवे स्टेशन पर कड़ी निगरानी रखी जा रही हैं। सभी सीमाओं पर ड्रोन से लगातार नज़र भी रखी जा रही हैं।
Kisan Andolan 2024 | शंभू बोर्ड पर प्रदर्शनकारी हिरासत में
पंजाब और हरियाणा को जोड़ने वाले शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों ने बैरिकेड्स तोड़ने और पत्थरबाजी की कोशिश की। पुलिस और किसानों के बीच तनाव बढ़ने की स्थिति में प्रदर्शनकारी किसानों को हिरासत में लिया गया। वहीं हाई कोर्ट ने यह नसीहत राज्य और केंद्र सरकार को दी है कि बल प्रयोग अंतिम विकल्प होना चाहिए। हरियाणा और पंजाब के बीच की किलेबंदी को देखते हुए किसानों ने कहा कि सरकार उनके साथ दुश्मन सरीखा व्यवहार कर रही है। ऐसी किलेबंदी से पंजाब और हरियाणा दो राज्य नहीं बल्कि दो अलग अलग देश प्रतीत हो रहे हैं।
प्रदर्शन और महाजाम की स्थिति
13 फरवरी अर्ध रात्रि तक जाम की स्थिति देखते हुए पुलिस ने सिंघू बॉर्डर से दिल्ली आने वाले फ्लाईओवर की एक लेन खोल दी। सिंघू बॉर्डर पर युद्ध जैसे तनाव की स्थिति हो गई है। पुलिस ने अपनी एडवाइजरी में कहा है कि सिंघू बॉर्डर के आगे एनएच 44 को समान्य ट्रैफिक के लिए बंद कर दिया गया है। कंटीले तारों के रास्ते आम जनता के साथ साथ मरीजों के लिए भी कष्टदायक रहे। टीकरी, सिंघू, और झारोदा में दिल्ली के साथ की सीमाएं सील की गई हैं। आज गुरुग्राम दिल्ली में सुबह 7 बजे से ही वाहनों की लंबी कतारें देखने मिलीं।
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Kisan Andolan 2024 | दिल्ली एनसीआर जीटी करनाल रोड, गाजीपुर, आनंद विहार, मथुरा रोड, बाबा खड़क सिंह मार्ग, बहादुर शाह जफर मार्ग, शिवाजी स्टेडियम में जाम की बुरी स्थिति बनी हुई है। सुबह 8 बजे नोएडा सेक्टर 62 तक वाहनों की लंबी कतारों के कारण पुलिस ने वाहनो को इंदिरापुरम, कौशांबी, आनंद विहार और खेड़ा कालोनी में मोड़ तो दिया किंतु इन संकरी गलियों में भी तुरंत जाम की स्थिति पैदा हो गई है। टीकरी बॉर्डर पर सुबह से अराजक दृश्य देखने को मिले हैं। अस्पताल जाने वाले मरीजों को बेहद कष्ट का सामना करना पड़ रहा है। हरियाणा के बहादुरगढ़ सेक्टर 9 और 9ए तक वाहनों की आवाजाही का रास्ता बदल दिया गया है।
Kisan Andolan 2024 | आन्दोलन जारी रहेगा
आज 14 फरवरी को भी किसान मोर्चा दिल्ली कूच करने के लिए डटा हुआ है। पंजाब से दिल्ली जाने वाले किसानों में नेता जगजीत डल्लेवाल ने कहा कि सरकार ने उनकी एक भी मांग नहीं मानी है। जब तक मुद्दे हाल नहीं होते आंदोलन चलते रहने की बात उन्होंने की। दो साल पहले 378 दिन चला आंदोलन आज पुनः सड़क पर है। किसानों के इस आंदोलन के कारण दिल्ली में महाजाम की स्थिति बन गई है जिससे आम जीवन प्रभावित हो रहा है।
आखिर क्यों कूच कर रहे किसान दिल्ली?
दो वर्ष पहले भी किसानों ने अपने अधिकारों के लिए सरकार से मांग की थी। इस दौरान भी किसानों ने आंदोलन किया था जिसमी उनका दावा है कि 700 से अधिक किसानों की जानें गईं। न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का कानून किसानों की सबसे बड़ी मांग है। संयुक्त किसान मोर्चा स्पष्ट कहता है कि वे सरकार को अपने वादे याद दिलाना चाहते हैं जो दो वर्ष पूर्व सरकार ने उनसे आंदोलन वापस लेने के लिए किए थे। किसानों का कहना है कि वे अनुशासन के साथ हजारों की संख्या में दिल्ली पहुंच रहे थे लेकिन उनकी न तो कोई बात सुनी जा रही है, न आंदोलन करने दिया जा रहा है और न ही दिल्ली की सीमा में दाख़िल होने दिया जा रहा है।
किसानों का यह भी आरोप है कि कर्नाटक से दिल्ली कूच में आ रहे किसानों को भोपाल में ट्रेन में रोककर प्रशासन ने गिरफ्तार किया और मारपीट की। साथ ही लखमीपुर खीरी में दो वर्ष पहले कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे चार सिखों को कथित रूप से गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा की गाड़ी ने कुचल दिया था। उस घटना में मारे लोगों के परिवार को नौकरी और दोषियों को सजा दिलाने की मांग सरकार से की जा रही है।
स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें
Kisan Andolan 2024 | सरकार ने एस स्वामीनाथन को हाल ही में भारत रत्न देने की घोषणा की है। किसानों का कहना है कि उनकी रिपोर्ट भी सरकार लागू करे जिसके अनुसार सरकार किसानों की फसल के दाम देगी। इस रिपोर्ट में किसानों की फसल लागत से डेढ़ गुना अधिक दाम देकर खरीदने की बात कही गई है। किसानों को प्रदूषण कानून से भी मुक्त रखने का वायदा सरकार ने किया था जिसका अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ है।
Kisan Andolan 2024 | भारतीय किसान मोर्चा का रुख
संयुक्त किसान मोर्चा से भारतीय किसान मोर्चा ने स्वयं को अलग रखा किंतु उनका रुख भी संयुक्त किसान मोर्चा के साथ है। राकेश टिकैत ने स्पष्ट रूप से कहा है कि अभी भले ही वे उनके साथ नहीं हैं लेकिन यदि सरकार ने दिल्ली चलो कूच पर किसानों पर अत्याचार किया तो दिल्ली अधिक दूर नहीं है वे पहुंच जाएंगे। राकेश टिकैत मंगलवार को बैंगलोर में थे। उन्होंने यह भी कहा कि सभी राज्य के किसानों की अपनी अपनी समस्याएं हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का किसानों को रोकने का रवैया गलत है। किसानों के लिए सभी बॉर्डर सील कर दी गई हैं और अपने सारे हथियार के साथ पुलिस प्रशासन तैनात है। कंटीले तार, कीलों, डंडो, बैकेड्स, तार, आंसू गैस के गोलों के साथ किसानों पर सख़्ती के सारे उत्पाद तैयार हैं।
आगामी वर्ष क्लेश के हैं
वस्तुतः प्रत्यक्ष लोक में सुख की कामना नहीं की जा सकती किंतु यह तथ्य भी सामने हैं जिसकी भविष्यवाणी पहले कर दी गई थी। वर्तमान समय युग परिवर्तन का है। सतयुग का आगमन तय है। और इसी कारण विरोधी शक्तियां, प्रलय, दुघर्टनाएं, क्लेश, अपराध, युद्ध की स्थिति हमारे सामने है। कारण कोई भी बने किंतु चारों ओर हिंसा, मृत्यु और दुःख का नंगा नाच हो ही रहा है। अमेजन के जंगलों में आग लगने से हुई शुरुआत धीरे धीरे कोरोना वायरस, युद्ध, झड़प, दुर्घटनाओं, आग लगने, ब्लास्ट होने, जान जाने, समंदर में आग लगने, भूस्खलन होने, भूकंप आने और देश में क्लेश की स्थिति के रूप में सामने आई है। इस बीच तनाव अपने अपने चरम पर रहा है।
भारत का मसीहा लाएगा विश्वशांति
सभी भविष्यवक्ताओं का गहन अध्ययन करने के पश्चात इस निर्णय पर सहज ही हम पहुंचते हैं कि भारत का वह मसीहा जो विश्व में शांति स्थापित करेगा, संत रामपाल जी महाराज हैं। संत रामपाल जी महाराज पर सभी भविष्यवक्ताओं की न केवल भविष्यवाणी सही ठहरती है बल्कि वे लंबे समय से सत्यभक्ति के मिशन के लिए कार्यरत भी हैं। संत रामपाल जी महाराज ने समाज में सच्ची शांति और सत्य भक्ति की स्थापना की है।
उन्होंने नशामुक्ति, दहेज मुक्ति, रक्तदान, देहदान जैसे सामाजिक कार्य किए हैं। उनसे दीक्षित अनुयाई प्रेम, सौहार्द, परोपकार के मार्ग पर चलने वाले हैं। संसार में शांति स्थापित करने वाले और भारत को विश्वगुरु बनाने वाले एक मात्र तत्वदर्शी संत वे ही हैं। अधिक जानकारी के लिए देखें संत रामपाल जी महाराज यूट्यूब चैनल।