April 1, 2025

ISRO Gaganyaan Mission (Hindi) | क्या है भारत का गगनयान मिशन तथा क्या है इसका मुख्य उद्देश्य?

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भारत ने गगनयान मिशन (ISRO Gaganyaan Mission) के लिए पहला कदम रख दिया है। भारत ने शनिवार को अपने महत्वाकांक्षी मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन गगनयान का एक महत्वपूर्ण परीक्षण पूरा कर लिया। इसरो ने एक्स प्लेटफॉर्म पर लिखा, ‘मिशन गगनयान सफल रहा। प्रक्षेपण सुबह आठ बजे (अंतरराष्ट्रीय समयानुसार दो बजकर 30 मिनट) के लिए निर्धारित किया गया था, लेकिन शुरू में इसे पूरा नहीं किया जा सका। इसे सुबह 10 बजे सफलतापूर्वक पूरा किया गया। इसरो के उड़ान परीक्षण ने भारत को मानवयुक्त अंतरिक्ष यान मिशन शुरू करने वाला दुनिया का चौथा देश बना दिया है।

Table of Contents

Gaganyaan Mission (Hindi) | गगनयान मिशन टेस्ट फ्लाइट की मुख्य विशेषताएं

  • भारत ने गगनयान मिशन का पहला चरण पूरा किया
  • शनिवार को महत्वाकांक्षी मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन गगनयान में एक महत्वपूर्ण परीक्षण पूरा कर लिया
  • इसरो ने एक्स प्लेटफॉर्म पर लिखा, ‘मिशन गगनयान (ISRO Gaganyaan Mission) सफल रहा
  • प्रक्षेपण सुबह आठ बजे (अंतरराष्ट्रीय समयानुसार दो बजकर 30 मिनट) के लिए निर्धारित किया गया था
  • त्रुटियों की पहचान कर सुबह 10 बजे इसरो ने श्रीहरिकोटा से परीक्षण यान का सफल प्रक्षेपण किया
  • परीक्षण उड़ान मॉड्यूल ने बंगाल की खाड़ी को छुआ
  • इस महत्वाकांक्षी प्रयास को अंजाम तक पहुंचाने पर भारत दुनिया का चौथा राष्ट्र बनेगा
  • इसरो अध्यक्ष सोमनाथ ने कहा, “मुझे गगनयान टीवी-डी 1 मिशन की सफल उपलब्धि की घोषणा करते हुए बहुत खुशी हो रही है”

Gaganyaan Mission | मानव रहित परीक्षण उड़ान टीवी-डी 1 का सफल प्रक्षेपण

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शनिवार को सुबह 10 बजे श्रीहरिकोटा लॉन्च पैड से मानव रहित परीक्षण उड़ान टीवी-डी 1 का सफल प्रक्षेपण किया। प्रक्षेपण के बाद अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि मिशन अनुमान के अनुसार आगे बढ़ रहा है। परीक्षण यान डी 1 मिशन को पहले सुबह 8 बजे उड़ान भरने के लिए निर्धारित किया गया था, जिसे संशोधित कर 8.45 बजे कर दिया गया था। लेकिन प्रक्षेपण से महज पांच सेकेंड पहले उलटी गिनती रुक गई। सुबह 10 बजे फिर से इसका प्रयास किया गया। गगनयान परियोजना में मानव चालक दल को 400 किलोमीटर की कक्षा में भेजकर और भारतीय समुद्री जल में उतरकर उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाकर इसरो की मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता का प्रदर्शन करने की परिकल्पना की गई है।

परीक्षण वाहन विकास उड़ान (टीवी-डी 1) का उद्देश्य क्रू मॉड्यूल (सीएम) का परीक्षण करना है जो अगले साल के अंत में मानव अंतरिक्ष यान के दौरान भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाएगा। टीवी-डी 1 परीक्षण उड़ान में मानव रहित क्रू मॉड्यूल को बाहरी अंतरिक्ष में लॉन्च करना, इसे पृथ्वी पर वापस लाना और बंगाल की खाड़ी में उतरने के बाद इसे पुनर्प्राप्त करना शामिल है। गगनयान मिशन पर पूरी जानकारी यहां पढ़ें:

मानवयुक्त अंतरिक्ष यान मिशन शुरू करने वाला भारत दुनिया का चौथा राष्ट्र

गगनयान मिशन लॉन्च (ISRO Gaganyaan Mission in Hindi) | यह महत्वाकांक्षी प्रयास भारत को संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और चीन के बाद मानवयुक्त अंतरिक्ष यान मिशन शुरू करने वाला दुनिया का चौथा राष्ट्र बनाने के लिए अग्रसर है। चंद्रयान-3 और आदित्य एल-1 मिशन सहित पिछली भारतीय अंतरिक्ष पहलों की उपलब्धियों को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को महत्वपूर्ण उद्देश्यों पर ध्यान केंद्रित करने को प्रेरित किया है। इन लक्ष्यों में 2035 तक ‘भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन’ (भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन) की स्थापना और 2040 तक चंद्रमा पर पहला भारतीय भेजने की ऐतिहासिक उपलब्धि शामिल है।

फ्लाइट टेस्ट व्हीकल एबॉर्ट मिशन-1 हुआ पूरा

टीवी-डी1 के इंजन के शुरू में प्रज्वलित नहीं होने के बाद दो घंटे की देरी और घबराहट भरे क्षणों के बाद इसरो के वैज्ञानिकों ने 75 मिनट मिशन को आगे बढ़ाया और तब उन्होंने सटीक तरीके से रॉकेट का प्रक्षेपण किया और क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप सेपरेशन के लक्ष्य को हासिल किया, जिसका मिशन कंट्रोल सेंटर में जोरदार स्वागत किया गया।

ISRO Gaganyaan Mission (Hindi) | ऐसे बंगाल की खाड़ी में लैंड हुआ गगनयान मिशन

श्रीहरिकोटा से उड़ान भरने के बाद गगनयान ने बंगाल की खाड़ी में लैंडिंग की। उड़ान भरने के बाद सबसे पहले टेस्ट व्हीकल क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप सिस्टम को आसमान में लेकर गया और फिर 594 किमी की रफ्तार के साथ क्रू मॉड्यूम और क्रू एस्केप सिस्टम 17 किमी. की ऊंचाई पर अलग हुआ। इसके बाद पानी से ढाई किमी. की ऊंचाई पर मॉड्यूल के मुख्य पैराशूट खुलने के साथ ही इसकी लैडिंग बंगाल खाड़ी में हो गई। अब यहीं से क्रू मॉड्यूल और एस्केप सिस्टम की रिकवरी होगी। इसरो के इस परीक्षण का मकसद 2025 के लिए गगनयान मिशन को तैयार करना है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि अगर गगनयान मिशन के दौरान कोई भी गड़बड़ी होती है तो अंतरिक्ष यात्रियों को कैसे सुरक्षित बाहर निकाला जाएगा।

‘सभी प्रणालियों का प्रदर्शन असाधारण था’ – मिशन निदेशक

गगनयान मिशन लॉन्च (Gaganyaan Mission in Hindi) | मिशन के निदेशक एस. शिवकुमार कहते हैं, “यह एक अभूतपूर्व प्रयास है, जो तीन अलग-अलग प्रयोगों को एक में मिलाने के समान है। इस मिशन के माध्यम से, हमने परीक्षण वाहन, क्रू एस्केप सिस्टम और क्रू मॉड्यूल की विशेषताओं की सफलतापूर्वक जांच की है, जो हमारे इच्छित उद्देश्यों को प्रभावी ढंग से प्रदर्शित करते हैं। सभी प्रणालियों का प्रदर्शन असाधारण था, जो समर्पित प्रयासों के वर्षों के परिणाम को चिह्नित करता है। हम अपने पहले ही प्रयास में सफलता हासिल करने के लिए रोमांचित हैं।”

इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने टीवी-डी 1 मिशन की सफल उपलब्धि की घोषणा की 

इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा, ‘मुझे टीवी-डी1 मिशन की सफल उपलब्धि की घोषणा करते हुए बहुत खुशी हो रही है। इस मिशन का उद्देश्य गगनयान कार्यक्रम के लिए क्रू एस्केप सिस्टम का प्रदर्शन करना था।

गगनयान मिशन लॉन्च अपडेट: पीएम मोदी ने इसरो को दी बधाई

गगनयान मिशन लॉन्च: गगनयान टीवी-डी1 मिशन के सफल प्रक्षेपण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ‘यह प्रक्षेपण हमें भारत के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम गगनयान को साकार करने की दिशा में एक कदम और आगे ले जाता है। इसरो में हमारे वैज्ञानिकों को मेरी शुभकामनाएं।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश अंतरिक्ष सहित विभिन्न क्षेत्रों में तेजी से प्रगति कर रहा है और जल्द ही गगनयान पर अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष में भेजेंगे, अंतरिक्ष स्टेशन भारत का निर्माण करेंगे।

Gaganyaan Mission in Hindi | हाल के दिनों में क्या हैं इसरो की उपलब्धियां?

  • अगस्त में, भारत ने अपने चंद्रयान -3 मिशन में चंद्रमा पर मानव रहित अंतरिक्ष यान उतारने वाला चौथा देश बनकर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की, इस उपलब्धि में भारत रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के साथ शामिल हो गया।
  • अगले महीने, भारत ने एक सौर कक्षा जांच – आदित्य एल 1 लॉन्च की, जिसे सूर्य की सबसे बाहरी परतों का अध्ययन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो अंतरिक्ष अन्वेषण में देश की प्रगति को प्रदर्शित करता है।
  • भारत तीन दिवसीय यात्रा के लिए पृथ्वी के वायुमंडल से परे अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने के लिए एक अंतरिक्ष मिशन की योजना बना रहा है, जो भारतीय क्षेत्रीय जल में सॉफ्ट लैंडिंग के साथ सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करता है।
  • 2040 तक चंद्रमा पर एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को भेजने का एक दृष्टिकोण, भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में महत्वपूर्ण उपलब्धियों को चिह्नित करता है।

Gaganyaan Mission Launch (Hindi): टीवी-डी 1 लॉन्च मिशन के क्या हैं उद्देश्य?

टीवी-डी 1 लॉन्च के मिशन उद्देश्य उड़ान प्रदर्शन और परीक्षण वाहन उपप्रणालियों के मूल्यांकन थे; विभिन्न पृथक्करण प्रणालियों सहित क्रू एस्केप सिस्टम का उड़ान प्रदर्शन और मूल्यांकन; चालक दल मॉड्यूल विशेषताएं; और उच्च ऊंचाई पर मंदी प्रणाली प्रदर्शन और इसकी वसूली भी इसके उद्देश्य है।

क्या है गगनयान मिशन? | What is Gaganyaan Mission?

गगनयान मिशन का प्राथमिक उद्देश्य तीन दिवसीय मिशन के लिए पृथ्वी की सतह से 400 किलोमीटर ऊपर कक्षा में तीन सदस्यों के चालक दल को लॉन्च करना है, उन्हें भारतीय सागर के जल में उतरकर सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है। यह मिशन 2025 में प्रक्षेपित होने की उम्मीद है। भारतीय वायु सेना (आईएएफ) से चुने गए मिशन के लिए अंतरिक्ष यात्री वर्तमान में इसरो के विभिन्न केंद्रों में प्रशिक्षण ले रहे हैं।

इसरो के लिए टेस्ट फ्लाइट की सफलता के क्या हैं मायने?

ISRO Gaganyaan Mission [Hindi] | आज की उड़ान परीक्षण सफलता भारत के गगनयान अंतरिक्ष मिशन कार्यक्रम के तहत अंतरिक्ष में यात्रा करने वाले अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा की जांच के लिए आवश्यक आगे के परीक्षण और संचालन का मार्ग प्रशस्त करेगी। सफल परीक्षण शेष योग्यता परीक्षणों और बिना चालक दल के मिशनों के लिए मंच तैयार करेगा, जिससे पहला गगनयान कार्यक्रम होगा।

शनिवार को लॉन्च की गई इसरो परीक्षण उड़ान के पेलोड क्या हैं?

परीक्षण उड़ान में इसके पेलोड के रूप में क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप सिस्टम शामिल हैं। क्रू मॉड्यूल चालक दल के लिए अंतरिक्ष में पृथ्वी जैसे वातावरण के साथ एक रहने योग्य स्थान के रूप में कार्य करेगा। क्रू मॉड्यूल में एक दबावित धातु ‘आंतरिक संरचना’ और ‘थर्मल प्रोटेक्शन सिस्टम’ के साथ एक बिना दबाव वाली ‘बाहरी संरचना’ होती है।

सतलोक की खोज कर मनुष्य जीवन को यथार्थ करें

आज मानव चंद्रमा, मंगल और सूर्य की खोज में लगा है। यह भूल गया है कि जीव आत्मा स्वर्ग से भी सुंदर सबसे ऊपर के अमरलोक में अपने निज घर सतलोक में रहती थी। लेकिन त्रिगुणी माया के कारण पृथ्वी पर रहने वाली जीव आत्माएं भ्रमित होकर रह रही हैं। सब दुःखी व अशांत हैं। जिस सुख समृद्धि की स्थिति को हम यहां प्राप्त करना चाहते हैं ऐसी स्थिति में हम अपने निज घर सतलोक में रहते थे। 

काल ब्रह्म के इस लोक में स्व इच्छा से आकर फंस गए और निज घर का रास्ता भूल गए।  केवल सतलोक में परम शांति व नित्य सुख है। जब तक हम सतलोक में नहीं जाएंगे तब तक हम परमशांति, सुख व अमृत्व को प्राप्त नहीं कर सकते। सतलोक में जाना तभी संभव है जब हम पूर्ण संत से उपदेश लेकर पूर्ण परमात्मा की आजीवन भक्ति करते रहें जो कि आज संत रामपाल जी महाराज है। 

जहां संखों लहर मेहर की उपजैं, कहर जहां नहीं कोई।
दासगरीब अचल अविनाशी, सुख का सागर सोई।।

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