November 23, 2024

कबीर साहेब जी का सह शरीर सतलोक वापिस जाना

Published on

spot_img

कहते हैं जब धरती पर जुल्म बढ़ जाता है तो ईश्वर किसी न किसी रूप में धरती पर आता है। कबीर साहेब ही पूर्ण परमात्मा हैं इस बात की गवाही हमारे सद्ग्रन्थ भी देते हैं और कबीर साहेब इस मृतलोक में चारों युगों में आते हैं। सतयुग में वो (कबीर साहेब) सतयुग में  सत सुकरत , त्रेता में  मुनींदर द्वापर में  करुनामय नाम से आते हैं और कलयुग में अपने वास्तव नाम कबीर साहेब से आते हैं। ऐसे जब इस संसार में हाहाकार मची थी तो कबीर परमात्मा 600 वर्ष पहले सहशरीर इस मृतलोक में आये थे। कबीर परमेश्वर हमें ज्ञान देकर सहशरीर सतलोक वापिस चले गये। लेकिन क्या आपको पता है कबीर परमेश्वर का शरीर नहीं मिला था बल्कि फूल मिले थे, तो चलिए जानते हैं कबीर साहेब के सतलोक जाने के बारे में और पुनः आने के बारे में। 

हिन्दू और मुस्लिम लोगों धर्म के लोगों ने भी सविकार किया कबीर परमेश्वर का ज्ञान

लगभग 600 वर्ष पहले जब कबीर परमेश्वर इस धरती पर आये थे तो उन्होंने अपना ज्ञान सभी धर्मों के लोगों को सुनाया। उस वक्त कबीर परमेश्वर के शिष्य हिन्दू और मुस्लिम दोनों धर्मों के लोग बनने लगे थे, यहाँ तक कि बजली खाँ पठान , बीरसिंह बघेल , दिल्ली का राजा शिकंदर लोधी आदि भी कबीर साहेब के शिष्य बन गए थे। शिकंदर लोधी के साथ भी कबीर परमेश्वर ने बहुत चमत्कार किये थे और भी उस समय जिन्होंने कबीर परमेश्वर से नाम दीक्षा ली उनके साथ भी बहुत से चमत्कार हुए थे। क्यों कि कबीर परमेश्वर के शिष्य सभी धर्मों के लोग बनने लगे थे, इसीलिए उन्हें हिंदुओ के गुरु और मुस्लिमों के पीर कहा जाता था। इस विषय में धर्मदास की वाणी भी है:-

हिन्दू के तुम देव कहाये, मुसलमान के पीर।

दोनों दीन का झगड़ा छिड़ गया, टोहे न पायेष्शरीर।।

कबीर परमेश्वर जी ने सतलोक जाने से पहले बहुत से चमत्कार किये थे, बहुत सारे चमत्कार तो ऐसे थे जिन्होंने इतिहास बदल दिया। उन्हीं में से एक चमत्कार था मगहर से कबीर परमेश्वर का सतलोक जाना, तो आइए जानते हैं कबीर परमेश्वर की मगहर लीला के बारे में। 

मगहर से सतलोक जाने का ऐलान करना

Maghar Story in Hindi कबीर साहेब प्राकट्य Kabir जी काशी से मगहर क्यों गए
Maharashtra Coronavirus Lockdown Update

उस समय मगहर के बारे में उस समय के धर्म गुरुओं ने यह धारणा फैला रखी थी कि मगहर में मृत्यु हासिल करने वाला व्यक्ति नरक लोक में जाता है और काशी में मरने वाला स्वर्ग को जाता है। इसी बात का फाइदा उठाकर उस समय के पंडितों ने आम भोली भाली जनता से पैसे वसूलने शुरू कर दिये। इसीलिए कबीर परमेश्वर ने कहा था कि मैं माघशुक्ल पक्ष तिथि एकादशी विण् संवत् 1575 सन् 1518 को सहशरीर सतलोक जाऊंगा। 

■ Also Read: कबीर परमेश्वर जी का “सह-शरीर सतलोक प्रस्थान दिवस

कबीर साहेब ने काशी से मगहर के लिए प्रस्थान किया। बीर सिंह बघेल और बिजली खाँ पठान ये दोनों ही परमेश्वर कबीर जी के शिष्य थे। बीर सिंह ने अपनी सेना साथ ले ली कि कबीर साहेब वहाँ पर अपना शरीर छोड़ेंगे। इस शरीर को लेकर हम काशी में हिन्दू रीति से अंतिम संस्कार करेंगे। 

कबीर साहेब ने सुखी आमी नदी को पानी से भरना

जब कबीर साहेब मगहर गए तो बिजली खां ने कबीर साहेब से कहा कि महाराज स्नान करो, तब कबीर साहेब ने कहा कि वह चलते पानी में स्नान करेंगे। इस बात पर बिजली खां ने कहा यहाँ पास में ही आमी नदी है लेकिन वो सुखी हुई है। कबीर साहेब ने कहा कि वह जाकर देखेंगे, वहाँ जाकर कबीर साहेब हाथ से इशारा किया था कि आमी नदी पानी से भरकर चल पड़ी। 

हिन्दू मुस्लिम युद्घ को रोकना

यह तो सभी को पता है कि कबीर साहेब हिन्दू मुस्लिम दोनों धर्मों में बहुत प्रसिद् थे। हिन्दू धर्म के लोग कबीर साहेब का अपने धर्म के अनुसार संस्कार करना चाहते थे और मुस्लिम धर्म के लोग कबीर साहेब को अपने धर्म के अनुसार दफनाना चाहते थे। उस समय स्थिति ऐसी बन गई थी कि युद्घ किसी भी वक्त हो सकता था, इसीलिए कबीर साहेब ने उनको कहा कि एक चद्दर विछाओ और एक मैं नीचे  विछाऊगा। 

फिर कबीर साहेब ने पूछा यह सैना कैसे लगा रखी है, यह बात सुनकर बजली खाँ पठान और बीरसिंह बघेल ने गर्दन नीची कर ली। कबीर साहेब ने कहा मैंने तुम लोगों यही शिक्षा दी है कि एक दूसरे के साथ लड़ो? अगर कबीर साहेब उस समय कबीर साहेब अपनी कृपा न करते तो घोर युध्द हो जाता। 

कबीर साहेब का शरीर नहीं मिला

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि कबीर साहेब का शरीर नहीं मिला था अगर कुछ मिला तो वो थे सुगंधित फूल। जब कबीर साहेब ने देखा कि दोनों धर्मों ( हिन्दू, मुस्लिम ) आपस में लड़ने को तैयार हैं तो उन्होंने कहा मेरा शरीर नहीं मिलेगा, लेकिन जो कुछ भी मिलेगा आधा- आधा बांट लेना। कबीर साहेब उसके बाद माघ महीना सुकल पक्ष तिथि एकादश वि. सं 1575 सन् 1518 को  चद्दर लेकर लेट गए, कुछ समय बाद सबने देखा कबीर साहेब ऊपर सहशरीर जा रहे थे और बोल रहे थे कि देखो बच्चों में जा रहा हूँ। फिर कबीर साहेब ने कहा कि चद्दर उठा कर देखो कोई शव नहीं है जब चद्दर उठा कर देखा तो सुगंधित फूल थे। 

परमेश्वर फिर आएंगे

कबीर साहेब जब धर्मदास को मिले थे तो उन्होंने कहा था कि वो 5505 जब कलयुग बीत जाएगा तो फिर आएंगे। उस समय परमात्मा कबीर साहेब ने यह वायदा किया था कि जब वह फिर आएंगे तो अपने बच्चों को सतलोक लेकर जाएंगे। परमेश्वर कबीर साहेब अपने वायदे के अनुसार संत रामपाल जी महाराज के रूप में आ चुके हैं, उनके बताए रास्ते पर चलकर मोक्ष करवाना चाहिए।

Latest articles

National Constitution Day 2024: Know How Our Constitution Can Change Our Lives

Every year 26 November is celebrated as National Constitution Day in the country, which commemorates the adoption of the Constitution of India

National Constitution Day 2024 [Hindi]: जानें 26 नवम्बर को, संविधान दिवस मनाए जाने का कारण, महत्व तथा इतिहास

National Constitution Day 2024 : 26 नवम्बर का दिन भारतीय लोकतंत्र के लिए एक...

World Television Day 2024: Know what was Television Invented for

November 21 is observed as World Television Day every year. It is commemorated to...

20 November World Children’s Day 2024: Every Child has the Right to Know Eternal Devotion for a Better Future

Last Updated on 20 November 2024 IST: World Children's Day 2024 is observed to...
spot_img
spot_img

More like this

National Constitution Day 2024: Know How Our Constitution Can Change Our Lives

Every year 26 November is celebrated as National Constitution Day in the country, which commemorates the adoption of the Constitution of India

National Constitution Day 2024 [Hindi]: जानें 26 नवम्बर को, संविधान दिवस मनाए जाने का कारण, महत्व तथा इतिहास

National Constitution Day 2024 : 26 नवम्बर का दिन भारतीय लोकतंत्र के लिए एक...

World Television Day 2024: Know what was Television Invented for

November 21 is observed as World Television Day every year. It is commemorated to...