हरियाणा के झज्जर जिले के जर्दकपुर गांव में इस वर्ष बाढ़ ने भारी तबाही मचाई। गांव के लगभग 3000 बीघे से अधिक कृषि क्षेत्र में 6 से 7 फुट गहरा पानी भर गया था, जिसके कारण धान की फसल पूरी तरह नष्ट हो गई। खेतों में भरा यह ठहरा पानी न केवल वर्तमान फसल के लिए बल्कि आगामी रबी की फसल की बुआई के लिए भी गंभीर संकट बन गया था। कई इलाकों में 15 फुट तक पानी भरने से ग्रामीणों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे थे, घरों और गलियों में पानी घुसा हुआ था तथा गांव के आसपास की ड्रेनों के उफान ने स्थिति को और भी भयावह बना दिया। खेतों में चारों ओर पानी ही पानी दिखाई दे रहा था।
प्रशासन से राहत न मिलने पर पंचायत ने मांगी वैकल्पिक मदद
ग्रामीणों ने पहले प्रशासन से गुहार लगाई, लेकिन आवश्यक उपकरण उपलब्ध न हो पाने के कारण किसी भी प्रकार की राहत नहीं मिल सकी। ग्रामीणों के अनुसार प्रशासन से गुहार लगाकर थक चुके थे। हालात बद से बदतर होते देख जर्दकपुर पंचायत ने संत रामपाल जी महाराज द्वारा आस-पास के अन्य गांवों में चल रहे बाढ़ राहत अभियानों का संज्ञान लिया। इसके बाद गांव के सरपंच के नेतृत्व में पूरी पंचायत बरवाला पहुंची और एक औपचारिक प्रार्थना पत्र सौंपा, जिसमें 6, 10 हॉर्स पावर क्षमता की मोटरें और 3000 फुट पाइप उपलब्ध कराने की मांग की गई।
पंचायत के सभी सदस्यों ने प्रार्थना पत्र पर हस्ताक्षर करके इसे संत रामपाल जी महाराज के चरणों में समर्पित किया। सेवादारों ने यह आश्वासन दिया कि आदेश प्राप्त होते ही राहत सामग्री गांव तक पहुंचाई जाएगी।
संत रामपाल जी महाराज के आदेश पर बड़े पैमाने पर राहत सामग्री पहुंचाई गई
सेवादारों ने प्रार्थना संत रामपाल जी महाराज जी के चरणों में भेजी और उसे संत रामपाल जी ने स्वीकार कर लिया। अर्जी स्वीकार होने के महज कुछ ही दिनों में जर्दकपुर गांव में राहत सामग्री का एक विशाल काफिला पहुंचा। सेवादारों ने गांव की दुर्दशा देखकर तुरंत कार्य आरंभ किया। राहत सामग्री में शामिल थे:
- 6 मोटरें (10 HP क्षमता)
- 3000 फुट 8 इंची उच्च गुणवत्ता वाले पाइप
- स्टार्टर, केबल और मोटरों को सुचारू रूप से चलाने हेतु अन्य सभी आवश्यक उपकरण
इस सामग्री की मदद से खेतों से पानी निकालने का कार्य शुरू होना संभव हुआ, जिससे गांव की आगामी फसल और भूमि संरक्षण की उम्मीदें फिर से जीवंत हुईं।
200 से अधिक गांवों में अब तक चल चुकी है राहत सेवा
संत रामपाल जी महाराज के सेवादारों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, यह राहत अभियान अब तक 200 से अधिक बाढ़-पीड़ित गांवों में सफलतापूर्वक संचालित किया जा चुका है। संत रामपाल जी महाराज का स्पष्ट निर्देश है कि सेवा केवल दिखावे के लिए नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर वास्तविक सहायता के रूप में होनी चाहिए। इसलिए प्रत्येक गांव में अन्नपूर्णा मुहिम के तहत आवश्यकतानुसार मोटरें, पाइप, भोजन, कपड़े, चिकित्सा सहायता और आवासीय सहायता तक पहुंचाई जा रही है।
जर्दकपुर में फसल बर्बादी और भविष्य को लेकर गहरी चिंता
जर्दकपुर गांव में धान की फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है। खेतों में पानी इतने लंबे समय तक भरा रहा कि भूमि की नमी क्षमता समाप्त हो गई है और वाष्पीकरण की उम्मीद भी नगण्य रह गई है। पानी की निकासी न होने की स्थिति में रबी की फसल बो पाना असंभव हो जाता। ग्रामीणों का कहना है कि यदि राहत सामग्री समय से न मिलती, तो आने वाले महीनों में बेहद गंभीर आर्थिक संकट पैदा हो सकता था।

पंचायत और ग्रामीणों ने जताया आभार
सामग्री पहुंचने के बाद ग्राम पंचायत जर्दकपुर, गांव के बुजुर्गों और किसानों ने संत रामपाल जी महाराज का आभार व्यक्त किया। पंचायत ने आश्वासन दिया कि मोटरों और पाइपों का समुचित उपयोग किया जाएगा और निर्धारित समय के भीतर गांव से पानी की निकासी सुनिश्चित की जाएगी। जर्दकपुर पंचायत ने संत रामपाल जी महाराज के प्रति सम्मान स्वरूप एक स्मृति चिह्न भी भेंट किया, जिसे सेवादारों ने स्वीकार करते हुए इसे आश्रम में समर्पित करने का आश्वासन दिया।
राहत सामग्री के उपयोग को लेकर जारी किया गया विशेष निर्देश
संत रामपाल जी महाराज के आदेशानुसार प्रत्येक राहत प्राप्त गांव को दिशा-निर्देश भी दिया गया। इसमें कहा गया कि दी गई सामग्री का सही उपयोग बहुत आवश्यक है। यदि गांव निर्धारित समय में पानी निकासी नहीं कर पाता और फसल की बुआई प्रभावित होती है, तो भविष्य में उस गांव को किसी भी आपदा में सहायता प्रदान नहीं की जाएगी।
संगत को यह विश्वास दिलाने के लिए कि दान का पूर्ण रूप से सदुपयोग हो रहा है, गांव की वर्तमान स्थिति, पानी निकासी के बाद की स्थिति और फसल लहलहाने के समय की तीन अलग-अलग वीडियो तैयार की जाएंगी, जिन्हें सभी आश्रमों में प्रदर्शित किया जाएगा।
सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं के सहयोग की आवश्यकता पर जोर
राहत सामग्री देने वाले सेवादारों ने संत रामपाल जी महाराज का प्रार्थना पत्र पढ़कर सुनाया जिसमें कहा गया कि प्राकृतिक आपदाओं के समय सरकार अपनी क्षमता अनुसार कार्य करती है, लेकिन अक्सर यह पर्याप्त नहीं होता। ऐसे हालात में धार्मिक संस्थाओं, सामाजिक संगठनों और अन्य स्वयंसेवी समूहों को आगे आकर समाज की मदद करनी चाहिए। जहाँ एक ओर कई कथावाचक चंदा और दान का निजी उपयोग कर लेते हैं, वहीं संत रामपाल जी महाराज दान का प्रत्येक अंश जनता की सेवा और परमार्थ के कार्यों में लगाते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी ने अपना सर्वस्व समाज हित में न्यौछावर कर दिया है।
संत रामपाल जी महाराज की दया से गांव में लौट रही है उम्मीद
ग्रामीणों ने माना कि किसानों के लिए बाढ़ राहत से बड़ा कोई पुण्य नहीं हो सकता। किसान और मजदूर समाज की रीढ़ हैं; उनकी फसल और आय ही समाज के बाकी वर्गों का आधार है। इस मुहिम को ग्रामीणों ने ‘जीवनदान’ बताया। कई किसानों ने कहा कि यह सहायता उनकी पूरी पीढ़ियों के लिए एक स्थायी समाधान प्रदान करेगी, क्योंकि मोटरें और पाइप जमीन में दबाकर भविष्य में भी बारिश के दौरान पानी निकासी में उपयोग किए जा सकेंगे। जर्दकपुर में सदा सदा के लिए यह समस्या ख़त्म हो गई है।
राहत सामग्री के पहुंचने के बाद ग्रामीणों में नई ऊर्जा और उम्मीद जागी है। आने वाले दिनों में पानी निकासी पूरी होते ही खेत बुआई योग्य हो जाएंगे और गांव अपनी पुरानी लय में लौट सकेगा। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि वे आगे भी आवश्यकता पड़ने पर संत रामपाल जी महाराज के पास जाकर आवश्यक सामग्री के लिए प्रार्थना करेंगे।
संत रामपाल जी महाराज हैं तारणहार
एक जर्दकपुर गांव ही नहीं बल्कि संत रामपाल जी महाराज जी ने अन्नपूर्णा मुहिम के तहत अनेकों गाँवों को जीवनदान दिया है। जब अन्नदाता हताश हुए उन्होंने संत रामपाल जी महाराज जी के चरणों में प्रार्थना लागाई और उन्होंने अविलंब सब स्वीकार किया। संत रामपाल जी महाराज जी ने सभी को जो माँगा जितना माँगा उतना प्रदान किया। संत रामपाल जी महाराज ने जो किया है वह आज तक कोई नहीं कर पाया। संत रामपाल जी महाराज पहले ऐसे संत हैं जिन्होंने भक्ति के द्वार धन, संप्रदाय, जाति आदि से परे सबके लिए खोले हैं। संत रामपाल जी महाराज जी की बताई भक्ति के अनुसार लोगों को असंख्य लाभ हुए हैं।
समाज में अद्भुत सुधार कार्य हुए हैं। बेटियाँ बोझ नहीं रहीं क्योंकि संत रामपाल जी ने ही अवगत करवाया कि कैसे कर्मबंधन व्यक्ति की आत्मा को कई जन्मों तक प्रभावित करते हैं। संत रामपाल जी महाराज ने दहेज और नशा को समाप्त किया है। एक नए समाज की स्थापना संत रामपाल जी महाराज जी ने की है जहाँ माया की अंधी दौड़ नहीं है बल्कि प्रेम, भाईचारा, सदाचार और सत्यभक्ति है। पूरा विश्व संत रामपाल जी महाराज का सदैव ऋणी रहेगा।



