बरवाला तहसील, जिला हिसार के ब्याणा खेड़ा गांव ने अपने जीवन का सबसे कठिन समय देखा, जब उफनती बाढ़ ने घरों को डुबो दिया और किसानों की खड़ी फसलें नष्ट कर दीं। किसान असहाय होकर अपनी मेहनत और जीवनयापन को बहते हुए देखते रहे। ऐसे निराशा भरे समय में, जब मदद नदारद रही, जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज आशा की किरण बनकर सामने आए।
केवल 24 घंटे के भीतर, संत रामपाल जी महाराज ने ग्राम पंचायत व सरपंच द्वारा मांगी गई राहत सामग्री ब्याणा खेड़ा गांव तक पहुँचाई।

मदद की पुकार
जब बाढ़ ने गांव को घेर लिया तो ग्रामीणों के पास बाहरी सहयोग मांगने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। ग्राम पंचायत ने संत रामपाल जी महाराज को प्रार्थना पत्र लिखकर निम्नलिखित सहायता मांगी —
- 4 मोटर (प्रत्येक 15 HP)
- 15,400 फीट पाइप (8 इंच, लगभग 70 एकड़ के लिए)
- लगभग 8,000 फीट तार और केबल
यह अनुरोध संत रामपाल जी महाराज तक पहुँचते ही, उनके आदेश पर सेवादारों ने पूरी सामग्री — मोटर, पाइप और तार — 24 घंटे के अंदर गांव पहुंचा दी, जिससे तुरंत पानी की निकासी का कार्य शुरू हो सका।
हरियाणा में व्यापक राहत कार्य
ब्याणा खेड़ा अकेला नहीं था। हरियाणा के कई गांवों में संत रामपाल जी महाराज ने बड़े पैमाने पर राहत कार्य कराया। विभिन्न गांवों में मोटर, सबमर्सिबल पंप, तार और हजारों फीट पाइप पहुंचाए गए।
गांव | पाइप सप्लाई | मोटर सप्लाई | अतिरिक्त सहायता |
सिंधर | 20,000 फीट (8 इंच) | 4 × 15 HP | 1,500 फीट तार |
बिथमड़ा | 40,000 फीट (10” & 8”) | 6 × 20 HP | 1,000 फीट तार |
ज्ञानपुरा | 20,000 फीट (8 इंच) | 5 × 20 HP | – |
सुरेवाला | 9,000 फीट (8 इंच) | 2 × 20 HP | 500 फीट तार |
नेहला (फतेहाबाद) | 15,400 फीट (8 इंच) | 1 × 15 HP, 1 × 20 HP | 600 फीट तार + 2 सबमर्सिबल पंप |
खानपुर (हिसार) | 12,000 फीट (8 इंच) | 5 × 15 HP | – |
सरसोद (हिसार) | 3,500 फीट (8 इंच) | 4 × 20 HP | – |
खेदड़ (हिसार) | 44,000 फीट (8 इंच) | 5 × 15 HP | – |
ढाणी प्रेमनगर (हिसार) | 4,500 फीट (8 इंच) | 1 × 10 HP | – |
इसके साथ ही इलेक्ट्रिकल स्टार्टर पैनल और सभी आवश्यक फिटिंग्स भी भेजी गईं। यह अभियान किसानों की फसलें बचाने और बाढ़ से प्रभावित परिवारों को राहत देने के लिए तत्काल प्रभाव से संत रामपाल जी महाराज द्वारा भेजी गई है।
हरियाणा से भी आगे – राष्ट्रीय स्तर पर चल रही है सेवा
सिर्फ हरियाणा ही नहीं, बल्कि पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर जैसे बाढ़ प्रभावित राज्यों में भी संत रामपाल जी महाराज भोजन व आवश्यक सामग्री भेज रहे हैं।
पानी निकासी के उपकरण से लेकर खाद्यान्न तक — उनका राहत मिशन सामाजिक कल्याण, आपदा प्रबंधन और सामुदायिक सहयोग का आदर्श उदाहरण है।
ब्याणा खेड़ा में मंगलाचरण से हुई सेवा प्रारंभ
ब्याणा खेड़ा में राहत अभियान संत रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन में मंगलाचरण के साथ आरंभ हुआ। एक दिन पहले ग्राम पंचायत ने अपनी आपात जरूरतें रखीं थीं और अगले ही दिन ट्रकों में आवश्यक सामग्री गांव पहुंच गई। लगातार जारी इस अभियान ने साबित किया कि यह कार्य केवल मानवीय मदद ही नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक सेवा भी है।
नेताओं के विचार
गांव के लोग और प्रतिनिधि गहरी कृतज्ञता व्यक्त कर रहे हैं। सरपंच ने पुष्टि की कि राहत सामग्री अपेक्षा से कहीं पहले पहुँची।
स्थानीय विधायक नरेश सेलवाल ने कहा —
“संत जी का धन्यवाद करता हूं रामपाल महाराज जी का वो जेल में बैठे बेचारे परंतु मैं जिस भी गांव में गया मैं आज बिठमड़ा में गया लतानी गया बधावड़ के साथियों ने मुझे बताया ब्याणा खेड़ा ने बताया ज्ञानपुरा बनभोरी के साथियों ने बताया हर गांव में संत रामपाल महाराज जी ने पाइप मोटर देने का काम किया जो सरकार नहीं दे पाई वो काम संत रामपाल महाराज जी ने किया मैं उनका धन्यवाद सरकार से ज्यादा जिम्मेवारी कही बिलकुल सरकार अपनी जिम्मेवारी से भाग गई और संत रामपाल महाराज जी ने उस काम को करके दिखाया।”
यह कथन संत रामपाल जी महाराज की बढ़ती विश्वसनीयता को उजागर करता है।
जवाबदेही और पारदर्शिता
संत रामपाल जी महाराज ने राहत सामग्री भेजने के साथ ग्राम पंचायत को निर्देश भी दिए कि पाइप, मोटर और तार का उपयोग सही ढंग से हो और समय पर पानी निकाला जाए, अन्यथा अगली बार मदद नहीं मिलेगी।
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उन्होंने पारदर्शिता के लिए यह भी कहा कि ड्रोन से तीन बार वीडियो बनाए जाएं — बाढ़ के समय, पानी निकलने के बाद और फसल उगने पर — ताकि सेवा का सही उपयोग प्रमाणित हो सके। इसपर सरपंच साहब ने सहमति जताई और यह विश्वास दिलाया कि बिल्कुल ऐसा ही होगा और फसल लहराएंगी।
मानवीय सेवा में आध्यात्मिक संदेश
संत रामपाल जी महाराज के लिए बाढ़ राहत केवल उपकरण और भोजन नहीं, बल्कि मानवता की सेवा है। उनका संदेश है—
- व्यक्ति की सच्ची पहचान दूसरों की मदद से होती है।
- सामूहिक सेवा से विश्वास, जिम्मेदारी और सामाजिक एकता बढ़ती है।
- लोककल्याण – केवल सामाजिक कर्तव्य ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक कर्तव्य भी है।
निष्कर्ष: संत रामपाल जी महाराज ने किया अद्भुत सहयोग
हिसार का ब्याणा खेड़ा गांव बाढ़ से तबाह हो सकता था, लेकिन संत रामपाल जी महाराज के समय रहते कदमों ने निराशा को आशा में बदल दिया। पाइपलाइन, मोटर और खाद्यान्न पहुंचाकर उन्होंने साबित कर दिया कि सच्चा संत वही है जो मानवता की निस्वार्थ सेवा करे। संत रामपाल जी महाराज का यह कार्य दिखाता है कि जब आध्यात्मिकता और सेवा एक साथ चलें, तो पूरी समुदाय आपदा से उभर सकता है।