हरियाणा के हिसार जिले का भैणी बादशाहपुर गांव कुछ ही दिन पहले तक बाढ़ की विभीषिका से जूझ रहा था। खेतों में खड़ी फसलें डूब गई थीं, गलियों में पानी भरा था और स्कूल व डिस्पेंसरी भी जलमग्न हो चुके थे। बच्चों की पढ़ाई ठप हो गई, ग्रामीण बीमारियों के खतरे से डरे हुए थे और पशुओं के लिए चारे का भी संकट खड़ा हो गया था। प्रशासन से मदद की उम्मीदें पूरी तरह टूट चुकी थीं।
पंचायत की पुकार और संत महाराज के चरणों में प्रार्थना
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए गांव के सरपंच निहाल सिंह और पूरी पंचायत ने एकमत होकर संत रामपाल जी महाराज से मदद लेने का निर्णय किया। वे बरवाला स्थित आश्रम पहुंचे और प्रार्थना पत्र सौंपा, जिसमें:
- दो 10 एचपी की मोटरें
- 10,000 फीट पाइप और
- 200 फुट तार की मांग की गई
चमत्कारिक त्वरित मदद
जहां सरकारी विभागों में हफ्तों और महीनों लग जाते हैं, वहीं संत रामपाल जी महाराज की दया से मात्र दो दिनों में ही राहत सामग्री गांव में पहुंच गई। ट्रकों और ट्रैक्टरों के काफिले में न केवल पाइप और मोटरें आईं बल्कि तार, स्टार्टर, नट-बोल्ट, फेविकॉल जैसी हर छोटी-बड़ी चीज भी भेजी गई। महाराज जी ने स्पष्ट आदेश दिया था: “क्वालिटी से कोई समझौता नहीं होगा। नंबर-वन क्वालिटी का सामान ही गांव में जाएगा।”

ग्रामीणों की भावनाएँ और गवाही
गांव के सरपंच निहाल सिंह ने भावुक होकर कहा:
“प्रशासन से बहुत गुहार लगाई पर कहीं से मदद नहीं मिली। लेकिन संत रामपाल जी महाराज ने हमारी आवाज़ सुनी और इतनी तेज़ी से मदद की, जिसकी हमने कल्पना भी नहीं की थी। हम उनके चरणों में कोटि-कोटि नमन करते हैं।”
जिला पार्षद कमल सिंह ने बताया:
“मैंने अधिकारियों से फोन कर-करके और मीटिंग करके थक चुका था। तीन दिन में जो कार्य संत रामपाल जी महाराज ने कर दिया, वह प्रशासन महीनों में भी नहीं कर पाया।”
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ग्रामीण प्रदीप सारण ने अपनी आंखों से मदद देखी और कहा:
“पहले सुनते थे, आज आंखों से देख भी लिया। यह मदद केवल भगवान ही कर सकते हैं। संत रामपाल जी महाराज सचमुच हमारे लिए भगवान का रूप हैं।”
व्यापक पैमाने पर राहत
सिर्फ भैणी बादशाहपुर ही नहीं, बल्कि आसपास के कई बाढ़ प्रभावित गांवों में भी संत रामपाल जी महाराज ने राहत सामग्री भेजी। ग्राम पंचायतों के प्रार्थना पत्र आते ही आदेश दिए जाते और 24 घंटे के भीतर ट्रक-ट्रैक्टर भरकर सामग्री पहुंचा दी जाती। इस पारदर्शी व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए हर गांव का ड्रोन सर्वे भी कराया गया ताकि संगत को पता चले कि उनका दान सही दिशा में इस्तेमाल हो रहा है।
विशेष अनुशासन और आदेश
संत रामपाल जी महाराज ने स्पष्ट कहा कि राहत सामग्री का सही उपयोग होना चाहिए। यदि निर्धारित समय में पानी नहीं निकाला गया और फसल की बिजाई न हुई तो भविष्य में मदद नहीं दी जाएगी। यह सख्ती न केवल ज़िम्मेदारी का भाव जगाती है बल्कि ग्रामीणों को प्रेरित करती है कि वे भी सक्रिय होकर बाढ़ से निजात पाएं।
ग्राम पंचायत का आभार और सम्मान
गांव की पंचायत और ग्रामीणों ने मिलकर संत रामपाल जी महाराज की तस्वीर फ्रेम कर पंचायत भवन में स्थापित की और भक्तों को भेंट की। यह सम्मान केवल औपचारिकता नहीं था, बल्कि उनके दिलों से निकली कृतज्ञता का प्रतीक था।
मदद से लौटी उम्मीद
गांव में पाइप बिछाए जाने लगे, मोटरें चल पड़ीं और पानी बाहर निकलने लगा। किसानों के चेहरों पर उम्मीद लौट आई कि अब वे गेहूं की फसल बो पाएंगे। जिनके घर पानी में डूब गए थे, उन्हें भी राहत की सांस मिली। ग्रामीणों का कहना था कि इस संकट की घड़ी में कोई दूसरा सहारा नहीं था, केवल संत रामपाल जी महाराज ही जीवनदाता बनकर सामने आए।
भावुक शब्दों में कृतज्ञता
एक वृद्ध ग्रामीण हरीश जी ने कहा:
“एमएलए और अधिकारी वोट लेने आते हैं लेकिन मुसीबत में कोई पास नहीं आया। संत रामपाल जी महाराज ने जात-पात, धर्म कुछ नहीं देखा — बस इंसानियत देखी। हम जिंदगी भर यह उपकार नहीं भूल पाएंगे।”
एक अन्य ग्रामीण ने कहा:
“हमारे 10 से 12 मकान पानी में ध्वस्त हो गए। पशुओं के लिए चारा तक नहीं बचा था। लेकिन जब मदद मिली तो लगा कि अंधेरे में जैसे किसी ने दीपक जला दिया हो। सच में यह चमत्कार है।”
मानवता की मिसाल
यह केवल पाइप और मोटरों की मदद नहीं थी, बल्कि यह ग्रामीणों को जीवनदान देने वाली मुहिम थी। संत रामपाल जी महाराज ने यह साबित कर दिया कि जब प्रशासन असफल हो जाए, राजनीति किनारा कर ले, तब भी सच्चा संत जन-जन के साथ खड़ा होता है।
भैणी बादशाहपुर के लोगों की जुबान पर आज सिर्फ एक ही वाक्य है: “संत रामपाल जी महाराज जन-जन के मसीहा हैं, जिन्होंने बाढ़ पीड़ितों को नया जीवन और नई उम्मीद दी।”
भैणी बादशाहपुर गांव बाढ़ की चपेट में से जुड़े FAQs
Q1. भैणी बादशाहपुर गांव किस समस्या से जूझ रहा था?
Ans: हरियाणा के हिसार जिले का भैणी बादशाहपुर गांव बाढ़ से प्रभावित था। खेतों की फसलें डूब गई थीं, घर जलमग्न थे और ग्रामीणों को बीमारियों व पशुओं के चारे की भारी समस्या का सामना करना पड़ा।
Q2. संत रामपाल जी महाराज से किस प्रकार की मदद मांगी गई थी?
Ans: ग्राम पंचायत ने संत रामपाल जी महाराज से दो 10 एचपी मोटरें, 10,000 फीट पाइप और 200 फीट तार की मदद मांगी थी ताकि पानी निकाला जा सके।
Q3. संत रामपाल जी महाराज ने कितनी जल्दी राहत सामग्री भेजी?
Ans: मात्र दो दिनों में ही ट्रकों और ट्रैक्टरों के काफिले के साथ मोटरें, पाइप और अन्य आवश्यक उपकरण गांव में भेज दिए गए।
Q4. ग्रामीणों ने संत रामपाल जी महाराज की मदद को कैसे देखा?
Ans: ग्रामीणों ने इसे चमत्कारिक मदद बताया। कई लोगों ने कहा कि यह कार्य केवल भगवान ही कर सकते हैं और संत रामपाल जी महाराज ने सचमुच जीवनदाता बनकर उन्हें नई उम्मीद दी।
Q5. इस बाढ़ राहत कार्य की सबसे बड़ी विशेषता क्या रही?
Ans: इस राहत कार्य की सबसे बड़ी विशेषता पारदर्शिता और अनुशासन रहा। हर गांव का ड्रोन सर्वे कराया गया और संत रामपाल जी महाराज ने आदेश दिया कि केवल नंबर-वन क्वालिटी का सामान ही भेजा जाएगा।