December 14, 2025

बाढ़मुक्त हुए छान गांव ने भगवान स्तर के कार्य देख माना संत रामपाल जी महाराज को परमात्मा का सच्चा स्वरूप

Published on

spot_img

जब हरियाणा के हिसार जिले के छान गांव में करीब 300 से 400 एकड़ कृषि भूमि बाढ़ के पानी में डूब गई, तो हालात बेहद भयावह हो गए। खेतों में खड़ी फसलें 4–5 फीट पानी में सड़ चुकी थीं। किसानों के सामने सबसे बड़ी चिंता यह थी कि वे अगली गेहूं की फसल कैसे बो पाएंगे। उन्होंने सरकारी दफ्तरों और स्थानीय अधिकारियों से बार-बार गुहार लगाई, पर कहीं से भी कोई मदद नहीं मिली।

इसी निराशा के समय में गांववालों को पता चला कि जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के नेतृत्व में चल रहे अन्नपूर्णा मुहिम के तहत बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य चल रहे हैं। इस मुहिम के तहत पहले ही हरियाणा, पंजाब और आसपास के कई राज्यों में मदद पहुंचाई गई है। आखिरी आस के रूप में छान गांव की पूरी पंचायत, सरपंच के नेतृत्व में, बरवाला, उनके ट्रस्ट के ऑफिस पहुंची और संत रामपाल जी महाराज से मदद की अपील की।

संत रामपाल जी महाराज की करुणा भरी प्रतिक्रिया

गांववालों ने लिखित रूप में विनम्र निवेदन किया कि उन्हें 8 इंच की 6000 फीट लंबी पाइपें और 20 हॉर्सपावर की मोटर की आवश्यकता है ताकि खेतों में जमा पानी निकाला जा सके। आश्चर्य की बात यह रही कि कुछ ही दिनों में संत रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन में एक बड़ा राहत काफिला छान गांव पहुंचा — जिसमें सभी आवश्यक सामग्री मौजूद थी।

संत जी के निर्देशन में किसानों की हर जरूरत पूरी की गई, जिसमें शामिल थे:

  • 8 इंच की 6000 फीट उच्च गुणवत्ता वाली पाइपें
  • एक 20 हॉर्सपावर हेवी-ड्यूटी मोटर
  • सभी विद्युत उपकरण — स्टार्टर, केबल, फिटिंग्स आदि
  • पाइप जोड़ने की सभी सामग्री जैसे एडहेसिव और कनेक्टर

संत रामपाल जी महाराज ने सुनिश्चित किया कि ग्रामीणों को एक भी चीज बाहर से खरीदनी न पड़े — यह निष्काम सेवा का अद्भुत उदाहरण था।

छान गांव के किसानों के लिए एक चमत्कार

जिन किसानों की सारी उम्मीदें खत्म हो चुकी थीं, उनके लिए यह सहायता किसी चमत्कार से कम नहीं थी। जैसे ही मोटर की गड़गड़ाहट के साथ पानी खेतों से बहना शुरू हुआ, गांव के लोगों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। एक किसान का मानना था कि — ‘हमने हर दरवाजा खटखटाया, पर किसी ने नहीं सुनी।’ गांव वालो ने महसूस किया कि संत रामपाल जी महाराज ने सिर्फ उनकी समस्या को सुना ही नहीं, बल्कि जवाब भी दिया।

इस समय पर मिली मदद से सैकड़ों एकड़ जमीन फिर से खेती योग्य बन गई और अगली फसल बोने की उम्मीद लौट आई। गांववालों ने मानना है कि — ‘संत रामपाल जी महाराज केवल एक संत नहीं, बल्कि गरीबों के सच्चे उद्धारकर्ता हैं।’

अन्नपूर्णा मुहिम — 200 से अधिक गांवों में राहत पहुंचाने वाला अभियान

छान गांव की यह राहत केवल एक उदाहरण है। संत रामपाल जी महाराज द्वारा प्रारंभ की गई अन्नपूर्णा मुहिम के तहत अब तक 200 से अधिक बाढ़ग्रस्त गांवों में राहत पहुंच चुकी है और यह मुहिम अभी भी जारी है। हर अभियान बारीकी से योजनाबद्ध और समय पर पूरा किया जाता है ताकि जरूरतमंदों तक सहायता बिना देरी पहुंचे।

इस मुहिम का मूल सिद्धांत है — ‘प्रचार के लिए नहीं, मानवता की सेवा के लिए कार्य करो।’ प्रत्येक दान और सहयोग जनता के कल्याण में लगाया जाता है, जो संत रामपाल जी महाराज द्वारा दी गई सच्चे अध्यात्म की शिक्षा को दर्शाता है — कि पूर्ण संत के सही मार्गदर्शन से बुरा से बुरा व्यक्ति भी निस्वार्थ सेवा को परम कर्तव्य मान कर समाज को बदलने में अहम योगदान दे सकता है।

जवाबदेही और पारदर्शिता — अन्नपूर्णा मुहिम की पहचान

संत रामपाल जी महाराज सदैव इस बात पर जोर देते हैं कि राहत सामग्री का उपयोग ईमानदारी और जिम्मेदारी से हो। छान गांव को भेजी गई सामग्री के साथ एक निवेदन पत्र भी दिया गया जिसमें लिखा था कि यदि सामग्री का सही उपयोग नहीं हुआ तो भविष्य में सहायता नहीं दी जाएगी।

Also Read: संत रामपाल जी महाराज की ‘अन्नपूर्णा मुहिम’ का चमत्कार: हिसार के शाहपुर गाँव को माँग से भी अधिक सहायता, किसानों के लिए ‘जीवनदान’

साथ ही यह भी निर्देश दिया गया कि ड्रोन वीडियो तीन चरणों में बनाए जाएं

  1. पानी निकालने से पहले,
  2. पानी निकलने के बाद,
  3. और नई फसल लहराने के बाद।

ये वीडियो सभी सतलोक आश्रमों में प्रदर्शित किए जाएंगे ताकि दानदाताओं को दिखाया जा सके कि उनका दान सही तरीके से मानवता की सेवा में प्रयोग हुआ है। पंचायत ने इन सभी शर्तों को सहमति दी और विश्वास दिलाया कि अगली बिजाई के बाद फसल लहराती हुई दिखेगी।

यह अनुशासित और पारदर्शी प्रणाली संत रामपाल जी महाराज के आध्यात्मिक सिद्धांतों को लोगो के लिए एक उदाहरण बनाती है। स्वयं किसान परिवार से आने वाले संत जी किसानों की पीड़ा को भलीभांति समझते हैं।

भविष्य के लिए स्थायी समाधान

अन्नपूर्णा मुहिम के तहत दी गई राहत सामग्री केवल अस्थायी नहीं बल्कि स्थायी ढांचे का निर्माण है। गांववालों को निर्देश दिया गया कि पाइपों को स्थायी रूप से भूमिगत कर लिया जाए ताकि भविष्य में बाढ़ या बारिश की स्थिति में आसानी से पानी निकाला जा सके। यह राहत अब गांव के लिए एक दीर्घकालिक संपत्ति बन गई है।

यह पहल संत रामपाल जी महाराज के दूरदर्शी दृष्टिकोण को दर्शाती है — जो तत्काल राहत को दीर्घकालिक सशक्तिकरण में बदल देती है। अब संत रामपाल जी महाराज की असीम दया से किसानों के पास उपकरण भी हैं और आत्मविश्वास भी ताकि वे भविष्य की चुनौतियों से डटकर मुकाबला कर सके।

छान गांव में उठी खुशी की लहर

गांव का हर निवासी भावुक होकर धन्यवाद व्यक्त कर रहा था। किसी ने कहा — “हम कई बार प्रशासन के पास गए, मगर कोई सुनवाई नहीं हुई।” गांववालो का मानना था कि सरकार ने नहीं सुना, पर संत रामपाल जी महाराज ने हमारी पुकार सुन ली। उन्होंने हमें नई जिंदगी दी।

गांव में प्रसन्नता का माहौल था। सभी ने संत रामपाल जी महाराज द्वारा पहुंचाई गई राहत पर खुशी जताई और माना कि संत रामपाल जी महाराज ने केवल मदद नहीं दी, बल्कि मानवता और परमात्मा कबीर साहेब पर विश्वास को पुनर्जीवित कर दिया।

मानवता को पुनर्जीवित करने वाले संत

अन्नपूर्णा मुहिम के माध्यम से संत रामपाल जी महाराज ने सिद्ध किया है कि सच्ची आध्यात्मिक शिक्षा वही है जो जरूरतमंद की सेवा में काम आए। यह वही सत्य है जिसे परमात्मा कबीर साहेब ने भी लगभग 600 वर्ष पूर्व इस धरातल पर प्रकट होकर अपनी लीला के माध्यम से दर्शाया था। उन्होंने लाखों लोगों को अनगिनत सुख दिए थे।

200 से अधिक गांवों में किसानों की सहायता कर, संत रामपाल जी महाराज जी ने भी बिल्कुल कबीर साहेब की तरह समाज के लिए एक दिव्य उदाहरण प्रस्तुत किया है। मानो कबीर साहेब स्वयं संत रामपाल जी महाराज के रूप में इस महान सेवा के कार्य को कर रहे हो।

आज जब संकटों में लोग अकेले पड़ जाते हैं, तब केवल एक सच्चे संत ही होते हैं जो दुख को समझकर वास्तविक मदद करते हैं। छान गांव की बाढ़ राहत कहानी इसका जीवंत प्रमाण है — कि संत रामपाल जी महाराज केवल एक आध्यात्मिक गुरु नहीं, बल्कि मानवता के उद्धारकर्ता हैं, जो सच्चे ज्ञान, करुणा और कर्म के माध्यम से संसार को नई दिशा दिखा रहे हैं।

Latest articles

बाढ़ से तबाह पटवापुर गांव में संत रामपाल जी महाराज की करुणा से लौटी नई उम्मीद

रोहतक जिले के पटवापुर गांव में आई बाढ़ ने किसानों की जिंदगी पलट कर...

संत रामपाल जी महाराज की कृपा से दिल्ली के कंझावला गाँव के किसानों को मिली लाखों की राहत

नई दिल्ली/कंझावला: दिल्ली के नॉर्थ वेस्ट जिले के कंझावला गांव के किसानों को बेमौसम...

Vijay Diwas 2025: History and Significance of the Bangladesh Liberation War 1971

Last Updated on 12 December 2025 IST: Swarnim Vijay Diwas: The nation unites together...

सरकारी मदद से निराश  हरियाणा के बरसी जाटान को संत रामपाल जी महाराज ने दिया ‘जीवनदान’

हरियाणा के भिवानी जिले के बरसी जाटान गांव की कहानी सिर्फ बाढ़ में डूबे...
spot_img

More like this

बाढ़ से तबाह पटवापुर गांव में संत रामपाल जी महाराज की करुणा से लौटी नई उम्मीद

रोहतक जिले के पटवापुर गांव में आई बाढ़ ने किसानों की जिंदगी पलट कर...

संत रामपाल जी महाराज की कृपा से दिल्ली के कंझावला गाँव के किसानों को मिली लाखों की राहत

नई दिल्ली/कंझावला: दिल्ली के नॉर्थ वेस्ट जिले के कंझावला गांव के किसानों को बेमौसम...

Vijay Diwas 2025: History and Significance of the Bangladesh Liberation War 1971

Last Updated on 12 December 2025 IST: Swarnim Vijay Diwas: The nation unites together...