कबीर निर्वाण दिवस और संत रामपाल जी बोध दिवस के शुभ अवसर पर संत रामपाल जी महाराज के हजारों शिष्यों ने भारत के विभिन्न सतलोक आश्रमों में मानवता के लिए अपना रक्त दान किया। 17 फरवरी से 20 फरवरी 2024 को भारत के सभी सतलोक आश्रमों में रक्तदान शिविरों का आयोजन किया गया था, उस दिन को चिह्नित करने के लिए जब कबीर परमेश्वर सहशरीर सतलोक गए थे और जिस दिन संत रामपाल जी महाराज ने अपने गुरु स्वामी रामदेवानंद जी से पूर्ण परमात्मा का सच्चा ज्ञान प्राप्त किया था।
मुख्य बिंदु
- रक्तदान शिविरों का आयोजन: 17 फरवरी से 20 फरवरी 2024 तक आयोजित समागम में संत रामपाल जी महाराज के सभी सतलोक आश्रमों में रक्तदान शिविर आयोजित किए गए।
- भक्तों की भारी भागीदारी: भक्तों ने मानवता की सेवा के लिए अपना रक्त दान करने में उत्साह दिखाया।
- रक्तदान की मात्रा: विभिन्न आश्रमों में रक्तदान की गई मात्रा इस प्रकार है:
- सतलोक आश्रम भिवानी: 400 यूनिट
- सतलोक आश्रम सोजत: 157 यूनिट
- सतलोक आश्रम धनाना: 301 यूनिट
- सतलोक आश्रम शामली: 184 यूनिट
- सतलोक आश्रम कुरुक्षेत्र: 250 यूनिट
- सतलोक आश्रम खमाणों: 225 यूनिट
- सतलोक आश्रम बैतूल: 432 यूनिट
- रक्त का उपयोग: एकत्रित रक्त को जरूरतमंद मरीजों के लाभ के लिए स्थानीय ब्लड बैंकों और अस्पतालों को सौंप दिया गया।
- शिविर में व्यवस्था: शिविर में स्वच्छता और अन्य व्यवस्थाओं का विशेष ध्यान रखा गया।
सतलोक आश्रमों में हुआ भारी मात्रा में रक्तदान
रक्तदान शिविरों में भक्तों की भारी भीड़ देखी गई जो एक नेक काम के लिए अपना रक्त दान करने के लिए आगे आए। सतलोक आश्रम भिवानी में 400 यूनिट रक्तदान किया गया। सतलोक आश्रम सोजत में 157 शिष्यों ने किया रक्तदान। वही सतलोक आश्रम धनाना में 301 यूनिट, सतलोक आश्रम शामली में 184 यूनिट , सतलोक आश्रम कुरूक्षेत्र में 250 यूनिट, सतलोक आश्रम खमाणों में संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों द्वारा 225 यूनिट और सतलोक आश्रम बैतूल में 432 यूनिट रक्तदान किया गया। इन शिविरों में एकत्रित रक्त को जरूरतमंद मरीजों के लाभ के लिए स्थानीय ब्लड बैंकों और अस्पतालों को सौंप दिया गया।
■ Read in English: Blood Donation Drive by Devotees of Saint Rampal Ji Maharaj at Satlok Ashrams
सतलोक आश्रमों में रक्तदान | कौन हैं संत रामपाल जी महाराज?
जिस तत्वज्ञान के विषय में नास्त्रेदेमस ने अपनी भविष्यवाणी में उल्लेख किया है कि उस विश्व विजेता संत के द्वारा बताए शास्त्र प्रमाणित तत्व ज्ञान के सामने पूर्व के सर्व संत निष्प्रभ (असफल) हो जाएंगे तथा सर्व को नम्र होकर झुकना पड़ेगा। उसी के विषय में परमेश्वर कबीर बन्दी छोड़ जी ने अपनी अमृत वाणी में पवित्र ‘कबीर सागर‘ ग्रंथ में (जो संत धर्मदास जी द्वारा लगभग 550 वर्ष पूर्व लिपिबद्ध किया गया है) कहा है कि एक समय आएगा जब पूरे विश्व में मेरा ही ज्ञान चलेगा। पूरा विश्व शांति पूर्वक भक्ति करेगा। आपस में विशेष प्रेम होगा, सतयुग जैसा समय (स्वर्ण युग) होगा। वर्तमान में परमेश्वर कबीर बन्दी छोड़ द्वारा बताए ज्ञान को संत रामपाल जी महाराज ने समझा और समझाया है।
ऐसे ही महान आध्यात्मिक एवं समाज सुधारक बंदीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज के दिव्य विचार हैं, जिन्होंने अपने शिष्यों के मन में मानवतावादी विचारों के बीज बोए हैं। समय-समय पर भारत के विभिन्न राज्यों में रक्तदान शिविर आयोजित किये जाते हैं और संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी उनमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। सतलोक आश्रम द्वारा आयोजित रक्तदान शिविरों ने समाज के लिए निस्वार्थ सेवा और करुणा की मिसाल कायम की है। उन्होंने कबीर परमेश्वर निर्वाण दिवस और संत रामपाल जी बोध दिवस की सच्ची भावना का भी प्रदर्शन किया है, जिसका उद्देश्य सभी के बीच प्रेम, शांति और सद्भाव का संदेश फैलाना है।
कैसे कृतार्थ करें मनुष्य जीवन?
मनुष्य ने अज्ञानतावस धर्म, मज़हब और जाति की दीवार खड़ी कर दी है। आज सन्त रामपाल जी तत्वदर्शी सन्त है जो शास्त्रानुसार भक्ति प्रदान कर रहे हैं। आध्यात्मिक लाभ प्राप्त करने के लिए और भक्ति करने के लिए सन्त रामपाल जी महाराज द्वारा दिये गए ज्ञान को समझें। सन्त रामपाल जी महाराज जी से दीक्षा ले और सन्त रामपाल जी के आदेशानुसार भक्ति करें।
आजा बंदे शरण राम की, फिर पीछे पछतायेगा ।
दिया लिया तेरे संग चलेगा, धरा ढका रह जाएगा ।
आ यम तेरे घट ने घेरे, तू राम कहन ना पावेगा ।।