September 10, 2025

Babri Masjid Demolition Case [Hindi]: बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में आया ऐतिहासिक फैसला

Published on

spot_img

Babri Masjid Demolition Case [Hindi]: अयोध्या, बाबरी मस्जिद को 1992 में तोड़ दिया गया था, कोर्ट में 28 साल चला मामला इसके बाद आया फैसला जिसमें सभी 32 अभियुक्त बरी हुए, आइए जानते हैं विस्तार से बाबरी मस्जिद विध्वंस केस के बारे में।

Babri Masjid Demolition case के मुख्य बिंदु Hindi में

  • 30 सितंबर 2020 को बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले का सुनाया गया फैसला ।
  • कुल 49 लोगों पर आरोप लगे थे। जज सुरेंद्र कुमार यादव ने कोर्ट में फैसले में 32 जीवित लोगों तथा 17 मृत्यु को प्राप्त हो चुके अभियुक्तों को किया बरी और कहा कि यह विध्वंस सुनियोजित नहीं था ।
  • फ़ैसला आने पर बीजेपी के मार्गदर्शक मंडल के प्रमुख नेता लालकृष्ण आडवाणी जी ने कहा ” ऐतिहासिक निर्णय दिया है” ।
  • साथ ही अयोध्या जन्मभूमि मामले में पक्षकार रहे हाशिम अंसारी के बेटे इक़बाल अंसारी ने कहा “हम कानून का पालन करने वाले मुसलमान हैं ।
  • ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी ने कहा, हाई कोर्ट में जाएगा मामला
  • इस नाशवान संसार में हम इस भूल भुलैया में पड़े हैं की हम सब अलग-अलग हैं लेकिन सत्य यह है कि हम सब एक ही राम के बच्चे हैं
  • हमें तत्वदर्शी संत की शरण में जाकर पूर्ण ज्ञान समझना होगा इसके बाद हम एक हो सकते हैं ,मिलजुल कर रह सकते हैं और साथ में पूर्ण मोक्ष प्राप्त कर सकते हैं

बाबरी मस्जिद विध्वंस केस से जुड़े लोगों के विचार

बुधवार, 30 सितंबर 2020 को आया है ऐतिहासिक फैसला, जिसमें बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने अपना फ़ैसला सुनाने के साथ – साथ सभी 32 अभियुक्तों को बरी कर दिया है। आपको बता दें कि अदालत ने कहा कि इस मामले में कोई ठोस सबूत नहीं है। न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार यादव ने साथ ही कहा कि ये विध्वंस सुनियोजित नहीं था।

साथ ही मुख्य बात यह है कि इस मामले में बीजेपी के मार्गदर्शक मंडल के प्रमुख नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती समेत कुल 32 लोगों को अभियुक्त बनाया गया था। जिसे कोर्ट ने पूर्णता ही समाप्त कर दिया है । इस फैसले का लोग बहुत सालों से इंतज़ार कर रहे थे, साथ ही कुछ लोग तो मृत्यु को प्राप्त हो चुकें है।

बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले (Babri Masjid Demolition Case) में बरी होने के बाद वरिष्ठ बीजेपी नेता मुरली मनोहर जोशी ने भी अदालत के फैसले को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने पत्रकारों से कहा:

राम मंदिर का निर्माण देश के महत्वपूर्ण आंदोलन के रूप में सामने आया था और इसका उद्देश्य देश की अस्मिता और मर्यादाओं को सामने रखने का था। ये अब पूरा होने जा रहा, मैं यही कहूंगा जय जय सिया राम, सबको सन्मति दे भगवान।”

अयोध्या जन्मभूमि मामले में पक्षकार रहे हाशिम अंसारी के बेटे इकबाल अंसारी ने कहा:

“हम कानून का पालन करने वाले मुसलमान हैं। अच्छा है, अगर अदालत ने बरी कर दिया तो ठीक है, बहुत लंबे समय से अटका हुआ मामला था, खत्म हो गया, अच्छा हुआ। यह ठीक है हम तो चाहते थे कि पहले ही इसका फैसला हो जाए, हम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं।”

Babri Masjid Demolition Case: बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में कौन लोग दोषी थे?

सोलहवीं सदी में मुग़ल बादशाह बाबर के दौर में बनी बाबरी मस्जिद को 6 दिसंबर, 1992 को कारसेवकों की एक भीड़ ने ढहा दिया था। इसके बाद पूरे देश में सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया, हिंसा हुई और सैंकड़ों की संख्या में लोगों की जानें गईं। उसके बाद बाबरी मस्जिद विध्वंस के मामले में दो एफ़आईआर दर्ज किए गए जिसमें पहली इसे गिराने वाले कारसेवकों के ख़िलाफ़, तो दूसरी बीजेपी, विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल और आरएसएस से जुड़े उन 8 लोगों के ख़िलाफ़ थी जिन्होंने रामकथा पार्क में मंच से कथित तौर पर भड़काऊ भाषण दिया था।

दूसरे एफ़आईआर में बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी, वीएचपी के तत्कालीन महासचिव अशोक सिंघल, बजरंग दल के नेता विनय कटियार, उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा, मुरली मनोहर जोशी, गिरिराज किशोर और विष्णु हरि डालमिया नामजद किए गए थे। जिनको 30 सितंबर 2020 को कोर्ट ने बरी कर दिया है।

पहला मामला सीबीआई को तो दूसरा मामला सीबीसीआईडी को सौंपा गया था। जिसे बाद में एक साथ जोड़ते हुए सीबीआई ने संयुक्त आरोप पत्र दाखिल किया क्योंकि यह दोनों ही मामले एक दूसरे से जुड़े हुए थे। फिर साथ ही आरोप पत्र में बाला साहेब ठाकरे, कल्याण सिंह, चंपत राय, धरमदास, महंत नृत्य गोपाल दास और कुछ अन्य लोगों के नाम जोड़े गए।

सीबीआई की मुख्य अदालत ने पूरी की कार्यवाही

इसमें कोई जल्दबाजी नहीं की गई और न ही मनमानी। इसी महीने की 2 तारीख को इस मुक़दमे में सीबीआई की विशेष अदालत ने सभी जो वर्तमान में जीवित हैं उन अभियुक्तों के बयान दर्ज करके मामले में सभी अदालती कार्यवाही पूरी कर ली थी। उसके बाद ही अदालत ने 30 सितंबर 2020 को फैसला सुनाने का निर्णय लिया था । कोर्ट की सुनवाई पूरी होने तक कुल मिलाकर इस मामले में सीबीआई द्वारा अपने पक्ष में 351 गवाह और करीब 600 दस्तावेज़ पेश किए गए ।

Babri Masjid Demolition Case में ऐसे आया कोर्ट का फैसला

पिछले साल जुलाई में सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले में आपराधिक मुकदमा पूरा करने की समय सीमा छह महीने बढ़ा दी थी और अंतिम आदेश देने के लिए कुल नौ महीने का समय दिया था। इस साल 19 अप्रैल को समय सीमा समाप्त हो गई और 31 अगस्त तक एक और विस्तार सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रदान किया गया था ।

वह अभियुक्त जिनकी मौत हो चुकी है

जिन सत्रह अभियुक्तों की मौत हो चुकी है , उनके नाम निम्नलिखित हैं:

  • अशोक सिंघल
  • बाला साहेब ठाकरे
  • विजय राजे सिंधिया
  • गिरिराज किशोर
  • विष्णुहरि डालमिया
  • महंत अवैद्यनाथ
  • परमहंस दास चंद्रदास
  • मोरेश्वर सावे
  • लक्ष्मीनारायण दास
  • विनोद कुमार वत्स
  • राम नारायण दास
  • डीबी दास
  • रमेश प्रताप सिंह
  • हरगोविंद सिंह
  • बैकुंठ लाल शर्मा
  • महामंडलेश्वर जगदीश मुनि महाराज
  • डॉ. सतीश नागर

आध्यत्मिक ज्ञान के अनुसार हम सब एक ही परम पिता परमात्मा की संतान हैं

हम सभी एक ही परमपिता की संतान है, फिर क्यों हम एक दूसरे को अलग मानते हैं? क्यों यह कहते हैं कि यह अलग समुदाय का है? क्यों कहते है कि इसके भगवान राम है तो इसके अल्लाह हैं । इसका कारण क्या है ?

गरीब दास जी कहते है:

जीव हमारी जाति है,मानव धर्म हमारा है।
हिंदू ,मुस्लिम, सिख ,ईसाई – धर्म नहीं कोई न्यारा है ।।

अर्थात् आदरणीय गरीब दास जी महाराज ने बताया है कि हमारी कोई अलग से जाति -धर्म नहीं है । हमारी जाति है जीव ,यदि हम मानवता को जानते हैं समझते हैं तो यही हमारा धर्म है । हिंदू , मुस्लिम, सिख, ईसाई हम सब भाई भाई हैं। हमारा धर्म कोई अलग नहीं है । हम सबका एक ही मालिक है पूर्ण राम, जिसकी भक्ति विधि जानने के बाद ही हमारे अंदर जीव भाव जागृत होगा, मानवता प्रकट होगी, फिर हमें कोई मनुष्य अलग नहीं लगेगा ।

कबीर साहेब (परमात्मा) जी कहते है कि :-

हे भोले मानव तू क्यों भूल भुलैया में भूल रहा है। इस जीवन को क्यों बर्बाद कर रहा है । यह मानव जन्म बार बार नहीं मिलता है । यह केवल सद्भक्ति करने के लिए पूर्ण परमात्मा हमें प्रदान करता है । बिना गुरु के मोक्ष नहीं होगा, क्योंकि रामचंद्र जी ने भी गुरु की शरण प्राप्त की फिर क्यों समय बर्बाद करें ।

समय रहते एक पूर्ण राम की भक्ति करना प्रारंभ करें और अपने वेदों पुराणों को समझने की कोशिश करें । इसके साथ ही पूर्ण संत की खोज कर ,पहचान कर उनकी शरण में जाकर अपना कल्याण करवाएं । हम ऐसे ही बिना सत्य जाने भगवान के लिए लड़ मर रहे हैं, जीवन को नष्ट न करके सत्य को जानें। सत्य को जानने के लिए आप Sant Rampal Ji Maharaj Official YouTube Channel पर संत रामपाल जी महाराज के सत्संग प्रवचन सुन सकते हैं क्योंकि असली राम अर्थात सबका मालिक एक की संपूर्ण जानकारी संत रामपाल जी के ही पास है।

Latest articles

SSC CGL 2025 Admit Card Released: Download Link, Exam Dates and SSC’s Strict Guidelines

The wait is finally over for lakhs of aspirants. The Staff Selection Commission (SSC)...

Hindi Diwas 2025: Honouring The Language That Unites India

Hindi Diwas is celebrated on 15 september every year in india. Know about the Date, Purpose, Significance, Events, Ceremonies, & Celebration of Hindi Diwas

Gaj Laxmi Vrat 2025: क्या गजलक्ष्मी व्रत करने से लाभ तथा पूर्ण मोक्ष संभव है?

Gaj Laxmi Vrat (गजलक्ष्मी व्रत): त्रिलोकीनाथ भगवन विष्णु की संगिनी माता लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के उद्देश्य से लोगों में 16 दिनों का व्रत करने का चलन है। अमूमन इंसान सुख, शांति, स्वास्थ्य की चाहत में भागता रहता है आइए इस अवसर पर जानें इसका सबसे सरल, सटीक, प्रभावी और एकमात्र उपाय।

World Suicide Prevention Day 2025: Human Life is Very Precious

Last Updated on 9 September 2025 IST: World Suicide Prevention Day is observed every...
spot_img

More like this

SSC CGL 2025 Admit Card Released: Download Link, Exam Dates and SSC’s Strict Guidelines

The wait is finally over for lakhs of aspirants. The Staff Selection Commission (SSC)...

Hindi Diwas 2025: Honouring The Language That Unites India

Hindi Diwas is celebrated on 15 september every year in india. Know about the Date, Purpose, Significance, Events, Ceremonies, & Celebration of Hindi Diwas

Gaj Laxmi Vrat 2025: क्या गजलक्ष्मी व्रत करने से लाभ तथा पूर्ण मोक्ष संभव है?

Gaj Laxmi Vrat (गजलक्ष्मी व्रत): त्रिलोकीनाथ भगवन विष्णु की संगिनी माता लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के उद्देश्य से लोगों में 16 दिनों का व्रत करने का चलन है। अमूमन इंसान सुख, शांति, स्वास्थ्य की चाहत में भागता रहता है आइए इस अवसर पर जानें इसका सबसे सरल, सटीक, प्रभावी और एकमात्र उपाय।