October 27, 2025

अमित शाह करेंगे ओखला में एशिया के सबसे बड़े सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का उद्घाटन, यमुना पुनरुद्धार को मिलेगी नई रफ्तार

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दिल्ली को मिलने जा रहा है एशिया का सबसे बड़ा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ओखला में इसका उद्घाटन करेंगे और साथ ही 4000 करोड़ की यमुना पुनरुद्धार परियोजनाओं की भी शुरुआत करेंगे। यह कदम राजधानी के सीवेज प्रबंधन और यमुना की सफाई के लिए बड़ा बदलाव साबित होगा।

  • केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ओखला में एशिया के सबसे बड़े सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) का उद्घाटन करेंगे।
  • 4000 करोड़ रुपये की लागत से यमुना पुनरुद्धार और सीवेज प्रबंधन से जुड़ी 46 परियोजनाओं की शुरुआत होगी।
  • यह प्लांट 124 एमजीडी क्षमता वाला है, जो दिल्ली के लगभग 40 लाख लोगों को लाभ पहुंचाएगा।
  • परियोजना का 85% खर्च केंद्र सरकार और 15% खर्च दिल्ली सरकार ने वहन किया है।
  • पुराने चार एसटीपी यूनिट्स को हटाकर आधुनिक तकनीक से निर्मित इस संयंत्र से यमुना में गंदे पानी का प्रवाह कम होगा।
  • दिल्ली जल बोर्ड के अनुसार, अपशिष्ट से बिजली उत्पादन और ए-ग्रेड स्लज तैयार करने की सुविधा भी इस प्लांट में होगी।

दिल्ली के ओखला में बनकर तैयार हुआ यह सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) एशिया का सबसे बड़ा माना जा रहा है। इसकी क्षमता 124 मिलियन गैलन प्रतिदिन (MGD) है। लगभग 1,161 करोड़ रुपये की लागत से 40 एकड़ भूमि पर निर्मित यह संयंत्र अब पुराने चार एसटीपी की जगह लेगा। यह सुविधा न केवल सीवेज शुद्धिकरण के लिए बल्कि अपशिष्ट से ऊर्जा उत्पादन और कृषि के लिए सुरक्षित कीचड़ तैयार करने में भी उपयोगी होगी।

दिल्ली जल बोर्ड (DJB) के अनुसार, इस नई परियोजना से दक्षिण, मध्य और पुरानी दिल्ली के लगभग 40 लाख लोग सीधे लाभान्वित होंगे। अब यमुना नदी में बहने वाला अनुपचारित सीवेज बड़े स्तर पर कम होगा। इस कदम को यमुना कार्य योजना-III का अहम हिस्सा माना जा रहा है।

इस परियोजना का निर्माण 2019 में शुरू हुआ था, लेकिन कोविड-19 महामारी और निर्माण संबंधी प्रतिबंधों के चलते इसमें देरी हुई। मूल रूप से इसे 2022 में पूरा किया जाना था, लेकिन अप्रैल 2024 में काम समाप्त हुआ और सफल परीक्षण के बाद अब इसका उद्घाटन किया जा रहा है। इसमें 85% धनराशि केंद्र सरकार ने और शेष 15% दिल्ली सरकार ने वहन की।

अमित शाह इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) के तहत करीब 4000 करोड़ रुपये की लागत से 46 अन्य सीवेज और स्वच्छता परियोजनाओं की भी शुरुआत करेंगे। इनमें दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में नई सीवेज लाइनें बिछाने और मौजूदा संयंत्रों को अपग्रेड करने जैसे कदम शामिल हैं।

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दिल्ली सरकार और जल बोर्ड ने हाल ही में कई विकेंद्रित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (DSTP) स्थापित करने का निर्णय लिया है। ये छोटे-छोटे संयंत्र उन जगहों पर लगाए जाएंगे जहां बड़े प्लांट्स बनाना संभव नहीं है। इससे नरेला, बवाना, मुण्डका जैसे इलाकों के लाखों लोगों को फायदा होगा। लगभग 59 कॉलोनियों और 37 गांवों को इस परियोजना से जोड़ा जाएगा।

वर्तमान में दिल्ली जल बोर्ड की क्षमता 600–700 एमजीडी के आसपास है। लेकिन 2027 तक इसे बढ़ाकर 1250 एमजीडी तक करने का लक्ष्य रखा गया है। इस नई परियोजना के उद्घाटन से राजधानी की सीवेज प्रबंधन क्षमता में बड़ा सुधार होगा और यमुना पुनरुद्धार का सपना एक कदम और आगे बढ़ेगा।

यमुना नदी में अनुपचारित सीवेज का प्रवाह लंबे समय से चिंता का विषय रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि ओखला एसटीपी और अन्य नई परियोजनाएं इस चुनौती से निपटने में अहम भूमिका निभाएंगी। स्थानीय स्तर पर साफ पानी और स्वच्छता सुविधाएं बढ़ेंगी, जिससे दिल्लीवासियों की जीवन गुणवत्ता में भी सुधार होगा।

इस उद्घाटन को केवल एक परियोजना का शुभारंभ नहीं बल्कि दिल्ली और यमुना की स्वच्छता की दिशा में ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। आधुनिक तकनीक और बड़े निवेश से जुड़ा यह प्रयास भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ और बेहतर पर्यावरण सुनिश्चित करेगा।

ओखला एसटीपी और यमुना पुनरुद्धार से जुड़ी इन परियोजनाओं का उद्घाटन दिल्ली की स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में ऐतिहासिक अवसर है। यह कदम राजधानी के लाखों लोगों को न सिर्फ स्वच्छ वातावरण देगा, बल्कि जल संरक्षण, अपशिष्ट प्रबंधन और ऊर्जा उत्पादन के नए रास्ते भी खोलेगा। आने वाले वर्षों में जब इन योजनाओं का पूरा असर दिखेगा, तब यमुना नदी और दिल्ली दोनों को इसका बड़ा लाभ मिलेगा।

यद्यपि ओखला सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और यमुना पुनरुद्धार परियोजनाएं भौतिक और पर्यावरणीय दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, परंतु जीवन में सच्ची शांति, स्वच्छता और उन्नति का मार्ग आध्यात्मिक ज्ञान से ही प्राप्त होता है। संत रामपाल जी महाराज जी अपने सत्संग में बताते हैं कि पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब ने इस सृष्टि की रचना की है और मानव मात्र के उद्धार के लिए सत्संग का मार्ग निर्धारित किया।

संत रामपाल जी महाराज जी का ज्ञान हमें यह सिखाता है कि केवल भौतिक प्रयासों से जीवन की समस्याओं का समाधान नहीं होता। जहां विज्ञान की सीमा समाप्त होती है, वहीं आध्यात्मिक मार्ग शुरू होता है। यह मार्ग मानव को सत्य, मोक्ष और परमात्मा की प्राप्ति की दिशा में ले जाता है।

आज के समय में, जैसे हम यमुना की सफाई के लिए प्रयास कर रहे हैं, उसी प्रकार आध्यात्मिक शुद्धि और सत्संग से आत्मा और जीवन को भी शुद्ध किया जा सकता है। सत्संग में प्राप्त होने वाला ज्ञान केवल मोक्ष की प्राप्ति नहीं कराता, बल्कि इंसान को सही निर्णय लेने, न्यायपूर्ण कार्य करने और ईश्वर भक्ति में स्थिर रहने की सीख भी देता है।

सभी भक्तगण और अध्ययनशील व्यक्तियों के लिए, संत रामपाल जी महाराज जी का यह अद्वितीय ज्ञान जीवन में सकारात्मक परिवर्तन और सच्ची उन्नति की कुंजी साबित होगा।

अधिक जानकारी और सत्संग के लिए आप www.jagatgururampalji.org पर जा सकते हैं।

Q1. ओखला में बन रहा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट कितना बड़ा है और इसकी क्षमता कितनी है?

ओखला में तैयार किया गया सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट एशिया का सबसे बड़ा माना जा रहा है। इसकी क्षमता 124 मिलियन गैलन प्रतिदिन (MGD) है, जो दिल्ली के लगभग 40 लाख निवासियों को लाभ पहुंचाएगा।

Q2. ओखला सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट परियोजना की लागत कितनी है और इसे किसने फंड किया है?

इस परियोजना की लागत लगभग 1,161 करोड़ रुपये है। इसमें 85% फंडिंग केंद्र सरकार और शेष 15% फंडिंग दिल्ली सरकार ने की है।

Q3. इस प्लांट से दिल्ली और यमुना नदी को क्या फायदा होगा?

यह प्लांट यमुना नदी में जाने वाले अनुपचारित सीवेज को काफी हद तक कम करेगा। साथ ही अपशिष्ट से बिजली और ए-ग्रेड स्लज का उत्पादन होगा, जिससे पर्यावरण संरक्षण और कृषि को भी फायदा होगा।

Q4. 4000 करोड़ की यमुना पुनरुद्धार योजनाओं में क्या-क्या शामिल है?

इन योजनाओं में 46 नई परियोजनाएं शामिल हैं जिनमें सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स का अपग्रेडेशन, नई सीवेज लाइनें बिछाना और विकेंद्रित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (DSTPs) की स्थापना शामिल है।

Q5. दिल्ली जल बोर्ड की सीवेज प्रबंधन क्षमता भविष्य में कितनी बढ़ाई जाएगी?

फिलहाल दिल्ली जल बोर्ड की क्षमता लगभग 600–700 MGD है। सरकार का लक्ष्य है कि जून 2027 तक इसे बढ़ाकर 1250 MGD तक किया जाए।

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