December 23, 2025

बाटला हाउस एनकाउंटर दोषी को सजा-ए-मौत: सत ज्ञान से होगा सुधार

Published on

spot_img

आज से 13 वर्ष पूर्व हुए बाटला हाउस एनकाउंटर के दोषी आरिज़ खान को साकेत कोर्ट दिल्ली ने मृत्यु दंड सुनाया है। एक लंबे केस के बाद अंततः अदालत इस नतीजे पर पहुंची है। जानकारी के लिए बता दें कि बाटला हाउस एनकाउंटर पर काफी सियासत हो चुकी है। तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के तत्वज्ञान के प्रभाव से लोगों ने आपराधिक प्रवृत्ति को छोड़कर आध्यात्मिक साधना प्रारंभ की है। 

बाटला हाउस एनकाउंटर: मुख्य बिंदु

  • वर्ष 2008 में दिल्ली के 45 स्थानों पर बम धमाके हुए थे जिसमें 26 लोग मारे गए थे
  • ठीक दूसरे दिन पुलिस ने बाटला हाउस एनकाउंटर में दो आतंकी मारे वहीं पुलिस निरीक्षक मोहनचंद शर्मा शहीद हुए थे
  • बाटला हाउस एनकाउंटर के आरोपी आरिज़ खान को आज अदालत ने फाँसी की सजा सुनाई है
  • केवल संत रामपाल जी महाराज के नियम ही समाज में ला सकते हैं सच्ची शांति और सुख

बाटला हाउस एनकाउंटर दोषी आरिज़ खान को सुनाई गई फांसी की सजा 

बाटला हाउस में इंस्पेक्टर मोहनचंद शर्मा की हत्या के दोषी आरिज़ को अदालत द्वारा मृत्यु की सजा सुनाई गई है। बाटला हाउस एनकाउंटर के बाद आरिज़ दस वर्षों तक फरार रहा और अंततः गिरफ्तार हुआ। उसके बाद भी उसे अपने किये पर कोई पछतावा नहीं था। वह न केवल इंस्पेक्टर शर्मा की हत्या का दोषी पाया गया बल्कि उसने पुलिसकर्मियों बलवंत सिंह-राजवीर को भी जान से मारने की कोशिश की थी। आरिज़ को सन 2018 में नेपाल से गिरफ्तार किया गया था। अदालत ने आरिज़ खान को आर्म्स एक्ट एवं भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 307 एवं अन्य धाराओं के तहत दोषी करार किया है।

सत्र न्यायाधीश संदीप यादव ने बताया दुर्लभतम मामला

10 साल तक पुलिस को चकमा देने के पश्चात गिरफ्तार हुए आरिज़ खान को सजा सुनाते हुए न्यायाधीश संदीप ने इसे दुर्लभतम केस करार दिया है। आरिज़ के वकील ने उसकी कम उम्र का हवाला देते हुए अदालत से उदारता दिखाने की पैरवी की थी। न्यायाधीश ने 22 पेज के फैसले में उन वजहों का उल्लेख किया है जिनके कारण कोर्ट ने आरिज़ को फांसी देना ही उचित समझा। अदालत के अनुसार आरिज़ ने अपने साथियों के साथ मिलकर साजिशन इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की गोली मारकर हत्या की थी। आरिज कथित रूप से आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन से जुड़ा है। पुलिस का यह दावा था कि वह अन्य चार लोगों के साथ बाटला हाउस में मौजूद था। आरिज़ पुलिस को चकमा देने में कामयाब रहा।

क्या है बाटला हाउस एनकाउंटर?

16 सितंबर 2008 को राजधानी दिल्ली के करोल बाग, कनॉट प्लेस, ग्रेटर कैलाश व इंडिया गेट पर सीरियल बम धमाके हुए थे जिनमें 26 लोग मारे गए एवं 133 घायल हुए थे। मामले की जांच के लिए पुलिस की टीम गठित की गई जिसमें यह पता चला कि आतंकी बाटला हाउस के एक फ्लैट एल-18 में  छिपे हैं। पुलिस ने 19 सितम्बर 2008 को बाटला हाउस चारों ओर से घेर लिया। कार्यवाही के दौरान दो संदिग्ध आतंकी मारे गए एवं इंस्पेक्टर मोहनचंद शर्मा की गोली लगने से मौत हो गई। पुलिस के अनुसार शहजाद उस फ्लैट से भाग गया था। शहजाद का पता एक अन्य आतंकी मोहम्मद सैफ के बयान से चला। शहज़ाद को गिरफ्तार किया गया जिसने आरिज़ का नाम लिया। आरिज़ को भगौड़ा अपराधी घोषित किया जा चुका था। अंततः दस वर्ष बाद उसे गिरफ्तार किया गया और फांसी की सजा सुनाई गई है।

समाज में क्यों जन्म लेती हैं आपराधिक प्रवृतियाँ?

आतंकवाद या अपराधिक तत्वों का न कोई मज़हब होता है और न ही नैतिकता। समाज में मुख्य रूप से तत्वज्ञान की कमी से आपराधिक तत्वों का उदय होता है। वे चाहे चोरी करें, बलात्कार करें, आतंकवाद फैलाएं, लोगों  को नुकसान पहुंचायें वे ऐसा कुछ भी करते हैं तो केवल संविधान की गरिमा को ठेस नहीं पहुंचाते बल्कि वे अपने गैर जिम्मेदार नागरिक होने का सबूत देते हैं। रास्ते से भटके हुए वे लोग होते हैं जिन्हें सही तालीम नहीं दी गई या जिन्हें आतंकवाद ने स्वयं जकड़ लिया हो। आपराधिक प्रवृतियाँ समाज में नई नहीं हैं।

कैसे हो अपराधी प्रवृत्ति का खात्मा?

अपराधों का खात्मा करने के लिए सबसे पहले उन सभी गतिविधियों पर लगाम कसनी होगी जो आतंकवाद को या अपराध को जन्म देती हैं। आज तक न जाने कितने ही प्रकार के अपराध होते आए हैं उन्हें कानूनी सजा भी सुनाई गई है किंतु विचार करें क्या यह पर्याप्त था? पर्याप्त होता तो पुनः ये अपराध समाज में सिर नहीं उठाते। वास्तव में तत्व ज्ञान के अभाव में प्राणी अनेकों ऐसे कार्य करता है जिनके सही गलत होने का उसे पता नहीं होता है। तत्वज्ञान से विवेक की जागृति होती है जिससे व्यक्ति सही गलत का निर्णय कर पाता है।

किसके पास है वर्तमान में तत्वज्ञान?

तत्वज्ञान सुनाने वाला केवल परमेश्वर का नुमाइंदा ही होता है वो वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज हैं। उनके तत्वज्ञान के प्रभाव से लाखों की संख्या में लोगों ने समाज सुधार का कार्य आरम्भ किया है। उनके अनुयायी भ्रष्टाचार, चोरी, रिश्वतखोरी, दहेज, भ्रूण हत्या, नशा आदि नहीं करते। सन्त रामपाल जी के तत्वज्ञान ने न जाने कितने शराबियों का जीवन सुधारा, बेटियों को बोझ बनने से बचाया। रक्तदान, देहदान आदि समाजहित के कार्यों में वृद्धि आयी। वर्तमान समय की आवश्यकता है कि सन्त रामपाल की महाराज के तत्वज्ञान से परिचित हों अपने बच्चों को भी कराएं ताकि उनमें समाजहित के शुभ संस्कार पड़ें न कि आतंकवाद, अपराध के। संत रामपाल जी से नाम दीक्षा लेकर सतभक्ति द्वारा लोग मोक्ष की ओर अग्रसर हों । अधिक जानकारी के लिए सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल पर सत्संग सुनें साथ ही पवित्र पुस्तक ‘जीने की राह’ अवश्य पढ़ें।

Latest articles

Christmas Day 2025 in Hindi: क्रिसमस का इतिहास, कहानी, यीशु मसीह का जीवन और 25 दिसंबर का सत्य 

क्रिसमस (Christmas Day in Hindi) पूरे विश्व के ईसाई धर्म के लोगों के द्वारा मनाया जाता हैं। जानिए सर्वशक्तिमान प्रभु के बारे में

Christmas 2025: Know How To Truly Celebrate Christmas

Christmas Day is celebrated on 25 December every year on the birthday of Jesus Christ. Know the story, facts, and quotes for Merry Christmas.

तालाब बन चुके स्कूल, सड़ चुके खेत — गंगड़वा में संत रामपाल जी महाराज ने लौटाई ज़िंदगी

यह कहानी केवल खेतों में भरे पानी की नहीं, बल्कि उस गाँव की है...

किसान रत्न सम्मान: डाया गांव में भारतीय किसान यूनियन (अ) द्वारा संत रामपाल जी महाराज का ऐतिहासिक अभिनंदन

भारत का किसान केवल खेत में फसल नहीं उगाता, बल्कि पूरे देश का भविष्य...
spot_img

More like this

Christmas Day 2025 in Hindi: क्रिसमस का इतिहास, कहानी, यीशु मसीह का जीवन और 25 दिसंबर का सत्य 

क्रिसमस (Christmas Day in Hindi) पूरे विश्व के ईसाई धर्म के लोगों के द्वारा मनाया जाता हैं। जानिए सर्वशक्तिमान प्रभु के बारे में

Christmas 2025: Know How To Truly Celebrate Christmas

Christmas Day is celebrated on 25 December every year on the birthday of Jesus Christ. Know the story, facts, and quotes for Merry Christmas.

तालाब बन चुके स्कूल, सड़ चुके खेत — गंगड़वा में संत रामपाल जी महाराज ने लौटाई ज़िंदगी

यह कहानी केवल खेतों में भरे पानी की नहीं, बल्कि उस गाँव की है...